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केंद्र ने SC से कहा, 'पराली प्रदूषण से निपटने के लिए जल्द बनाएंगे कानून'

पराली जलाने पर निगरानी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक सदस्यीय समिति बना रहा था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर रोक लगा दी है. केंद्र सरकार के आश्वासन के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक लगाई है.

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Published : Oct 26, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 3:59 PM IST

चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की निगरानी के लिए समिति बनाने के फैसले पर अभी के लिए रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट एक सदस्यीय समिति जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में बना रहा था.

केंद्र सरकार के आश्वासन के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक लगाई है. केंद्र ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि वो तीन-चार दिनों में प्रदूषण से जुड़ा एक कानून लाएगा. ये कानून राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए होगा.

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ये स्वागत योग्य कदम है. ये ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका की कोई बात नहीं है, एकमात्र मुद्दा लोग प्रदूषण के कारण घुट रहे हैं और ये कुछ ऐसा है जिस पर अंकुश लगाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा मिले. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस पर युद्धस्तर पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.

ये भी पढे़ं- हरियाणा में पराली जलाने के लिए रोकने वाली सभी टीमें रिटायर्ड जज मदन बी लोकुर को करेंगी रिपोर्ट

केंद्र ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि पराली जलाने की निगरानी के लिए जस्टिस एम बी लोकुर को नियुक्त करने वाले 16 अक्टूबर के आदेश पर रोक लगाई जाए. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र एक व्यापक योजना के साथ एक स्थायी निकाय स्थापित करने जा रहा है, जो पराली को नियंत्रित करेगा.

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कानून बना रही है. तीन चार दिन में इस पर कानून बना लिया जाएगा.

चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की निगरानी के लिए समिति बनाने के फैसले पर अभी के लिए रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट एक सदस्यीय समिति जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में बना रहा था.

केंद्र सरकार के आश्वासन के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये रोक लगाई है. केंद्र ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि वो तीन-चार दिनों में प्रदूषण से जुड़ा एक कानून लाएगा. ये कानून राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए होगा.

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ये स्वागत योग्य कदम है. ये ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका की कोई बात नहीं है, एकमात्र मुद्दा लोग प्रदूषण के कारण घुट रहे हैं और ये कुछ ऐसा है जिस पर अंकुश लगाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा मिले. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस पर युद्धस्तर पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.

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केंद्र ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि पराली जलाने की निगरानी के लिए जस्टिस एम बी लोकुर को नियुक्त करने वाले 16 अक्टूबर के आदेश पर रोक लगाई जाए. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र एक व्यापक योजना के साथ एक स्थायी निकाय स्थापित करने जा रहा है, जो पराली को नियंत्रित करेगा.

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कानून बना रही है. तीन चार दिन में इस पर कानून बना लिया जाएगा.

Last Updated : Oct 26, 2020, 3:59 PM IST
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