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लोकसभा चुनाव 2024: इस बार ग्रामीण क्षेत्र पर बीजेपी का फोकस, क्या जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे मनोहर लाल?

Bjp Focusing On Rural Areas: लोकसभा चुनाव 2024 में हैट्रिक बनाने की तैयारी कर रही बीजेपी ने सूबे के ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस किया है. अंतोदय परिवारों को टारगेट करते हुए हरियाणा सरकार 60 हजार नौकरियां देने की तैयारी कर रही है.

Bjp Focusing On Rural Areas
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 15, 2024, 7:34 AM IST

Updated : Jan 15, 2024, 8:24 AM IST

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस कर रही है. बीजेपी खासतौर पर बीपीएल परिवारों के जरिए हरियाणा में हैट्रिक के प्लान की तैयारी में जुटी है. इसके लिए सरकार की तरफ से पहले से ही कई योजनाएं चलाई हुई हैं. अब सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की रणनीति बनाई है. अंतोदय परिवारों को टारगेट करते हुए हरियाणा सरकार 60 हजार नौकरियां देने की तैयारी कर रही है.

इस बात की घोषणा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर चुके हैं. जिन परिवारों की आय 1 लाख 80 हजार से कम है. सरकार उनको टारगेट कर रही है. सरकार ग्रुप सी और ग्रुप डी के तहत 60 हजार युवाओं को रोजगार देने की बात कह रही है. ग्रामीण क्षेत्र में सरकार का फोकस: सरकार सिर्फ अंतोदय परिवारों को ही लक्ष्य बनाकर आगे नहीं बढ़ रही है, बल्कि इस चुनावी साल में ग्रामीण इलाकों पर भी सरकार का खास फोकस है.

सरकार जानती है कि हरियाणा का करीब 60 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्र में रहता है, जो लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को तीसरी बार जीत दिलाने में अहम योगदान दे सकता है. बीते दिनों सरकार ने करीब 28 लाख से अधिक लोगों के पानी के पेंडिंग बिल भी माफ किए थे. जिसकी रकम करीब 372 करोड़ से अधिक बनती है. वहीं विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए भी सरकार प्रदेश के 6000 से अधिक गांव में सीधा पहुंचने के काम में लगी हुई है.

जिसके जरिए ना सिर्फ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है, बल्कि जो लोग इन योजनाओं से वंचित रह गए हैं. उनको भी इससे जोड़ा जा रहा है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इतनी सफलता ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पाई थी. जिसकी वो उम्मीद लगाए बैठे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ज्यादातर शहरी क्षेत्र की सीटों पर जीत पाई थी. जबकि ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर कांग्रेस, जेजेपी, कामयाब हुई थी. यही वजह है कि इस बार बीजेपी का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा है.

क्या बीजेपी की ये रणनीति दिला पाएगी चुनावी सफलता? राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल ने कहा कि बीजेपी केंद्र और राज्य की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने में जुटी है. जिसको देखकर साफ तौर पर लग रहा है कि बीजेपी का फोकस इस बार शहरी क्षेत्र ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी है. उन्होंने कहा कि कोई भी दल जब जमीनी स्तर तक अपना प्रचार प्रसार करता है, तो निश्चित तौर पर उसका लाभ भी मिलता. उन्होंने कहा कि रोजगार हमेशा से ऐसा मुद्दा रहा है, जो किसी भी सरकार के लिए अहम हो जाता है. जब रोजगार ऐसे लोगों को मिलता है, जिन्होंने कभी उसकी उम्मीद ना कि हो, तो निश्चित तौर पर उसका सरकार को फायदा भी मिलता है.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि हरियाणा के ज्यादातर वोटर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए बीजेपी निश्चित तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों तक अपनी पहुंच बनाने में जुटी हुई है. सरकार की योजनाएं अगर उसके असल हकदार तक पहुंचती है, तो निश्चित तौर पर उससे सरकार को भी फायदा होता है. वहीं चुनावी साल में सरकार की ये मुहिम वोट में कितना कन्वर्ट होती है, ये चुनाव के बाद ही आकलन हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का शिलान्यास करेंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पुस्तक मेले का भी करेंगे उद्घाटन

ये भी पढ़ें- सीएम मनोहर लाल खट्टर की युवाओं से अपील, डोंकी रूट से नहीं जाएं विदेश

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस कर रही है. बीजेपी खासतौर पर बीपीएल परिवारों के जरिए हरियाणा में हैट्रिक के प्लान की तैयारी में जुटी है. इसके लिए सरकार की तरफ से पहले से ही कई योजनाएं चलाई हुई हैं. अब सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की रणनीति बनाई है. अंतोदय परिवारों को टारगेट करते हुए हरियाणा सरकार 60 हजार नौकरियां देने की तैयारी कर रही है.

इस बात की घोषणा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर चुके हैं. जिन परिवारों की आय 1 लाख 80 हजार से कम है. सरकार उनको टारगेट कर रही है. सरकार ग्रुप सी और ग्रुप डी के तहत 60 हजार युवाओं को रोजगार देने की बात कह रही है. ग्रामीण क्षेत्र में सरकार का फोकस: सरकार सिर्फ अंतोदय परिवारों को ही लक्ष्य बनाकर आगे नहीं बढ़ रही है, बल्कि इस चुनावी साल में ग्रामीण इलाकों पर भी सरकार का खास फोकस है.

सरकार जानती है कि हरियाणा का करीब 60 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्र में रहता है, जो लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को तीसरी बार जीत दिलाने में अहम योगदान दे सकता है. बीते दिनों सरकार ने करीब 28 लाख से अधिक लोगों के पानी के पेंडिंग बिल भी माफ किए थे. जिसकी रकम करीब 372 करोड़ से अधिक बनती है. वहीं विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए भी सरकार प्रदेश के 6000 से अधिक गांव में सीधा पहुंचने के काम में लगी हुई है.

जिसके जरिए ना सिर्फ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है, बल्कि जो लोग इन योजनाओं से वंचित रह गए हैं. उनको भी इससे जोड़ा जा रहा है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इतनी सफलता ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पाई थी. जिसकी वो उम्मीद लगाए बैठे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ज्यादातर शहरी क्षेत्र की सीटों पर जीत पाई थी. जबकि ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर कांग्रेस, जेजेपी, कामयाब हुई थी. यही वजह है कि इस बार बीजेपी का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा है.

क्या बीजेपी की ये रणनीति दिला पाएगी चुनावी सफलता? राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल ने कहा कि बीजेपी केंद्र और राज्य की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने में जुटी है. जिसको देखकर साफ तौर पर लग रहा है कि बीजेपी का फोकस इस बार शहरी क्षेत्र ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी है. उन्होंने कहा कि कोई भी दल जब जमीनी स्तर तक अपना प्रचार प्रसार करता है, तो निश्चित तौर पर उसका लाभ भी मिलता. उन्होंने कहा कि रोजगार हमेशा से ऐसा मुद्दा रहा है, जो किसी भी सरकार के लिए अहम हो जाता है. जब रोजगार ऐसे लोगों को मिलता है, जिन्होंने कभी उसकी उम्मीद ना कि हो, तो निश्चित तौर पर उसका सरकार को फायदा भी मिलता है.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा कि हरियाणा के ज्यादातर वोटर ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं. विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए बीजेपी निश्चित तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों तक अपनी पहुंच बनाने में जुटी हुई है. सरकार की योजनाएं अगर उसके असल हकदार तक पहुंचती है, तो निश्चित तौर पर उससे सरकार को भी फायदा होता है. वहीं चुनावी साल में सरकार की ये मुहिम वोट में कितना कन्वर्ट होती है, ये चुनाव के बाद ही आकलन हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का शिलान्यास करेंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पुस्तक मेले का भी करेंगे उद्घाटन

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Last Updated : Jan 15, 2024, 8:24 AM IST
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