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शराब घोटाला: आरोपी भूपेंद्र के फरार भाई ने लगाई HC में अग्रिम जमानत की याचिका

हाई कोर्ट से पहले जितेंद्र ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब जितेंद्र ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली है.

brother of liquor contractor bhupendra petitioned for anticipatory bail in high court
शराब ठेकेदार भूपेंद्र के फरार भाई ने लगाई HC में अग्रिम जमानत की याचिका
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Published : Jul 4, 2020, 11:00 AM IST

चंडीगढ़: खरखौदा शराब मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस मामले की जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल कर दी है. सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई तक स्थगित कर दी है.

खरखौदा शराब घोटाले मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका भाई जितेंद्र फरार चल रहा था. हाई कोर्ट से पहले जितेंद्र ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब जितेंद्र ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी. इस मामले में आरोपी ठेकेदार भूपेंद्र, बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह और बर्खास्त इंस्पेक्टर धीरेंद्र की गिरफ्तारी हो चुकी है.

ये भी पढ़िए: सोनीपत शराब घोटाला: 'हरियाणा सरकार सिर्फ लीपापोती कर दोषियों को बचा रही है'

कैसे हुआ खुलासा?

डीएसपी हरेंद्र कुमार, डॉ. रविंद्र कुमार और जितेंद्र सिंह की देखरेख में 4 दिन तक शराब की गिनती की गई. पुलिस को सील की गयी गई शराब में से 5500 पेटियां गायब मिली. इनको ताले तोड़कर, सील हटाकर और दीवार उखाड़ कर निकाला गया था. सील की गई शराब गायब होने पर खरखौदा थाने में एसएचओ रहे अरुण कुमार और जसबीर सिंह समेत 5 पर

चंडीगढ़: खरखौदा शराब मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है. शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस मामले की जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल कर दी है. सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई तक स्थगित कर दी है.

खरखौदा शराब घोटाले मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद से ही उसका भाई जितेंद्र फरार चल रहा था. हाई कोर्ट से पहले जितेंद्र ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब जितेंद्र ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी. इस मामले में आरोपी ठेकेदार भूपेंद्र, बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सिंह और बर्खास्त इंस्पेक्टर धीरेंद्र की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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कैसे हुआ खुलासा?

डीएसपी हरेंद्र कुमार, डॉ. रविंद्र कुमार और जितेंद्र सिंह की देखरेख में 4 दिन तक शराब की गिनती की गई. पुलिस को सील की गयी गई शराब में से 5500 पेटियां गायब मिली. इनको ताले तोड़कर, सील हटाकर और दीवार उखाड़ कर निकाला गया था. सील की गई शराब गायब होने पर खरखौदा थाने में एसएचओ रहे अरुण कुमार और जसबीर सिंह समेत 5 पर

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