ETV Bharat / state

हरियाणा कैबिनेट का बड़ा फैसला, लोगों को मिला शराब के ठेके बंद करने का अधिकार - wine shop in haryana

हरियाणा सरकार ने गांव स्तर पर शराब के ठेके बंद करने का अधिकार अब ग्रामीणों को दे दिया है. अब 10 फीसदी या उससे अधिक ग्रामीण इकट्ठे होकर शराब के ठेके को बंद कर सकते हैं.

cabinet decision on wine shop
author img

By

Published : Nov 18, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 8:53 AM IST

चंडीगढ़: मंत्रिमंडल बनने के बाद हरियाणा कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में हुई. इस बैठक में हरियाणा सरकार ने कई अहम फैसले लिए. जिनमें से एक मुद्दा हरियाणा में शराब को लेकर है. सरकार ने गांव स्तर पर शराब के ठेकों को गांव वासियों की मंजूर के बाद खोले जाने के फैसला लिया है. अगर ग्रामीण ठेके के पक्ष में नहीं हो तो ठेका नहीं खोला जाएगा.

जनता को मिला शराब बंद करने का अधिकार
ये जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर दी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब तक शराब का ठेका बंद करने का अधिकार पंचायतों के पास था, लेकिन कैबिनेट की बैठक में ये फैसला जनता को भी सौंप दिया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते मुख्यमंत्री मनोहर लाल

विधानसभा सत्र में आएगा कानून
किसी भी गांव में शराब का ठेका बंद करवाने के लिए वहां के 10 फीसदी मतदाता भी एक मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर भी शराब का ठेका बंद करवा सकते हैं. आगामी 21 दिसंबर तक पंचायत प्रस्ताव पास करके शराब के ठेके बंद करवाने की मांग कर सकते हैं. आगामी 26 नवंबर को होने वाले 1 दिन के विधानसभा सत्र में इसके लिए कानून भी लाया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-जींद: कॉलेज में घुसे आउटसाइडर की महिला पुलिसकर्मी ने अक्ल ठिकाने लगा दी

कैबिनेट की बैठक में शराब पर पाबंदी
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जेजेपी पार्टी ने गांव स्तर पर खुले ठेकों को बंद करने का मुद्दा अपने घोषणा पत्र में रखा था. जेजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन सरकार में सहभागिता होने से इस प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई.

चंडीगढ़: मंत्रिमंडल बनने के बाद हरियाणा कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को चंडीगढ़ में हुई. इस बैठक में हरियाणा सरकार ने कई अहम फैसले लिए. जिनमें से एक मुद्दा हरियाणा में शराब को लेकर है. सरकार ने गांव स्तर पर शराब के ठेकों को गांव वासियों की मंजूर के बाद खोले जाने के फैसला लिया है. अगर ग्रामीण ठेके के पक्ष में नहीं हो तो ठेका नहीं खोला जाएगा.

जनता को मिला शराब बंद करने का अधिकार
ये जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर दी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब तक शराब का ठेका बंद करने का अधिकार पंचायतों के पास था, लेकिन कैबिनेट की बैठक में ये फैसला जनता को भी सौंप दिया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते मुख्यमंत्री मनोहर लाल

विधानसभा सत्र में आएगा कानून
किसी भी गांव में शराब का ठेका बंद करवाने के लिए वहां के 10 फीसदी मतदाता भी एक मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर भी शराब का ठेका बंद करवा सकते हैं. आगामी 21 दिसंबर तक पंचायत प्रस्ताव पास करके शराब के ठेके बंद करवाने की मांग कर सकते हैं. आगामी 26 नवंबर को होने वाले 1 दिन के विधानसभा सत्र में इसके लिए कानून भी लाया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-जींद: कॉलेज में घुसे आउटसाइडर की महिला पुलिसकर्मी ने अक्ल ठिकाने लगा दी

कैबिनेट की बैठक में शराब पर पाबंदी
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जेजेपी पार्टी ने गांव स्तर पर खुले ठेकों को बंद करने का मुद्दा अपने घोषणा पत्र में रखा था. जेजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला लेकिन सरकार में सहभागिता होने से इस प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई.

Intro:चंडीगढ़, हरियाणा मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सोमवार को सरकार की कैबिनेट की पहली बैठक हुई। जिसमें 4 एजेंटों पर फैसले हुए। बैठक में 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर हरियाणा विधानसभा का एक साथ 1 दिन का सत्र बुलाए जाने का फैसला हुआ है। 

चंडीगढ़ में कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि संविधान दिवस को सम्मान देने के लिए हरियाणा सरकार ने यह फैसला किया है।


 बैठक में मिलरर्स की ओर से खरीदे गए धान पर निगरानी रखने के लिए एक मकैनिज्म भी बनाने पर सहमति बनी है। ताकि मिलर्स किसी तरह की गड़बड़ी ना कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक हरियाणा में धान की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है। मिलरर्स से धान से चावल बनाने की प्रकिर्या पर नज़र  रखने के लिए कोई मकैनिज्म नहीं था। लेकिन अब सरकार ने एक मकैनिज्म बनाने का फैसला किया है। इससे सरकार को जरूर के हिसाब से धान समय पर मिल सके और पीडीएस के माध्यम से उसका वितरण सुनिश्चित किया जाए।



कैबिनेट की मीटिंग में विदेशों में बसे हरियाणवीयो को प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करने पर फैसला हुआ है। इसके लिए अलग से ग्लोबल कॉर्पोरेशन और इंगेजमेंट विभाग बनाया जाएगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक अधिकारी इसका नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। यह विभाग हरियाणा से विदेशों में गैरकानूनी भेजने वाले लोगों पर भी नजर रखेगा।


हरियाणा में अब तक शराब का ठेका बंद करने का अधिकार पंचायतों के पास था। लेकिन आज भी कैबिनेट की बैठक में यह फैसला जनता को भी सौंप दिया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी गांव में शराब का ठेका बंद करवाने के लिए वहां के 10 फ़ीसदी मतदाता भी एक मांग पत्र पर हस्ताक्षर कर भी शराब का ठेका बंद करवा सकते है। आगामी 21 दिसंबर तक पंचायत प्रस्ताव पास करके शराब के ठेके बंद करवाने की मांग कर सकते हैं। आगामी 26 नवंबर को होने वाले 1 दिन के विधानसभा सत्र में इसके लिए कानून भी लाया जाएगा।



कैबिनेट बैठक में हरियाणा के अंदर विधायकों को मिलने वाले मकान भत्ता को ₹50000 से बढ़ाकर ₹80000 कर दिया गया है। इसके साथ ही विधायकों का 20 हजार रुपये तक का  बिजली पानी बिल का भुगतान सरकार ही करेगी।



हरियाणा में पराली जलाने के विषय में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार पराली जलाने वाले किसानों को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है ।  ₹100 प्रति क्विंटल बोनस और हजार रुपए प्रति एकड़ पराली प्रबंधन के लिए उन्हें किसानों को दिए जाएंगे जिन्होंने पराली नहीं जलाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को हरियाणा में पराली जलाने वाले 45 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही उनकी गिरफ्तारियां भी हुई है।



पराली प्रबंधन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पांच इकाइयाँ है। जो पराली खरीद कर उसका वैकल्पिक प्रयोग करती है। लेकिन यह प्लांट सभी पराली को नहीं खरीद पाते। इसलिए सरकार ने इंडियन ऑयल कारपोरेशन के साथ मिलकर पानीपत में एक प्लांट लगाया है जो पानीपत सहित कई जिलों की पराली खरीदने में सक्षम होगा। 



 मुख्यमंत्री ने मंत्री ने कहा कि रवि सीजन में हरियाणा के अंदर गेहूं बिजाई का पंजीकरण जारी है। जो 20 नवंबर तक चलेगा। इसके बाद कृषि और रेवेन्यू विभाग से डाटा मांग कर इसका मिलान किया जाएगा। 


Body:हरियाणा के निजी क्षेत्र में 75 फ़ीसदी युवाओं के लिए आरक्षित करने के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे नियम पहले भी है। लेकिन इन्हें सख्ताई से लागू करने का कोई कानून नहीं है। हरियाणा के युवाओं को रोजगार देने का नियम चेंज इन लैंड यूज़ में भी है। सरकार ने 75 फ़ीसदी आरक्षण लागू करने के लिए उद्योग विभाग से डाटा मांगा है। उसके आने के बाद ही सरकार फैसला लेगीConclusion:
Last Updated : Nov 19, 2019, 8:53 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.