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एशियाई चैम्पियनशिप: बॉक्सर अमित पंघाल ने जीता स्वर्ण पदक

इस साल की शुरुआत में 49 किलो से 52 किलो में आने के बाद अमित का ये पहला टूर्नामेंट है. उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था.

अमित पंघाल, बॉक्सर
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Published : Apr 26, 2019, 4:43 PM IST

चंडीगढ़: भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किलो) ने एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जबकि दो अन्य को रजत पदक मिले. पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले अमित ने कोरिया के किम इंक्यू को हराया. इसके साथ ही अमित ने इस साल दूसरे स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. फरवरी में उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक जीता था.

ओलंपिक में जगी पदक की आस

इस साल की शुरुआत में 49 किलो से 52 किलो में आने के बाद अमित का ये पहला टूर्नामेंट है. उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था. राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक सिंह (49 किलो) और कविंदर सिंह बिष्ट (56 किलो) को रजत पदक मिले. अमित ने आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया और विरोधी के पास उनके हमलों का कोई जवाब नहीं था.

  • #AsianBoxingChampionship में पुरुषों की 52 Kg प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर देश और प्रदेश का नाम रौशन करने वाले हरियाणा के प्रतिभाशाली मुक्केबाज अमित पंघाल को ढेर सारी शुभकामनाएं।

    आपकी यह उपलब्धि प्रेरणादायक है जो युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने को प्रेरित करेगी। pic.twitter.com/thYNEFmmKk

    — Chowkidar Manohar Lal (@mlkhattar) April 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले दीपक को उजबेकिस्तान के नोदिरजोन मिर्जामेदोव ने बंटे हुए फैसले पर हराया. भारतीय दल ने रेफरी को रिव्यू के लिए पीला कार्ड भी दिया जो इस साल प्रायोगिक आधार पर टूर्नामेंट में शुरू किया गया है. इसके तहत कोचों के पास किसी फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए एक मिनट का समय होता है. मुकाबले के स्लो मोशन फुटेज रेफरी देखता है तो उस पर अंतिम फैसला लेता है. संबंधित टीम के पक्ष में फैसला नहीं आने पर राष्ट्रीय महासंघ को 1000 डॉलर जुर्माना देना पड़ता है.

जानें कौन हैं बॉक्सर अमित पंघाल
बॉक्सर अमित पंघाल हरियाणा के रोहतक जिले में मायना गांव के रहने वाले हैं. इनका जन्म 16 अक्तूबर 1995 में हुआ और मात्र 22 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को हराकर इस होनहार खिलाड़ी ने साबित कर दिया है कि भारतीय हार नहीं मानने वाले, लक्ष्य निर्धारित हो तो जीतने से कोई नहीं रोक सकता.

  • पहले #AsianGames2018 में और आज #AsianBoxingChampionships में गोल्ड मेडल जीतकर तिरंगे का मान बढ़ाने वाले हरियाणा के होनहार खिलाड़ी अमित पंघाल को बधाई ।
    शुभकामनाएं, भाई के मुक्के ऐसे ही देश का गौरव बढ़ाते रहे। pic.twitter.com/jIihh3eNyu

    — Dushyant Chautala (@Dchautala) April 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


अमित पंघाल मार्च 2018 से भारतीय सेना में जेसीओ के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने इसी साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर नाम रोशन किया था. वहीं अब गोल्ड मेडल जीतकर मां-बाप का और देश का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया. इसके साथ ही अब ओलंपिक 2020 में एक मेडल की आस जग गई है.


अमित पंघाल के पिता विजेंदर सिंह पेशे से किसान हैं. उनके बड़े भाई अजय भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं. बताया जा रहा है कि बड़े भाई अजय ने ही अमित को बॉक्सिंग करने के लिए प्रेरित किया. अमित ने भी उनकी सलाह को मानते हुए जी तोड़ मेहनत की और देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया.

चंडीगढ़: भारतीय मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किलो) ने एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जबकि दो अन्य को रजत पदक मिले. पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाले अमित ने कोरिया के किम इंक्यू को हराया. इसके साथ ही अमित ने इस साल दूसरे स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. फरवरी में उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में भी स्वर्ण पदक जीता था.

ओलंपिक में जगी पदक की आस

इस साल की शुरुआत में 49 किलो से 52 किलो में आने के बाद अमित का ये पहला टूर्नामेंट है. उन्होंने 2015 में कांस्य पदक जीता था. राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक सिंह (49 किलो) और कविंदर सिंह बिष्ट (56 किलो) को रजत पदक मिले. अमित ने आक्रामक अंदाज में खेलना शुरू किया और विरोधी के पास उनके हमलों का कोई जवाब नहीं था.

  • #AsianBoxingChampionship में पुरुषों की 52 Kg प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर देश और प्रदेश का नाम रौशन करने वाले हरियाणा के प्रतिभाशाली मुक्केबाज अमित पंघाल को ढेर सारी शुभकामनाएं।

    आपकी यह उपलब्धि प्रेरणादायक है जो युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने को प्रेरित करेगी। pic.twitter.com/thYNEFmmKk

    — Chowkidar Manohar Lal (@mlkhattar) April 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे पहले दीपक को उजबेकिस्तान के नोदिरजोन मिर्जामेदोव ने बंटे हुए फैसले पर हराया. भारतीय दल ने रेफरी को रिव्यू के लिए पीला कार्ड भी दिया जो इस साल प्रायोगिक आधार पर टूर्नामेंट में शुरू किया गया है. इसके तहत कोचों के पास किसी फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए एक मिनट का समय होता है. मुकाबले के स्लो मोशन फुटेज रेफरी देखता है तो उस पर अंतिम फैसला लेता है. संबंधित टीम के पक्ष में फैसला नहीं आने पर राष्ट्रीय महासंघ को 1000 डॉलर जुर्माना देना पड़ता है.

जानें कौन हैं बॉक्सर अमित पंघाल
बॉक्सर अमित पंघाल हरियाणा के रोहतक जिले में मायना गांव के रहने वाले हैं. इनका जन्म 16 अक्तूबर 1995 में हुआ और मात्र 22 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को हराकर इस होनहार खिलाड़ी ने साबित कर दिया है कि भारतीय हार नहीं मानने वाले, लक्ष्य निर्धारित हो तो जीतने से कोई नहीं रोक सकता.

  • पहले #AsianGames2018 में और आज #AsianBoxingChampionships में गोल्ड मेडल जीतकर तिरंगे का मान बढ़ाने वाले हरियाणा के होनहार खिलाड़ी अमित पंघाल को बधाई ।
    शुभकामनाएं, भाई के मुक्के ऐसे ही देश का गौरव बढ़ाते रहे। pic.twitter.com/jIihh3eNyu

    — Dushyant Chautala (@Dchautala) April 26, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


अमित पंघाल मार्च 2018 से भारतीय सेना में जेसीओ के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने इसी साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर नाम रोशन किया था. वहीं अब गोल्ड मेडल जीतकर मां-बाप का और देश का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया. इसके साथ ही अब ओलंपिक 2020 में एक मेडल की आस जग गई है.


अमित पंघाल के पिता विजेंदर सिंह पेशे से किसान हैं. उनके बड़े भाई अजय भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं. बताया जा रहा है कि बड़े भाई अजय ने ही अमित को बॉक्सिंग करने के लिए प्रेरित किया. अमित ने भी उनकी सलाह को मानते हुए जी तोड़ मेहनत की और देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया.

Intro:Body:

Boxer Amit Panghal won gold medal in Asian championship

 


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