चंड़ीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा चुनाव (rajya sabha elections in haryana) लेकर सियासत सातवें आसमान पर है. एक तरफ हरियाणा कांग्रेस अपने सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शिफ्ट कर चुकी है. तो दूसरी तरफ अब हरियाणा बीजेपी ने भी अपने सभी विधायकों को चंडीगढ़ (bjp mla fencing in chandigarh) बुलाया है. बीजेपी ने बुधवार शाम 4 बजे सभी विधायकों को चंडीगढ़ के निजी होटल में बुलाया है. निर्दलीय विधायकों को भी बीजेपी ने चंडीगढ़ बुलाया है.
हरियाणा में राज्यसभा (rajya sabha elections in haryana) की दो सीटों पर 10 जून को मतदान होगा. इस मतदान से पहले ही हरियाणा कांग्रेस ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी. 31 में से हरियाणा से 28 विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजा गया. खबर है कि रायपुर में सभी विधायक रिजोर्ट (haryana congress mla shifted) में रहेंगे. रायपुर से 10 जून को वोटिंग वाले दिन ये विधायक चंडीगढ़ में सीधे हरियाणा विधानसभा पहुंचेंगे. ऐसे में बीजेपी भी अब सतर्क नजर आ रही है.
हरियाणा में क्रॉस वोटिंग का डर! खबर है कि हरियाणा में राज्यसभा चुनाव (rajya sabha elections in haryana) में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर लग रहा है. इससे बचने के लिए पहले हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों को दिल्ली बुलाया. उसके बाद हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों को रायपुर ले जाया गया. पिछली बार हरियाणा में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. इसलिए इस बार कांग्रेस पहले से अलर्ट मोड पर है. अब यही डर हरियाणा बीजेपी में भी देखने को मिल रहा है.
क्या बन रहे हैं समीकरण?: 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अजय माकन को टिकट दिया है. वहीं कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है. हरियाणा में राज्यसभा में जीत के लिए 31 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं लेकिन कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर है. क्योंकि कार्तिकेय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं. कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा कांग्रेस के विधायक हैं. शायद इसलिए कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है.
दूसरी ओर हरियाणा बीजेपी भी सतर्क नजर आ रही है, क्योंकि निदर्लीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को जेजेपी ने समर्थन दिया है. अगर कांग्रेस के वोट नहीं टूटे और बीजेपी विधायकों ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थन में वोट डाले तो उनके खुद के उम्मीदवार के लिए मुसीबत हो जाएगी. लिहाजा बीजेपी ने भी कांग्रेस के बाद अपने विधायकों को चंडीगढ़ बुलाया है. माना जा रहा है कि बीजेपी को भी अब क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. थोड़ी सी भी लापरवाही बीजेपी पर भारी पड़ सकती है.
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