ETV Bharat / state

बजट का हाल 'खोदा पहाड़ निकली चुहिया' जैसा रहा- हुड्डा

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को निराशाजनक बताते हुए राज्य पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आज हरियाणा का हर बच्चा 1 लाख का कर्ज लेकर पैदा होता है.

bhupinder singh hooda on haryana budget
bhupinder singh hooda on haryana budget
author img

By

Published : Mar 12, 2021, 8:06 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने बजट पेश होने के बाद प्रेसवार्ता की. बजट को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि बजट पूरी तरह निराशाजनक है. सीएम ने पेस्टिसाइड पर 5 फीसदी जीएसटी की बात की थी मगर पेस्टिसाइड पर 18 फीसदी जीएसटी लग रहा है जो किसान पर बोझ बढ़ा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि एजुकेशन में इस बार टेक्निकल एजुकेशन जोड़ दिया. इसके बाद उसको बढ़ा हुआ दिखाया गया है. हुड्डा ने कहा कि विधायकों से मांगे सुझावों को शामिल किया है, लेकिन मैंने जो दर्जन भर सुझाव दिए उनमें से कुछ शामिल नहीं किया गया. बजट में किसी को राहत नहीं दी गई.

कोरोना से जूझ रहे लोगों को थी राहत की उम्मीद

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे लॉकडाउन और कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रदेशवासियों को बजट से राहत और रियायतों की उम्मीद थी, लेकिन मुख्यमंत्री के ढाई घंटे लंबे बजट भाषण में किसान, मजदूर, कर्मचारी, कारोबारी और आम गृहणी समेत किसी भी वर्ग के लिए राहत या मदद की घोषणा नहीं की. मुख्यमंत्री ने जानबूझकर बजट भाषण को लंबा खींचा ताकि आंकड़ों की जादूगरी करके लोगों को कंफ्यूज किया जा सके, लेकिन बजट का हाल 'खोदा पहाड़ निकली चुहिया' जैसा रहा.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने बजट को लेकर की प्रेसवार्ता

शिक्षा और कृषि का बजट कम किया गया

हुड्डा ने कहा कि सरकार की तरफ से बार-बार शिक्षा और कृषि का बजट बढ़ाने का दावा किया गया जबकि, सच ये है कि इनका बजट बढ़ाने की बजाय कम किया गया है. शिक्षा के बजट में टेक्निकल एजुकेशन को जोड़कर जनता को कंफ्यूज करने की कोशिश की गई है. सरकार की नीतियों के चलते आज प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहद नाजुक हो गई है. सरकार के पास कर्ज और उसके ब्याज का भुगतान व कर्मचारियों की वेतन-भत्ते देने के बाद अन्य विकास कार्यों के लिए मुश्किल से 5 प्रतिशत बजट बचता है इसीलिए सरकार की तरफ से की जा रही घोषणाओं पर सवालिया निशान खड़ा होता है कि बिना बजट के घोषणाएं कैसे पूरी होंगी.

ये भी पढ़ें- कृषि कल्याण के लिए 2,998 करोड़ रुपये का बजट, प्रदेश में होंगे एक हजार किसान एटीएम स्थापित

प्रदेश पर सवा 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हुआ

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार लगातार प्रदेश को कर्ज में डूबोती जा रही है. सरकार हरियाणा को बैंकरप्सी की तरफ ले जा रही है. यही वजह है कि इस बार के बजट भाषण में कर्ज के आंकड़ों को स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया. जाहिर है सरकार अपनी नाकामी को उजागर करने से हिचकिचा रही है. अनुमान है कि प्रदेश पर करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है. हरियाणा में हर बच्चा अपने सिर पर 1 लाख का कर्ज लेकर पैदा होता है.

मेरी कोई मांग बजट में शामिल नहीं की

उन्होंने सरकार को बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने, गरीबों, किसानों और छोटे कारोबारियों को मंदी से उबारने के लिए आर्थिक मदद देने समेत कई मांगे की थी, लेकिन उनकी मांगों को बजट में शामिल नहीं किया गया. कामगारों के साथ सरकार ने बजट में बेरोजगारों की भी घोर अनदेखी की है. नई उद्योग नीति में सरकार ने बड़े-बड़े लक्ष्य रखे हैं, लेकिन पिछली नीति के आंकड़े बताते हैं कि सरकार 5 साल में निवेश का सिर्फ 24 प्रतिशत और रोजगार सृजन का सिर्फ 8 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल कर पाई.

क्या हुआ जेजेपी के चुनावी वादे का ?

हुड्डा ने कहा कि बजट का सबसे निराशाजनक पहलू ये है कि इसमें ना कोई विजन दिखा और ना ही अपने चुनावी घोषणाओं को पूरा करने की कोशिश नजर आई. बुढ़ापा पेंशन में महज ढाई सौ रुपये की बढ़ोतरी की गई है जबकि, जेजेपी ने बीजेपी के साथ बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपये करने की शर्त पर गठबंधन किया था, लेकिन गठबंधन सरकार ने ना तो जेजेपी के वादे को पूरा किया और ना ही बीजेपी के वादे को.

ये भी पढ़ें- हरियाणा बजट-2021: आपके काम की 21 बड़ी घोषणाएं यहां पढ़िए

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने बजट पेश होने के बाद प्रेसवार्ता की. बजट को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि बजट पूरी तरह निराशाजनक है. सीएम ने पेस्टिसाइड पर 5 फीसदी जीएसटी की बात की थी मगर पेस्टिसाइड पर 18 फीसदी जीएसटी लग रहा है जो किसान पर बोझ बढ़ा रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि एजुकेशन में इस बार टेक्निकल एजुकेशन जोड़ दिया. इसके बाद उसको बढ़ा हुआ दिखाया गया है. हुड्डा ने कहा कि विधायकों से मांगे सुझावों को शामिल किया है, लेकिन मैंने जो दर्जन भर सुझाव दिए उनमें से कुछ शामिल नहीं किया गया. बजट में किसी को राहत नहीं दी गई.

कोरोना से जूझ रहे लोगों को थी राहत की उम्मीद

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे लॉकडाउन और कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रदेशवासियों को बजट से राहत और रियायतों की उम्मीद थी, लेकिन मुख्यमंत्री के ढाई घंटे लंबे बजट भाषण में किसान, मजदूर, कर्मचारी, कारोबारी और आम गृहणी समेत किसी भी वर्ग के लिए राहत या मदद की घोषणा नहीं की. मुख्यमंत्री ने जानबूझकर बजट भाषण को लंबा खींचा ताकि आंकड़ों की जादूगरी करके लोगों को कंफ्यूज किया जा सके, लेकिन बजट का हाल 'खोदा पहाड़ निकली चुहिया' जैसा रहा.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने बजट को लेकर की प्रेसवार्ता

शिक्षा और कृषि का बजट कम किया गया

हुड्डा ने कहा कि सरकार की तरफ से बार-बार शिक्षा और कृषि का बजट बढ़ाने का दावा किया गया जबकि, सच ये है कि इनका बजट बढ़ाने की बजाय कम किया गया है. शिक्षा के बजट में टेक्निकल एजुकेशन को जोड़कर जनता को कंफ्यूज करने की कोशिश की गई है. सरकार की नीतियों के चलते आज प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहद नाजुक हो गई है. सरकार के पास कर्ज और उसके ब्याज का भुगतान व कर्मचारियों की वेतन-भत्ते देने के बाद अन्य विकास कार्यों के लिए मुश्किल से 5 प्रतिशत बजट बचता है इसीलिए सरकार की तरफ से की जा रही घोषणाओं पर सवालिया निशान खड़ा होता है कि बिना बजट के घोषणाएं कैसे पूरी होंगी.

ये भी पढ़ें- कृषि कल्याण के लिए 2,998 करोड़ रुपये का बजट, प्रदेश में होंगे एक हजार किसान एटीएम स्थापित

प्रदेश पर सवा 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हुआ

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार लगातार प्रदेश को कर्ज में डूबोती जा रही है. सरकार हरियाणा को बैंकरप्सी की तरफ ले जा रही है. यही वजह है कि इस बार के बजट भाषण में कर्ज के आंकड़ों को स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया. जाहिर है सरकार अपनी नाकामी को उजागर करने से हिचकिचा रही है. अनुमान है कि प्रदेश पर करीब सवा 2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है. हरियाणा में हर बच्चा अपने सिर पर 1 लाख का कर्ज लेकर पैदा होता है.

मेरी कोई मांग बजट में शामिल नहीं की

उन्होंने सरकार को बुढ़ापा पेंशन बढ़ाने, गरीबों, किसानों और छोटे कारोबारियों को मंदी से उबारने के लिए आर्थिक मदद देने समेत कई मांगे की थी, लेकिन उनकी मांगों को बजट में शामिल नहीं किया गया. कामगारों के साथ सरकार ने बजट में बेरोजगारों की भी घोर अनदेखी की है. नई उद्योग नीति में सरकार ने बड़े-बड़े लक्ष्य रखे हैं, लेकिन पिछली नीति के आंकड़े बताते हैं कि सरकार 5 साल में निवेश का सिर्फ 24 प्रतिशत और रोजगार सृजन का सिर्फ 8 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल कर पाई.

क्या हुआ जेजेपी के चुनावी वादे का ?

हुड्डा ने कहा कि बजट का सबसे निराशाजनक पहलू ये है कि इसमें ना कोई विजन दिखा और ना ही अपने चुनावी घोषणाओं को पूरा करने की कोशिश नजर आई. बुढ़ापा पेंशन में महज ढाई सौ रुपये की बढ़ोतरी की गई है जबकि, जेजेपी ने बीजेपी के साथ बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपये करने की शर्त पर गठबंधन किया था, लेकिन गठबंधन सरकार ने ना तो जेजेपी के वादे को पूरा किया और ना ही बीजेपी के वादे को.

ये भी पढ़ें- हरियाणा बजट-2021: आपके काम की 21 बड़ी घोषणाएं यहां पढ़िए

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.