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हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए प्रचार खत्म, 19 जून को होगा मतदान, यहां जानें क्या हैं नए नियम - हरियाणा निकाय चुनाव प्रचार खत्म

हरियाणा में निकाय चुनाव (civic election in haryana) के लिए प्रचार थम गया है. शुक्रवार प्रचार का आखिरी दिन था. शहरी निकाय चुनाव के लिए 19 जून को मतदान होगा. इस बार उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बदले हैं.

Haryana civic election campaign ends
Haryana civic election campaign ends
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Published : Jun 17, 2022, 8:00 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में निकाय चुनाव (civic election in haryana) के लिए 19 जून को मतदान होगा. आज 17 जून यानि शुक्रवार को चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. ज्यादातर नगर पालिका और नगर परिषद में पहली बार चेयरमैन का सीधा चुनाव हो रहा है. निकाय चुनाव में इस बार कुछ नियम इस बार बदल गये हैं. खर्च और प्रचार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई सीमा से ज्यादा अगर कोई उम्मीदवार इससे ज्यादा खर्च करता है तो उस पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जा सकती है.

प्रदेश में कुल 46 शहरों में चुनाव होने हैं. जिनमें 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका शामिल हैं. इन चुनावों में कुल 18 लाख 30 हजार 208 मतदाता प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये पालिका चेयरमैन और परिषद प्रधान के साथ ही पार्षद का चुनाव करेंगे. प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की तरफ से हिदायतें जारी की गई हैं. बकायदा नियमों की लिस्ट भी उम्मीदवारों को दिखाई गई है. जहां उन्हें अपने प्रचार प्रसार में किए जाने वाले खर्च (Expenditure limit in Haryana civic election) को लेकर एक रजिस्टर मेंटेन करना जरूरी है. इस रजिस्टर को चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई टीम समय समय पर चेक करती है. हालांकि अभी तक प्रदेश में इस तरह का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है जहां टीम ने ज्यादा खर्च पकड़ा हो.

हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए प्रचार खत्म, 19 जून को होगा मतदान, यहां जानें क्या हैं नए नियम

हरियाणा निकाय चुनाव में खर्च का नियम- चुनावी खर्चे के लिए उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा. अपने खर्चे का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 दिनों के भीतर चुनावी खर्चों की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी. यह जानकारी नहीं देने वाले प्रत्याशियों को अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है. हलांकि चुनाव लड़ रहे अधिकतर उम्मीदवार रजिस्टर में सिर्फ जरूरी और सामान्य खर्च ही लिखते हैं ताकि रिकॉर्ड में खर्च ज्यादा ना बने. इसके अलावा दूसरे माध्यमों से वह पैसा बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. क्योंकि इसको लेकर कोई सख्त चेकिंग या फिर ऑडिट नहीं होता और अधिकारी रजिस्टर चेक करने की खानापूर्ति तक ही सीमित रहते हैं.

नगर निकाय चुनाव में खर्च की सीमा- इस बार चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाल खर्च को लेकर कुछ नियम बदले हैं. इस बार चुनावी खर्च लिमिट में भी बढ़ोतरी की गई है. नगर परिषद में चेयरमैन पद के उम्मीदवार की खर्च सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 16 लाख रुपये कर दी गई है. नगर परिषद में पार्षदों की खर्च सीमा तीन लाख 30 हजार रुपये से बढ़ाकर तीन लाख पचास हजार रुपये हो गई है. जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 10 लाख के बजाय साढ़े 10 लाख रुपये तक प्रचार पर खर्च कर सकते हैं. वहीं नगर पालिका में वार्ड पार्षद के प्रत्याशी सवा दो लाख की जगह अब ढाई लाख रुपये तक चुनावी खर्चा कर पायेंगे.

चुनाव अधिकारी और नगर पालिका में सहायक एसेसिंग ऑफिसर (AO) रविंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रविंदर शर्मा ने कहा कि एक चेयरमैन प्रत्याशी को साढ़े दस लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति है. जिसका ब्योरा उसे सम्बंधित चुनाव अधिकारी कार्यालय में देना होगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि फ्लेक्स और होर्डिंग लगाने के लिए भी स्थान निर्धारित किए गए हैं.

मतदान और मतगणना: चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई थी. कुल 46 निकायों में 19 जून को मतदान होगा. मतदाता सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. जिन जगहों पर जरूरी हुआ तो 21 जून को पुनर्मतदान करवाया जाएगा. जबकि 22 जून को मतगणना होगी.इन निकायों में चुनाव: 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिकाओं में वोटिंग होनी है. जिनमें नारायणगढ़, रतिया, भूना, बरवाला, गोहाना, होड़ल, पलवल, सोहाना, मंडी डबवाली, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, कैथल, हांसी, बहादुरगढ़, नरवाना, टोहाना, नूंह, कालका, नारनौंद, फतेहबाद, भिवानी, तरावड़ी, निसिंग, चीका, महम, राजौंद, पेहवा, उचाना, महेंदगढ़, शाहबाद, घरौंडा, सफीदों, गन्नौर, बावल, ऐलनाबाद, नांगल चौधरी, समालाखा, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, असंध, लाडवा, रानियां, इसमाइलाबाद, सढौरा, कुंडली शामिल है.

शैक्षणिक योग्यता और खर्च की सीमा: अध्यक्ष और सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का दसवीं पास होना जरूरी है. जबकि महिलाओं और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 8वीं पास होना जरूरी है. वहीं सदस्य का पद लड़ने वाली एससी महिला के लिए शैक्षणिक योग्यता 5वीं होगी. इसके अलवा मतदाताओं के पास नोटा भी होगा विकल्प होगा. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार मतदाताओं को नोटा का विकल्प भी मिलेगा. यानि अगर किसी मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आता है तो वो नोटा का बटन दबा सकता है. नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलने की स्थिति में वहां मतदान दोबारा होगा और हारे हुए प्रत्याशियों को मौका नहीं मिलेगा.

चंडीगढ़: हरियाणा में निकाय चुनाव (civic election in haryana) के लिए 19 जून को मतदान होगा. आज 17 जून यानि शुक्रवार को चुनाव प्रचार खत्म हो गया है. ज्यादातर नगर पालिका और नगर परिषद में पहली बार चेयरमैन का सीधा चुनाव हो रहा है. निकाय चुनाव में इस बार कुछ नियम इस बार बदल गये हैं. खर्च और प्रचार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई सीमा से ज्यादा अगर कोई उम्मीदवार इससे ज्यादा खर्च करता है तो उस पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जा सकती है.

प्रदेश में कुल 46 शहरों में चुनाव होने हैं. जिनमें 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका शामिल हैं. इन चुनावों में कुल 18 लाख 30 हजार 208 मतदाता प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये पालिका चेयरमैन और परिषद प्रधान के साथ ही पार्षद का चुनाव करेंगे. प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की तरफ से हिदायतें जारी की गई हैं. बकायदा नियमों की लिस्ट भी उम्मीदवारों को दिखाई गई है. जहां उन्हें अपने प्रचार प्रसार में किए जाने वाले खर्च (Expenditure limit in Haryana civic election) को लेकर एक रजिस्टर मेंटेन करना जरूरी है. इस रजिस्टर को चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई टीम समय समय पर चेक करती है. हालांकि अभी तक प्रदेश में इस तरह का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है जहां टीम ने ज्यादा खर्च पकड़ा हो.

हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए प्रचार खत्म, 19 जून को होगा मतदान, यहां जानें क्या हैं नए नियम

हरियाणा निकाय चुनाव में खर्च का नियम- चुनावी खर्चे के लिए उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा. अपने खर्चे का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 दिनों के भीतर चुनावी खर्चों की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी. यह जानकारी नहीं देने वाले प्रत्याशियों को अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है. हलांकि चुनाव लड़ रहे अधिकतर उम्मीदवार रजिस्टर में सिर्फ जरूरी और सामान्य खर्च ही लिखते हैं ताकि रिकॉर्ड में खर्च ज्यादा ना बने. इसके अलावा दूसरे माध्यमों से वह पैसा बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. क्योंकि इसको लेकर कोई सख्त चेकिंग या फिर ऑडिट नहीं होता और अधिकारी रजिस्टर चेक करने की खानापूर्ति तक ही सीमित रहते हैं.

नगर निकाय चुनाव में खर्च की सीमा- इस बार चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाल खर्च को लेकर कुछ नियम बदले हैं. इस बार चुनावी खर्च लिमिट में भी बढ़ोतरी की गई है. नगर परिषद में चेयरमैन पद के उम्मीदवार की खर्च सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 16 लाख रुपये कर दी गई है. नगर परिषद में पार्षदों की खर्च सीमा तीन लाख 30 हजार रुपये से बढ़ाकर तीन लाख पचास हजार रुपये हो गई है. जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 10 लाख के बजाय साढ़े 10 लाख रुपये तक प्रचार पर खर्च कर सकते हैं. वहीं नगर पालिका में वार्ड पार्षद के प्रत्याशी सवा दो लाख की जगह अब ढाई लाख रुपये तक चुनावी खर्चा कर पायेंगे.

चुनाव अधिकारी और नगर पालिका में सहायक एसेसिंग ऑफिसर (AO) रविंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रविंदर शर्मा ने कहा कि एक चेयरमैन प्रत्याशी को साढ़े दस लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति है. जिसका ब्योरा उसे सम्बंधित चुनाव अधिकारी कार्यालय में देना होगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि फ्लेक्स और होर्डिंग लगाने के लिए भी स्थान निर्धारित किए गए हैं.

मतदान और मतगणना: चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई थी. कुल 46 निकायों में 19 जून को मतदान होगा. मतदाता सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. जिन जगहों पर जरूरी हुआ तो 21 जून को पुनर्मतदान करवाया जाएगा. जबकि 22 जून को मतगणना होगी.इन निकायों में चुनाव: 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिकाओं में वोटिंग होनी है. जिनमें नारायणगढ़, रतिया, भूना, बरवाला, गोहाना, होड़ल, पलवल, सोहाना, मंडी डबवाली, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, कैथल, हांसी, बहादुरगढ़, नरवाना, टोहाना, नूंह, कालका, नारनौंद, फतेहबाद, भिवानी, तरावड़ी, निसिंग, चीका, महम, राजौंद, पेहवा, उचाना, महेंदगढ़, शाहबाद, घरौंडा, सफीदों, गन्नौर, बावल, ऐलनाबाद, नांगल चौधरी, समालाखा, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, असंध, लाडवा, रानियां, इसमाइलाबाद, सढौरा, कुंडली शामिल है.

शैक्षणिक योग्यता और खर्च की सीमा: अध्यक्ष और सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का दसवीं पास होना जरूरी है. जबकि महिलाओं और अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 8वीं पास होना जरूरी है. वहीं सदस्य का पद लड़ने वाली एससी महिला के लिए शैक्षणिक योग्यता 5वीं होगी. इसके अलवा मतदाताओं के पास नोटा भी होगा विकल्प होगा. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार मतदाताओं को नोटा का विकल्प भी मिलेगा. यानि अगर किसी मतदाता को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आता है तो वो नोटा का बटन दबा सकता है. नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलने की स्थिति में वहां मतदान दोबारा होगा और हारे हुए प्रत्याशियों को मौका नहीं मिलेगा.

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