चंडीगढ़ः राम मंदिर को लेकर दिए गए फैसले पर मौलाना अजमल कसाब ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक आजाद संस्था है. वह किसी के दबाव में काम नहीं करती और सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को लेकर जो भी फैसला लिया है. वो सोच समझ कर लिया है. उन्होंने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर है.
देश का भाईचारा सबसे अहम- मौलाना अजमल
चंडीगढ़ जामा मस्जिद के मौलाना अजमल खान कसाब ने कहा कि वे देश में हर धर्म के लोगों से यही अपील करते हैं कि वो देश में शांति और भाईचारा बनाकर रखें. देश का अमन और चैन किसी भी कीमत पर बिगड़ना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला जो भी है, लेकिन हम एक ही मुल्क के लोग हैं और हमे देश की एकता को बनाए रखना है.
हर धर्म के लोग रखें संयम- मौलाना अजमल
इस दौरान सभी धर्म के लोगों से अपील करते हुए मौलाना अजमल ने कहा कि जिन लोगों के हक में फैसला आया है. वो भी सब्र और संयम से काम लें और जिन लोगों के खिलाफ फैसला आया है वो भी शांति बनाए रखें. देश में भाईचारा और अमन चैन रहना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसे बयान ना दें जिससे दूसरे समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे.
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अयोध्या भूमि विवाद का ऐतिहासिक फैसला
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है.
यानी कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है. राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है.