चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों पर जमकर घेरा. हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार बढ़ाने की नीति पर चल रही है. एसडीओ भर्ती से साबित हो गया कि नौकरी में हरियाणवियों को 75 प्रतिशत आरक्षण का सरकार का दावा महज जुमला है. प्राइवेट तो दूर, सरकार खुद की भर्तियों में हरियाणवी युवाओं की बजाय अन्य राज्यों के 75 प्रतिशत लोगों को नौकरी दे रही है.
हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने डोमिसाइल की सीमा को 15 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है, इसका मतलब है कि जो व्यक्ति हरियाणा में 5 साल रहेगा उसे हरियाणवी माना जाएगा, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. जम्मू कश्मीर जैसे राज्य में भी 15 साल रहने वाले व्यक्ति को राज्य के नागरिक के समान सुविधाएं मिलती हैं तो हरियाणा में सरकार ने ऐसा क्यों किया.
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हुड्डा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा
उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी हमला बोला. हुड्डा ने कहा कि इस सरकार में जमकर घोटाले किए गए हैं. रजिस्ट्री घोटाला और शराब घोटाला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. शराब घोटाले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन तो कर दिया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई है, क्योंकि अगर एसआईटी की रिपोर्ट सामने आ गई तो सरकार हिल जाएगी.
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'बीजेपी-जेजेपी सरकार ने खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया'
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा बनाई और दुनिया में सराही गई 'पदक लाओ-पद पाओ' नीति को बीजेपी-जेजेपी सरकार ने ध्वस्त कर दिया. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से एचसीएस, एचपीएस बनने और प्रमोशन का हक छीन लिया. नई खेल नीति में पैरा-ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर उन्हें ग्रुप-बी तक सीमित कर दिया गया, जो अन्याय है.
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'सरकार को दो कदम आगे बढ़ाने चाहिए'
किसान आंदोलन पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा ये आंदोलन बहुत लंबा हो गया है. किसान खेतों को छोड़कर सड़कों पर बैठा है, जो हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है. अब सरकार को दो कदम आगे आकर किसानों से बात करनी चाहिए और किसानों की मांगें मानकर जल्द से जल्द इस आंदोलन को खत्म करवाना चाहिए.