चंडीगढ़: शहर के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान पीजीआईएमईआर पर कई सालों से अनट्रीटेड वेस्ट वाटर नगर निगम के सीवरेज में छोड़े जाने का मामला सामने आया है. जिस पर पोलूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से पीजीआई को फटकार लगाते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए गए हैं. अगर पीजीआई इस ट्रीटमेंट प्लांट को नहीं लगाता है, तो उस पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.
अस्पताल द्वारा अनट्रीटेड वेस्ट वाटर को निगम सीवरेज में छोड़ने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पोलूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. पोलूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से पीजीआई को फटकार लगाते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की आदेश दे दिए गए हैं. इससे पहले पोलूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से लगातार शहर के बड़े-बड़े संस्थानों को नोटिस जारी किए गए थे.
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जिनमें रेलवे स्टेशन, स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ मार्केट एरिया को पेनल्टी लगाते हुए नोटिस जारी किए गए थे. पीजीआई जैसे कई बड़े संस्थानों को बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद अनट्रीटेड वेस्ट वाटर के डिस्चार्ज को नहीं रोका जा रहा है. जिसके चलते लगभग 3.5 एमजीडी लिक्विड वेस्ट निगम के सीवरेज में छोड़ा जा रहा है. पीजीआई पर आरोप है कि वह शहर में सबसे ज्यादा फ्यूशन फैलाने वाला संस्थान बन गया है.
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पीजीआई द्वारा 1974 में बनाए एक्ट प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन की पालना नहीं की जा रही है. जिसके चलते पोलूशन कंट्रोल कमेटी की तरफ से पीजीआई को 6 महीने पहले भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इस संबंध में जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. जिसके बाद सख्ती दिखाते हुए प्रदूषण कंट्रोल कमेटी की तरफ से यूपी के एडवाइजर धर्मपाल को इस मामले से अवगत करवाया गया. वहीं एडवाइजर की तरफ से पीजीआई के सीनियर अधिकारियों के साथ कुछ दिन पहले हुई मीटिंग में एसटीपी और ईटीपी लगाने के आदेश दिए गए हैं.