चंडीगढ़: हर साल आम बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं क्योंकि आम बजट ही देश के साथ साथ उनके घर का बजट भी तय करता है. इसलिए लोगों की उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं और सरकार की जिम्मेदारी भी. समाज का हर वर्ग जैसे आम आदमी, व्यापारी, छोटा- बड़ा दुकानदार, उद्योगपति आदि सभी लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि सरकार उन सबके लिए महत्वपूर्ण घोषणा करेगी. ईटीवी भारत चंडीगढ़ की टीम ने भी आम बजट को लेकर चंडीगढ़ के लोगों से बात की.
बजट के बारे में बात करते हुए इन लोगों ने कहा इस समय देश की जैसी अर्थव्यवस्था है. उसे देखकर वे सभी काफी निराश हैं. अर्थव्यवस्था काफी नीचे आ चुकी है और इस वजह से उन्हें बजट से ज्यादा उम्मीदें नहीं है. सरकार इस साल अपनी आर्थिक नीतियों को लागू करने में ज्यादा सफल नहीं हो पाई है . इस वजह से देश की जीडीपी काफी गिर गई है.
'पाकिस्तान जैसे पिछड़े देश के बराबर पहुंच गई अर्थव्यवस्था'
उन लोगों का कहना था कि एक तरफ तो हम देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात कर रहे थे और दूसरी तरफ हमारी अर्थव्यवस्था पाकिस्तान जैसे पिछड़े देश के बराबर पहुंच गई है. जिसे देख कर काफी दुख होता है. ऐसे में बजट से ज्यादा उम्मीदें नहीं की जानी चाहिए.
'किसान भी परेशान है'
उन लोगों ने कहा की सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती थी, लेकिन किसानों की आय को दोगुना करना तो दूर सरकार उनकी दो वक्त की रोटी का भी प्रबंध नहीं कर पाई . आज कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार इसके लिए कुछ नहीं कर रही .
'घोषणाएं भी पूरी नहीं हुईं'
इन लोगों का कहना था कि इस बजट से ज्यादा उम्मीदें इसलिए भी नहीं की जा सकती. क्योंकि सरकार ने जो पिछला बजट पेश किया था और उसमें जो घोषणाएं की थी. उन्हें भी सरकार पूरा नहीं कर सकी है. सरकार ने आम आदमी के लिए, किसानों के लिए, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, महंगाई आदि को लेकर जो घोषणा की थी वह भी पूरी नहीं हो पाई है, तो ऐसे में इस बजट से उम्मीद कैसे लगाई जाए.
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चंडीगढ़ के लोगों का कहना है कि पिछले 1 साल में महंगाई बहुत अधिक बढ़ गई है. जिससे आम आदमी का जीना पूरी तरह से मुश्किल हो चुका है और दूसरी तरफ बेरोजगारी भी लगातार बढ़ती जा रही है. देश में बढ़ती बेरोजगारी की स्थिति को संभालना सरकार के लिए काफी मुश्किल होगा और उन्हें नहीं लगता कि इस समय देश की हालत जितनी खराब है इस बजट से उसमें कुछ फर्क पड़ेगा. इसलिए हमें इस बजट से ज्यादा उम्मीदें नहीं है.