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हुड्डा ने चौटाला के आरोपों का दिया जवाब, बोले- 'उम्र के इस पड़ाव पर सियासी लालसा में झूठ का सहारा न लें चौटाला'

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने इनेलो सुप्रीमो और पूर्व सीएम ओपी चौटाला (op chautala) के आरोपों का तथ्यों के साथ जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि वे ओपी चौटाला का सम्मान करते हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी महज सियासी लालसा के लिए उन्हें झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए.

bhupinder singh hooda
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Published : Sep 11, 2021, 8:48 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने पूर्व सीएम ओपी चौटाला (op chautala) के बयान जिसमें उन्होंने हुड्डा सरकार को उन्हें जेल भेजने के लिए जिम्मेदार ठहराया था, उन आरोप का जवाब दिया है. हुड्डा का कहना है कि वो एक वयोवृद्ध नेता के तौर पर ओपी चौटाला का सम्मान करते हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी महज सियासी लालसा के लिए उन्हें झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. एक उम्रदराज नेता को तथ्यों के विपरीत अनर्गल बयानबाजी शोभा नहीं देती. बीजेपी की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए चौटाला प्रतिपक्ष पर निशाना साध रहे हैं क्योंकि, जनता जानती है कि हरियाणा में बीजेपी की जड़ें जमाने का काम ओपी चौटाला की पार्टी ने ही किया है.

आज उन्हीं के परिवार की मेहरबानी के चलते प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज है, जिसका खामियाजा प्रदेश का हर वर्ग भुगत रहा है, लेकिन अगर ओपी चौटाला सरकार की बजाय प्रतिपक्ष के खिलाफ राजनीति करने का मन बना चुके हैं तो उन्हें कम से कम जनता के सामने जेबीटी भर्ती घोटाले के सही तथ्य पेश करने चाहिए. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि उनके दोनों कार्यकाल में ओम प्रकाश चौटाला व उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. उन पर जेबीटी भर्ती घोटाले के आरोप उनके अपने करीबी आईएएस अधिकारी ने लगाए थे.

ये भी पढ़ें- भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस, पंजाब-राजस्थान में क्यों नहीं देती हरियाणा के बराबर MSP- धनखड़

उन्होंने कहा कि चौटाला ने ही उसे डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन लगाया था, जिसने 5-6-2003 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और जेबीटी सिलेक्शन की दो लिस्ट पेश की. चौटाला को पता होना चाहिए कि उस वक्त वो खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे. सारा हरियाणा इस बात को जानता है कि आईएएस रजनी शेखरी सिब्बल ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट अलमारी के अंदर सील करके रखी थी, वह लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली और दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची. ये सारे सवाल चौटाला सरकार के दौरान उठे थे, ना कि कांग्रेस सरकार के दौरान.

हुड्डा ने कहा कि इतना ही नहीं, 25 नवंबर 2003 को सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी, ना कि कांग्रेस सरकार ने. कोर्ट के इसी आदेश पर ओम प्रकाश चौटाला और अन्य पर मुकदमा चला था. हुड्डा ने कहा कि उन्होंने कभी भी राजनीतिक दुर्भावना के चलते कोई कार्य नहीं किया. उन्होंने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है. किसी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाना या ओछी बयानबाजी करना उनके सिद्धांतों के खिलाफ है.

ये भी पढ़ें- सरकार सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ करती है: सैलजा

बता दें कि, शनिवार को रेवाड़ी में इनेलो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कार्यकर्ता मिलन समारोह में शिरकत की थी. इस मौके पर उन्होंने पूर्व की हुड्डा सरकार को उन्हें जेल भेजने के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के षड्यंत्र की वजह से उन्हें 3206 अध्यापकों को नौकरी देने के नाम पर 10 साल की सजा भुगतनी पड़ी.

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) ने पूर्व सीएम ओपी चौटाला (op chautala) के बयान जिसमें उन्होंने हुड्डा सरकार को उन्हें जेल भेजने के लिए जिम्मेदार ठहराया था, उन आरोप का जवाब दिया है. हुड्डा का कहना है कि वो एक वयोवृद्ध नेता के तौर पर ओपी चौटाला का सम्मान करते हैं, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी महज सियासी लालसा के लिए उन्हें झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. एक उम्रदराज नेता को तथ्यों के विपरीत अनर्गल बयानबाजी शोभा नहीं देती. बीजेपी की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए चौटाला प्रतिपक्ष पर निशाना साध रहे हैं क्योंकि, जनता जानती है कि हरियाणा में बीजेपी की जड़ें जमाने का काम ओपी चौटाला की पार्टी ने ही किया है.

आज उन्हीं के परिवार की मेहरबानी के चलते प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज है, जिसका खामियाजा प्रदेश का हर वर्ग भुगत रहा है, लेकिन अगर ओपी चौटाला सरकार की बजाय प्रतिपक्ष के खिलाफ राजनीति करने का मन बना चुके हैं तो उन्हें कम से कम जनता के सामने जेबीटी भर्ती घोटाले के सही तथ्य पेश करने चाहिए. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि उनके दोनों कार्यकाल में ओम प्रकाश चौटाला व उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. उन पर जेबीटी भर्ती घोटाले के आरोप उनके अपने करीबी आईएएस अधिकारी ने लगाए थे.

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उन्होंने कहा कि चौटाला ने ही उसे डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन लगाया था, जिसने 5-6-2003 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और जेबीटी सिलेक्शन की दो लिस्ट पेश की. चौटाला को पता होना चाहिए कि उस वक्त वो खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री थे. सारा हरियाणा इस बात को जानता है कि आईएएस रजनी शेखरी सिब्बल ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट अलमारी के अंदर सील करके रखी थी, वह लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली और दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची. ये सारे सवाल चौटाला सरकार के दौरान उठे थे, ना कि कांग्रेस सरकार के दौरान.

हुड्डा ने कहा कि इतना ही नहीं, 25 नवंबर 2003 को सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी, ना कि कांग्रेस सरकार ने. कोर्ट के इसी आदेश पर ओम प्रकाश चौटाला और अन्य पर मुकदमा चला था. हुड्डा ने कहा कि उन्होंने कभी भी राजनीतिक दुर्भावना के चलते कोई कार्य नहीं किया. उन्होंने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है. किसी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाना या ओछी बयानबाजी करना उनके सिद्धांतों के खिलाफ है.

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बता दें कि, शनिवार को रेवाड़ी में इनेलो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कार्यकर्ता मिलन समारोह में शिरकत की थी. इस मौके पर उन्होंने पूर्व की हुड्डा सरकार को उन्हें जेल भेजने के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के षड्यंत्र की वजह से उन्हें 3206 अध्यापकों को नौकरी देने के नाम पर 10 साल की सजा भुगतनी पड़ी.

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