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350 करोड़ के मुनाफे वाले बिजली विभाग को बेचने की तैयारी में चंडीगढ़ प्रशासन

इस समय नगर निगम में फंड की सबसे ज्यादा कमी है. इसके चलते शहर में पानी की किल्लत अब तक दूर नहीं हुई है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए आखिरकार प्रशासन क्यों किसी प्राइवेट प्लेयर या कंपनी को प्रोजेक्ट नहीं सौंप देता.

Chandigarh administration privatize electricity department
Chandigarh administration privatize electricity department
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Published : Dec 12, 2020, 9:34 PM IST

चंडीगढ़: 350 करोड़ रुपये के मुनाफे वाले बिजली विभाग को टेकओवर करने की दौड़ में अंबानी, अडानी और टाटा सहित नौ बड़ी प्राइवेट कंपनियां लाइन में लगी हैं. इन नौ कंपनियों ने बिजली विभाग की ओर से जारी किए गए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में अपनी रूचि दिखाई है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि चंडीगढ़ प्रशासन उन विभागों का निजीकरण क्यों कर रहा है, जोकि पहले से ही करोड़ों रुपये के मुनाफे में चल रहे हैं. प्रशासन उन विभागों का निजीकरण क्यों नहीं करता जो विभाग करोड़ों रुपये के घाटे या फंड की कमी से जूझ रहे हैं.

इस समय नगर निगम में फंड की सबसे ज्यादा कमी है. इसके चलते शहर में पानी की किल्लत अब तक दूर नहीं हुई है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए आखिरकार प्रशासन क्यों किसी प्राइवेट प्लेयर या कंपनी को प्रोजेक्ट नहीं सौंप देता.

बिजली विभाग के निजीकरण की दौड़ में ये कंपनियां

  • बिजली विभाग के निजीकरण की दौड़ में सीएईएससी लिमिटिड
  • टोरेंट पावर लिमिटिड
  • स्टरलाइट पावर
  • अडानी ट्रांसमीशन लिमिटेड
  • टाटा पावर कंपनी लिमिटेड
  • जीएमआर जेनरेशन असेट लिमिटेड
  • इंडिया पावर कारपोरेशन लिमिटेड
  • डीएनएच पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड
  • एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई लिमिटेड कंपनी शामिल हैं

23 दिसंबर तक अभी आरएफपी खरीदा जा सकता है. आरएफपी के बदले में बिजली विभाग पांच लाख रुपये फीस के तौर पर चार्ज कर रहा है.

30 दिसंबर तक बिड देने की आखिरी तारीख
प्रशासन की ओर से बिड देने की अंतिम तारीख 30 दिसंंबर निर्धारित की गई है. बिडिंग में जिस भी बिडर कंपनी की सबसे ऊंची बोली होगी. उसे शहर में पावर सप्लाई का काम सौंपा जाएगा. बिड सिक्योरिटी के तौर पर 10 करोड़ रुपये कंपनी से बैंक गारंटी ली जा रही है. तभी कंपनी बिड में शामिल हो सकती है. बिडिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी बिजली विभाग के सभी एसेट यानी पूंजी और इंफ्रास्ट्रक्चर को टेकओवर कर लेगी.

ये भी पढ़ें- पानीपत में बन रहा है अडानी ग्रुप का अनाज गोदाम, 2018 में खरीदी गई थी जमीन

शहर में 2.47 लाख बिजली उपभोक्ता
शहर में इस समय 2.47 लाख लोग बिजली उपभोक्ता हैं. इन उपभोक्ता को नौ अलग कैटेगरी में बांटा गया है. इनमें से 2.14 लाख लोग घरेलू बिजली का इस्तेमाल करते हैं, जोकि 87 प्रतिशत है. जबकि बाकी 23 प्रतिशत लोग जो बिजली उपभोक्ता हैं, उनमें कॉमर्शियल, स्मॉल पावर, पब्लिक लाइटिंग और कृषि क्षेत्र में बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है.

चंडीगढ़: 350 करोड़ रुपये के मुनाफे वाले बिजली विभाग को टेकओवर करने की दौड़ में अंबानी, अडानी और टाटा सहित नौ बड़ी प्राइवेट कंपनियां लाइन में लगी हैं. इन नौ कंपनियों ने बिजली विभाग की ओर से जारी किए गए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में अपनी रूचि दिखाई है.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि चंडीगढ़ प्रशासन उन विभागों का निजीकरण क्यों कर रहा है, जोकि पहले से ही करोड़ों रुपये के मुनाफे में चल रहे हैं. प्रशासन उन विभागों का निजीकरण क्यों नहीं करता जो विभाग करोड़ों रुपये के घाटे या फंड की कमी से जूझ रहे हैं.

इस समय नगर निगम में फंड की सबसे ज्यादा कमी है. इसके चलते शहर में पानी की किल्लत अब तक दूर नहीं हुई है. पानी की किल्लत को दूर करने के लिए आखिरकार प्रशासन क्यों किसी प्राइवेट प्लेयर या कंपनी को प्रोजेक्ट नहीं सौंप देता.

बिजली विभाग के निजीकरण की दौड़ में ये कंपनियां

  • बिजली विभाग के निजीकरण की दौड़ में सीएईएससी लिमिटिड
  • टोरेंट पावर लिमिटिड
  • स्टरलाइट पावर
  • अडानी ट्रांसमीशन लिमिटेड
  • टाटा पावर कंपनी लिमिटेड
  • जीएमआर जेनरेशन असेट लिमिटेड
  • इंडिया पावर कारपोरेशन लिमिटेड
  • डीएनएच पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड
  • एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई लिमिटेड कंपनी शामिल हैं

23 दिसंबर तक अभी आरएफपी खरीदा जा सकता है. आरएफपी के बदले में बिजली विभाग पांच लाख रुपये फीस के तौर पर चार्ज कर रहा है.

30 दिसंबर तक बिड देने की आखिरी तारीख
प्रशासन की ओर से बिड देने की अंतिम तारीख 30 दिसंंबर निर्धारित की गई है. बिडिंग में जिस भी बिडर कंपनी की सबसे ऊंची बोली होगी. उसे शहर में पावर सप्लाई का काम सौंपा जाएगा. बिड सिक्योरिटी के तौर पर 10 करोड़ रुपये कंपनी से बैंक गारंटी ली जा रही है. तभी कंपनी बिड में शामिल हो सकती है. बिडिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी बिजली विभाग के सभी एसेट यानी पूंजी और इंफ्रास्ट्रक्चर को टेकओवर कर लेगी.

ये भी पढ़ें- पानीपत में बन रहा है अडानी ग्रुप का अनाज गोदाम, 2018 में खरीदी गई थी जमीन

शहर में 2.47 लाख बिजली उपभोक्ता
शहर में इस समय 2.47 लाख लोग बिजली उपभोक्ता हैं. इन उपभोक्ता को नौ अलग कैटेगरी में बांटा गया है. इनमें से 2.14 लाख लोग घरेलू बिजली का इस्तेमाल करते हैं, जोकि 87 प्रतिशत है. जबकि बाकी 23 प्रतिशत लोग जो बिजली उपभोक्ता हैं, उनमें कॉमर्शियल, स्मॉल पावर, पब्लिक लाइटिंग और कृषि क्षेत्र में बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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