चंडीगढ़: रविवार को चंडीगढ़ में 10 दिवसीय क्राफ्ट मेले का समापन हुआ. उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त रूप से 10 दिवसीय क्राफ्ट मेला का आयोजन किया था. इस मेले में खूबसूरत स्टॉल लगाई गई थी. जिसमें बनारसी और रेशम की साड़ी, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सूती वस्त्र, गुजरात और राजस्थान के आभूषण, कालीन, टेराकोटा और मिट्टी के बर्तनों की वस्तुएं और पश्चिम बंगाल के सूखे फूल जैसे उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई.
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इस 13वें कलाग्राम शिल्प मेले के आखिरी दिन की शुरुआत जम्मू कश्मीर के कलाकारों के लोक नृत्य धमाली की प्रस्तुति से शुरू हुई. इसके बाद मिजोरम का लोक नृत्य हुआ. इसके बाद उत्तराखंड के कलाकारों की ओर से छपेली, हरियाणा के कलाकारों की ओर से घूमर, मणिपुर का थांगटा और पंजाब के कलाकारों ने भांगड़ा की प्रस्तुति दी. मेले में आए दर्शक भी कलाकारों के साथ खुद को थिरकने से रोक नहीं पाए. वहीं दोपहर के सत्र में सुखविंदर सुक्खी की ओर से पंजाबी लोक गायन की प्रस्तुति हुई. जिसमें सुखविंदर सुक्खी ने 'सानू छड़ के वेख लयी' और 'जट्ट दा पसंद मुंडा कर ले' जैसे गाने गए.
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मेले में शाम के सत्र में मेघालय का लोक नृत्य वांगला, हिमाचल प्रदेश के कलाकारों की ओर से सिरमौरी नाटी, जम्मू-कश्मीर की ओर से गीतरु, पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा राईबेंसे, त्रिपुरा का लोक नृत्य होजागिरी, लद्दाख का लोक नृत्य बाल्टी, दादरा एवं नगर हवेली के कलाकारों की ओर से माछी, असम के कलाकारों द्वारा बिहू, उत्तर प्रदेश का लोक नृत्य मयूर और मणिपुर के कलाकारों द्वारा लाई हरोबा की प्रस्तुति दी गई. वहीं शाम को म्यूजिकल नाइट में पंजाबी गायक प्रभ गिल की प्रस्तुति के साथ 13वें कलाग्राम शिल्प मेले का समापन हो गया.
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