चंडीगढ़: 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती (Bahadur Shastri birth anniversary) मनाई जाती है. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में हुआ था. चंडीगढ़ के कलाकार वरुण टंडन (Varun Tandon Artist Chandigarh) ने लाल बहादुर शास्त्री को अनोखे तरीके से उनके जन्मदिवस की बधाई दी है.
वरुण टंडन प्रोफेशनल आर्टिस्ट हैं. जो अलग-अलग तरीकों से पोट्रेट बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्होंने स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर गेहूं के दाने और बंदूक के छर्रों से उनका एक पोट्रेट (portrait of wheat and bullet pellets) बनाया है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था. जिस वजह से वरुण टंडन ने किसान को प्रदर्शित करने के लिए गेहूं के दाने और जवान को प्रदर्शित करने के लिए बंदूक के छर्रों का इस्तेमाल किया है.
वरुण टंडन ने बंदूक के छर्रे शहीद मेजर विक्रम बत्रा शूटिंग एकेडमी से एकत्र किए हैं. इन दोनों चीजों के मेल से उन्होंने स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री का पोट्रेट तैयार किया है. बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री का पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था. लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा हरीशचंद्र उच्च विद्यालय से हुई. \
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उन्होंने काशी विद्या पीठ से स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की, उसके बाद उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि से सम्मानित किया गया. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद का उत्तरदायित्व सौंपा था. लाल बहादुर शास्त्री ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. कई बार उन्हें स्वाधीनता आंदोलनों में अपनी भूमिका के लिए जेल भी जाना पड़ा.
लाल बहादुर शास्त्री राजनीतिक क्षेत्र में गोविंद वल्लभ पंत और जवाहरलाल नेहरू से प्रभावित थे. देश की आजादी के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. शास्त्री जी का पूरा जीवन ही लोगों के लिए एक आदर्श है. 26 जनवरी, 1965 को लाल बहादुर शास्त्री ने देश के जवानों और किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया.