चंडीगढ़: लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर लगातार घर जाने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद अब गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के बाद प्रदेश सरकारों ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापस लाना शुरू कर दिया है. चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों से ऑनलाइन पोर्टल https://t.co/atQpEx79tc पर आवेदन मांगे हैं.
कैसे करें आवेदन ?
- सबसे पहले https://t.co/atQpEx79tc पर क्लिक करें. इस पर जाते ही चंडीगढ़ प्रशासन का पोर्टल खुल जाएगा.
- पोर्टल का नाम 'Stranded Migrant Citizen Movement Registration' है. आपको इसे भरकर चंडीगढ़ प्रशासन को देना है
- इस फॉर्म में सबसे पहला ऑप्शन कैटेगरी या श्रेणी का आएगा
- कैटेगरी में क्लिक करने पर आपके आगे चार ऑप्शन आएंगे
- पहला- प्रवासी मजदूर, दूसरा- छात्र, तीसरा- पर्यटक और चौथा- अन्य
- आप अपने श्रेणी भरें, उसके बाद अपना नाम, अपने पिता/पति का नाम, स्थाई पता, अस्थाई पता, अपना जिला, अपना फोन नंबर सहित अन्य ऑप्शन को भरें
- उसके बाद अंडरटेकिंग पर क्लिक करने के बाद आपके रजिस्टर्ड फोन पर नंबर पर ओटीपी आएगा. जिसे सबमिट करने के बाद आपका ऑर्म भर जाएगा
इन नंबरों पर करें फोन
इसके अलावा अगर आपको फॉर्म भरने में कोई दिक्कत है तो आप चंडीगढ़ प्रशासन की हेल्पलाइन नंबर 1800 180 2067 पर भी कॉल कर सकते हैं. इस हेल्पलाइन नंबर पर सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक कॉल की जा सकती है. इसके साथ ही चंडीगढ़ प्रशासन ने दो इंचार्ज लगाए हैं, जो श्रमिक ट्रेन के सुचारू कामकाज को लेकर नियुक्त किए गए हैं, जिसमें शक्ति प्रकाश देवशाली 9779173536 , 7009955796 और गुरप्रीत सिंह 9888932443 , 8085801664 के नंबर भी जारी किए गए हैं.
बता दें कि चंडीगढ़ में सैंकड़ों प्रवासी मजदूर फंसे हैं, जो चंडीगढ़ प्रशासन से वापस जाने की गुहार लगा रहे हैं. सेक्टर 17 पर इस वक्त ऐसे 100 से 120 प्रवासी मजदूर हैं, जो लॉकडाउन के बाद से यहां फंसे हैं. ये प्रवासी मजदूर ज्यादातर बिहार और यूपी के रहने वाले हैं. करीब 50 प्रवासी मजदूर बिहार के भागलपुर खगड़िया, मुंगेर, मधेपुरा बांका जिले के रहने वाले हैं. वहीं 60 के करीब प्रवासी मजदूर यूपी के बलरामपुर, बस्ती जिले के रहने वाले हैं.
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एक प्रवासी मजदूर ने रोते हुए बताया कि वो यूपी का रहने वाला है. यहां वो भूखा मर रहा है और घर पर उसे बच्चे. वो भावुक होकर सिर्फ इतना ही कह सका कि वो घर जाना चाहता है. वो अपने घर में नमक रोटी खाकर भी रह लेगा. वहीं दूसरे बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसने पहले ही अपने प्रदेश के साथियों के नाम और पते लिख लिए हैं. वो कई बार अधिकारियों के चक्कर काट चुका है, लेकिन अभी अधिकारियों का कहना है कि वो नोटिफिकेशन आने का इंतजार कर रहे हैं.