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चंडीगढ़: जंगली जानवरों के हमले में शिकार लोगों को विभाग देगा दो से पांच लाख का मुआवजा

अगर किसी जंगली जानवर की वजह से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो विभाग की ओर से उसके परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अगर यदि कोई व्यक्ति जंगली जानवर की वजह से घायल हो जाता है तो उसे 2 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा.

Chandigarh Forest and Wildlife Department will give compensation of 5 lakh to the victims of wild animal attack
जंगली जानवरों के हमले में शिकार लोगों को विभाग देगा दो से पांच लाख का मुआवजा
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Published : Oct 7, 2020, 10:38 PM IST

चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत अगर किसी व्यक्ति को जंगली जानवर की वजह से नुकसान पहुंचता है. तो उसे विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा.

इस योजना के बारे में ईटीवी की टीम ने चंडीगढ़ फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर देवेंद्र दलाई से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार अगर किसी जंगली जानवर की वजह से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो विभाग की ओर से उसके परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अगर यदि कोई व्यक्ति जंगली जानवर की वजह से घायल हो जाता है तो उसे 2 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा.

वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ने बताई योजना की जानकारी, देखिए वीडियो

बंदर के काटने पर भी मिलेगा मुआवजा

देवेंद्र दलाई ने कहा कि कई बार जंगली जानवर सड़कों पर आ जाते हैं और कई वाहनों की ओर से टक्कर हो जाती है. इस वजह से कई लोग घायल हो चुके हैं. कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें जंगली जानवर जैसे बंदर आदि ने लोगों को काट लिया हो, इस तरह के मामले आने पर पीड़ित लोगों को इसका मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कई तरह के इंतजाम किए गए हैं ताकि जंगली जानवर जंगल से बाहर निकलकर सड़कों पर ना आए, लेकिन उन्हें पूरी तरह से जंगल के अंदर रखना संभव नहीं होता.

'जंगली जानवरों को बचाने की कोशिश है'

डायरेक्टर देवेंद्र दलाई ने कहा कि जब कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है तो लोग उसे जान से मारने की कोशिश भी करते हैं. विभाग यह चाहता है कि लोग उस जानवर को नुकसान ना पहुंचाएं और अगर कोई व्यक्ति घायल हो गया है तो उसे विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाए, ताकि वह अपना सही तरीके से इलाज करवा सके. यह एक ऐसी कोशिश है जिसके तहत लोगों को यह संदेश दिया जा रहा है कि वह किसी भी जंगली जानवर को नुकसान ना पहुंचाएं.

'सांप और पालतु जानवरों के हमले पर नहीं मिलेगा मुआवजा'

इसके अलावा उन्होंने कहा यह योजना पालतू पशु जैसे गाय, भैंस, गधा, खच्चर आदि पर लागू नहीं होती. क्योंकि वह जानवर पालतू जानवर होते हैं ना कि जंगली जानवर. इसलिए उन जानवरों को वाइल्ड लाइफ में शामिल नहीं किया जा सकता. दूसरी ओर अगर किसी को सांप काट लेता है तो भी उसे कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. क्योंकि सांप लगभग हर जगह पाए जाते हैं. साथ ही अगर कोई व्यक्ति जंगल में है और तब उसे कोई जानवर नुकसान पहुंचाता है तब भी उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं:-पानीपत: यमुना का जल स्तर कम होने से बदमाशों की मौज, चोरी और नशा तस्करी बढ़ी

चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत अगर किसी व्यक्ति को जंगली जानवर की वजह से नुकसान पहुंचता है. तो उसे विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाएगा.

इस योजना के बारे में ईटीवी की टीम ने चंडीगढ़ फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर देवेंद्र दलाई से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन के अनुसार अगर किसी जंगली जानवर की वजह से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो विभाग की ओर से उसके परिवार को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं अगर यदि कोई व्यक्ति जंगली जानवर की वजह से घायल हो जाता है तो उसे 2 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा.

वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ने बताई योजना की जानकारी, देखिए वीडियो

बंदर के काटने पर भी मिलेगा मुआवजा

देवेंद्र दलाई ने कहा कि कई बार जंगली जानवर सड़कों पर आ जाते हैं और कई वाहनों की ओर से टक्कर हो जाती है. इस वजह से कई लोग घायल हो चुके हैं. कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें जंगली जानवर जैसे बंदर आदि ने लोगों को काट लिया हो, इस तरह के मामले आने पर पीड़ित लोगों को इसका मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कई तरह के इंतजाम किए गए हैं ताकि जंगली जानवर जंगल से बाहर निकलकर सड़कों पर ना आए, लेकिन उन्हें पूरी तरह से जंगल के अंदर रखना संभव नहीं होता.

'जंगली जानवरों को बचाने की कोशिश है'

डायरेक्टर देवेंद्र दलाई ने कहा कि जब कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है तो लोग उसे जान से मारने की कोशिश भी करते हैं. विभाग यह चाहता है कि लोग उस जानवर को नुकसान ना पहुंचाएं और अगर कोई व्यक्ति घायल हो गया है तो उसे विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाए, ताकि वह अपना सही तरीके से इलाज करवा सके. यह एक ऐसी कोशिश है जिसके तहत लोगों को यह संदेश दिया जा रहा है कि वह किसी भी जंगली जानवर को नुकसान ना पहुंचाएं.

'सांप और पालतु जानवरों के हमले पर नहीं मिलेगा मुआवजा'

इसके अलावा उन्होंने कहा यह योजना पालतू पशु जैसे गाय, भैंस, गधा, खच्चर आदि पर लागू नहीं होती. क्योंकि वह जानवर पालतू जानवर होते हैं ना कि जंगली जानवर. इसलिए उन जानवरों को वाइल्ड लाइफ में शामिल नहीं किया जा सकता. दूसरी ओर अगर किसी को सांप काट लेता है तो भी उसे कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा. क्योंकि सांप लगभग हर जगह पाए जाते हैं. साथ ही अगर कोई व्यक्ति जंगल में है और तब उसे कोई जानवर नुकसान पहुंचाता है तब भी उसे इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.

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