चंडीगढ़: मंत्रिमंडल बनने के बाद हरियाणा कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में हुई. इस बैठक में हरियाणा सरकार ने कई अहम फैसले लिए. जिनमें से एक मुद्दा हरियाणा में शराब को लेकर है. सरकार ने गांव स्तर पर शराब के ठेकों को गांव वासियों की मंजूर के बाद खोले जाने के फैसला लिया है. अगर ग्रामीण ठेके के पक्ष में नहीं हो तो ठेका नहीं खोला जाएगा.
जनता को मिला शराब बंद करने का अधिकार
ये जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर दी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब तक शराब का ठेका बंद करने का अधिकार पंचायतों के पास था, लेकिन कैबिनेट की बैठक में ये फैसला जनता को भी सौंप दिया है.
विधानसभा सत्र में आएगा कानून
किसी भी गांव में शराब का ठेका बंद करवाने के लिए वहां के 10 फीसदी मतदाता भी एक मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर भी शराब का ठेका बंद करवा सकते हैं. आगामी 21 दिसंबर तक पंचायत प्रस्ताव पास करके शराब के ठेके बंद करवाने की मांग कर सकते हैं. आगामी 26 नवंबर को होने वाले 1 दिन के विधानसभा सत्र में इसके लिए कानून भी लाया जाएगा.
ये भी पढ़ें:-जींद: कॉलेज में घुसे आउटसाइडर की महिला पुलिसकर्मी ने अक्ल ठिकाने लगा दी
कैबिनेट की बैठक में शराब पर पाबंदी
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जेजेपी पार्टी ने गांव स्तर पर खुले ठेकों को बंद करने का मुद्दा अपने घोषणा पत्र में रखा था. जेजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन सरकार में सहभागिता होने से इस प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई.