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चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक, विधानसभा सत्र में सरकार को इन मुद्दों पर घेरेगी पार्टी - हरियाणा कांग्रेस विधायक दल बैठक

चंडीगढ़ में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक हुई. बैठक के बाद पूर्व सीएम ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

haryana congress legislature meeting
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Published : Nov 16, 2021, 4:41 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) की अध्यक्षता में मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक हुई. बैठक में किसान, कर्मचारी, व्यापारी, युवा समेत हर वर्ग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. साथ ही 18 नवंबर को जींद में होने वाले 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम का भी खाका तैयार किया गया. बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. साथ ही 'जनजागरण' अभियान और हरियाणा विधानसभा के आगामी सत्र में इन्हीं मुद्दों को उठाने की रूपरेखा तैयार हुई.

उन्होंने कहा कि महंगाई की वजह से आज गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का जीना दूभर हो गया है. कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तमाम पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलता था, लेकिन आज हरियाणा में पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ से भी महंगा डीजल मिल रहा है. सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार नौकरी, व्यापार, जंगल, पहाड़, नदी, नहर, एमएसपी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, शांति, सुरक्षा, भाईचारा और संस्थाएं सबकुछ खत्म करने में लगी है.

ये भी पढ़ें- अनिल विज ने सलमान खुर्शीद पर साधा निशाना, बोले- 'जो कांग्रेस ने पढ़ाया उन्होंने वही लिखा'

हुड्डा कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियों में हस्तक्षेप कर उनकी स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ कर रही है. ऐसा करके सरकार ना सिर्फ यूजीसी की गाइडलाइंस और विश्वविद्यालय के नियमों, बल्कि केंद्र की नयी शिक्षा नीति का भी उल्लंघन कर रही है. हुड्डा ने यूजीसी के नियमों और नयी शिक्षा नीति में उल्लिखित नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हर विश्वविद्यालय में भर्ती के लिए पहले से उपयुक्त नियम और भर्ती कमेटी मौजूद है.

यहां तक कि पिछले विधानसभा सत्र में खुद मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया था कि सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियां एचएसएससी-एचपीएससी के जरिए नहीं करेगी. बावजूद इसके, सरकार स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज में दखलंदाजी कर रही है. इससे न सिर्फ उनके कामकाज पर बल्कि शिक्षा के स्तर पर भी विपरीत असर पड़ेगा. पहले ही हरियाणा की यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग लगातार गिरती जा रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 34 हजार टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं. 50% स्कूल ऐसे हैं जहां हेड टीचर तक नियुक्त नहीं है. इस तरफ ध्यान देने की बजाय सरकार शिक्षा के ढांचे को ध्वस्त करने में लगी हुई है.

ये भी पढ़ें- भारतीय किसान यूनियन पंजाब चुनाव में उतारेगी अपना प्रत्याशी: गुरनाम चढूनी

खाद की किल्लत पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री रोज दावा करते हैं कि खाद की कोई किल्लत नहीं है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर किल्लत नहीं है तो फिर किसान और बहन-बेटियां खाद के लिए क्यों कतारों में खड़ी हुई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस सरकार ने कोरोना महामारी से कोई सबक नहीं सीखा. यही वजह है कि कोरोना के बाद अब डेंगू की वजह से प्रदेश में मरीजों का बुरा हाल है. अस्पतालों में बीमारी से निपटने के लिए ना उपयुक्त बेड हैं, ना पूरा स्टाफ और ना ही जांच व इलाज के उपकरण.

स्वास्थ्य सेवाओं के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश के युवाओं को 75% आरक्षण देने का ढकोसला कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा रिहायशी प्रमाणपत्र के लिए जरूरी मियाद को 15 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है. इससे हरियाणा के युवाओं को फायदे के बजाय नुकसान होगा. प्रदेश में औद्योगिक विकास का आलम यह है कि आज फरीदाबाद जैसे औद्योगिक नगरों में भी बेरोजगारी बढ़ रही है. नेता प्रतिपक्ष ने पेपर लीक, फर्जी पेपर सॉल्वर, कैश फॉर जॉब जैसे भर्ती घोटालों के मुद्दे को एकबार फिर विधानसभा में उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि रोज प्रदेश में नया भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर सरकार पूरे मामले की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है. आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है.

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चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) की अध्यक्षता में मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल (haryana congress legislature meeting) की बैठक हुई. बैठक में किसान, कर्मचारी, व्यापारी, युवा समेत हर वर्ग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. साथ ही 18 नवंबर को जींद में होने वाले 'विपक्ष आपके समक्ष' कार्यक्रम का भी खाका तैयार किया गया. बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. साथ ही 'जनजागरण' अभियान और हरियाणा विधानसभा के आगामी सत्र में इन्हीं मुद्दों को उठाने की रूपरेखा तैयार हुई.

उन्होंने कहा कि महंगाई की वजह से आज गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का जीना दूभर हो गया है. कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तमाम पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलता था, लेकिन आज हरियाणा में पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ से भी महंगा डीजल मिल रहा है. सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार नौकरी, व्यापार, जंगल, पहाड़, नदी, नहर, एमएसपी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, शांति, सुरक्षा, भाईचारा और संस्थाएं सबकुछ खत्म करने में लगी है.

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हुड्डा कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियों में हस्तक्षेप कर उनकी स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ कर रही है. ऐसा करके सरकार ना सिर्फ यूजीसी की गाइडलाइंस और विश्वविद्यालय के नियमों, बल्कि केंद्र की नयी शिक्षा नीति का भी उल्लंघन कर रही है. हुड्डा ने यूजीसी के नियमों और नयी शिक्षा नीति में उल्लिखित नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हर विश्वविद्यालय में भर्ती के लिए पहले से उपयुक्त नियम और भर्ती कमेटी मौजूद है.

यहां तक कि पिछले विधानसभा सत्र में खुद मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया था कि सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियां एचएसएससी-एचपीएससी के जरिए नहीं करेगी. बावजूद इसके, सरकार स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज में दखलंदाजी कर रही है. इससे न सिर्फ उनके कामकाज पर बल्कि शिक्षा के स्तर पर भी विपरीत असर पड़ेगा. पहले ही हरियाणा की यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग लगातार गिरती जा रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 34 हजार टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं. 50% स्कूल ऐसे हैं जहां हेड टीचर तक नियुक्त नहीं है. इस तरफ ध्यान देने की बजाय सरकार शिक्षा के ढांचे को ध्वस्त करने में लगी हुई है.

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खाद की किल्लत पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री रोज दावा करते हैं कि खाद की कोई किल्लत नहीं है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर किल्लत नहीं है तो फिर किसान और बहन-बेटियां खाद के लिए क्यों कतारों में खड़ी हुई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस सरकार ने कोरोना महामारी से कोई सबक नहीं सीखा. यही वजह है कि कोरोना के बाद अब डेंगू की वजह से प्रदेश में मरीजों का बुरा हाल है. अस्पतालों में बीमारी से निपटने के लिए ना उपयुक्त बेड हैं, ना पूरा स्टाफ और ना ही जांच व इलाज के उपकरण.

स्वास्थ्य सेवाओं के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश के युवाओं को 75% आरक्षण देने का ढकोसला कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा रिहायशी प्रमाणपत्र के लिए जरूरी मियाद को 15 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है. इससे हरियाणा के युवाओं को फायदे के बजाय नुकसान होगा. प्रदेश में औद्योगिक विकास का आलम यह है कि आज फरीदाबाद जैसे औद्योगिक नगरों में भी बेरोजगारी बढ़ रही है. नेता प्रतिपक्ष ने पेपर लीक, फर्जी पेपर सॉल्वर, कैश फॉर जॉब जैसे भर्ती घोटालों के मुद्दे को एकबार फिर विधानसभा में उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि रोज प्रदेश में नया भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर सरकार पूरे मामले की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है. आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है.

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