चंडीगढ़/नई दिल्ली: हरियाणा में मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाने में जिस तरह ऐन वक्त पर जेजेपी ने बीजेपी का साथ दिया. उससे लगता है कि दिल्ली में भी बीजेपी उसी समीकरण को साधने की कोशिश करेगी. ख़बर है कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी दिल्ली की जाट बाहुल्य क्षेत्रों की सीटें जेजेपी को दे सकती है.
पहली बार जेजेपी के साथ होगा गठबंधन!
दिल्ली में बीजेपी अगर जेजेपी को जाट बाहुल्य इलाकों की सीटें देती है तो इसके नतीजे अच्छे आ सकते हैं. जिस तरह जननायक जनता पार्टी ने हरियाणा में बीजेपी की डूबती नैय्या पार लगाई, उसी तरह दिल्ली में भी जेजेपी कुछ हद तक बीजेपी की मददगार साबित हो सकती है. हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए ये कहना मुश्किल है.
दिल्ली में 10 सीटें हैं जाट बाहुल्य
बता दें कि दिल्ली के तीन संसदीय क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली 10 विधानसभा सीटें जाट बाहुल्य हैं. इन सीटों पर पहले भी राजनीतिक पार्टियां जाट प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारती रही हैं. सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी सरकार ने भी जब पहली बार चुनाव लड़ा तब उन सीटों पर जाट प्रत्याशियों को ही टिकट दिया और सभी ने जीत भी हासिल की. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है ऐसे में पार्टी समीकरण बनाने में गंभीरता से जुटी हुई है.
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बीजेपी ने प्रवेश वर्मा का नाम किया था आगे
बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सार्वजनिक तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी उपलब्धि पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा का नाम आगे किया था.
इसको लेकर जहां एक तरफ यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या प्रवेश वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर पार्टी के प्रत्याशी होंगे? तो दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि प्रवेश वर्मा दिल्ली से इकलौते जाट सांसद हैं. बीजेपी उनके नाम को आगे कर जाट वोट बैंक को भी मजबूती से अपने पक्ष में करना चाहती हैं.
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