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किसान आंदोलन बन चुका है राजनीतिक आंदोलन, सरकार को बदनाम करना एकमात्र मकसद- धनखड़

हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष ओपी धनखड़ (op dhankar) ने किसान आंदोलन (farmer protest) पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये किसान आंदोलन अब राजनीतिक आंदोलन बन चुका है और हरियाणा सरकार को बदनाम करना इनका एकमात्र मकसद है.

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bjp president op dhankar
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Published : Sep 10, 2021, 7:57 PM IST

चंडीगढ़: शुक्रवार को हरियाणा बीजेपी (haryana bjp) की ओर से पैनलिस्ट प्रवक्ता, सोशल मीडिया और आईटी सेल की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal khattar) ने की जबकि बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ (op dhankar) और संगठन मंत्री रविंद्र राजू भी शामिल हुए. इस मौके पर किसान आंदोलन को लकेर ओपी धनखड़ ने कहा कि ये आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन है. किसानों का इस आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

उन्होंने कहा कि जब सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों में संशोधन और एमएसपी कानून पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था ये आंदोलन तब समाप्त हो जाना था उस समय इस आंदोलन को सफल माना जाता और किसानों को ढोल बजाकर अपने घर जाना चाहिए था. ये उनकी जीत होती, लेकिन इस आंदोलन का मकसद सिर्फ बीजेपी और जेजेपी की सरकार का विरोध करना रह गया है. जो लोग किसानों के नेता बने फिरते हैं हरियाणा सरकार की उपलब्धियों और अच्छे कामों को नहीं देखते.

ये भी पढ़ें- किसान नेताओं ने टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़ियों को किया सम्मानित

धनखड़ ने कहा कि ये लोग सिर्फ आंदोलन के जरिए विरोध करने का बहाना ढूंढते हैं. जब किसान नेता पंजाब में गन्ने का रेट बढ़ने पर पंजाब के मुख्यमंत्री लड्डू खिलाने के लिए आ सकते हैं तो हरियाणा में गन्ने का रेट बढ़ने पर वे लोग हरियाणा के मुख्यमंत्री के पास क्यों नहीं आते. चुनाव पास आते ही पंजाब सरकार ने गन्ने की रेट में बढ़ोतरी की है. दूसरी तरफ हरियाणा हमेशा ही किसानों को देशभर में गन्ने का सबसे ज्यादा रेट देता है तो इस बार रेट बढ़ने पर हरियाणा सरकार की तारीफ क्यों नहीं की जा रही.

चंडीगढ़: शुक्रवार को हरियाणा बीजेपी (haryana bjp) की ओर से पैनलिस्ट प्रवक्ता, सोशल मीडिया और आईटी सेल की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal khattar) ने की जबकि बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ (op dhankar) और संगठन मंत्री रविंद्र राजू भी शामिल हुए. इस मौके पर किसान आंदोलन को लकेर ओपी धनखड़ ने कहा कि ये आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन है. किसानों का इस आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

उन्होंने कहा कि जब सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों में संशोधन और एमएसपी कानून पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था ये आंदोलन तब समाप्त हो जाना था उस समय इस आंदोलन को सफल माना जाता और किसानों को ढोल बजाकर अपने घर जाना चाहिए था. ये उनकी जीत होती, लेकिन इस आंदोलन का मकसद सिर्फ बीजेपी और जेजेपी की सरकार का विरोध करना रह गया है. जो लोग किसानों के नेता बने फिरते हैं हरियाणा सरकार की उपलब्धियों और अच्छे कामों को नहीं देखते.

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धनखड़ ने कहा कि ये लोग सिर्फ आंदोलन के जरिए विरोध करने का बहाना ढूंढते हैं. जब किसान नेता पंजाब में गन्ने का रेट बढ़ने पर पंजाब के मुख्यमंत्री लड्डू खिलाने के लिए आ सकते हैं तो हरियाणा में गन्ने का रेट बढ़ने पर वे लोग हरियाणा के मुख्यमंत्री के पास क्यों नहीं आते. चुनाव पास आते ही पंजाब सरकार ने गन्ने की रेट में बढ़ोतरी की है. दूसरी तरफ हरियाणा हमेशा ही किसानों को देशभर में गन्ने का सबसे ज्यादा रेट देता है तो इस बार रेट बढ़ने पर हरियाणा सरकार की तारीफ क्यों नहीं की जा रही.

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