चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोरोना के बढ़ते मामलों और चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को ज्यादा से ज्यादा और जल्द से जल्द अस्थाई मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना चाहिए.
हुड्डा ने कहा कि गुरुद्वारों और कई धार्मिक संस्थाओं की तरह प्रदेश सरकार को भी अस्थाई अस्पताल बनाने चाहिए. दिल्ली के बुराड़ी की तरह समालखा में भी बड़ा निरंकारी सत्संग भवन है, जहां पर मरीजों के इलाज की अस्थाई व्यवस्था की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी और भी जगह चिन्हित करके तुरंत इस दिशा में काम शुरू करे साथ ही, इस काम में पहले से जुटी समाज सेवी संस्थाओं की भी मदद लेनी और करनी चाहिए.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जिस तरह प्रदेशभर से हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी की खबरें लगातार आ रही हैं, उसको देखते हुए आने वाले समय में ये अस्थाई व्यवस्था काफी मददगार साबित होगी.
हुड्डा ने कहा कि कोरोना संक्रमण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी बड़े पैमाने पर फैल चुका है. स्थिति कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रोहतक के सिर्फ एक गांव टिटौली में चंद दिनों के भीतर 32 लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे हालात में सरकार को पहले के मुकाबले ज्यादा तत्परता और गंभीरता दिखानी होगी, क्योंकि कोई भी लापरवाही बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है.
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्वास्थ्य तंत्र पर और बोझ बढ़ने वाला है इसलिए प्रदेश सरकार को संसाधनों को बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा. हुड्डा ने कहा कि कोरोना खतरनाक जरूर है, लेकिन वक्त पर सही इलाज मिले तो इसको मात दी जा सकती है, इसलिए जरूरी है कि हर कोरोना मरीज को सही वक्त पर उचित चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध हों.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हर मरीज को दवाई, ऑक्सीजन और हॉस्पिटल में इलाज उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है. चिकित्सा सेवाओं के अभाव में एक भी मरीज की जान जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सरकार को मुश्किल के वक्त में लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए.
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सरकार को स्थिति गंभीरता और जमीनी सच्चाई को स्वीकार करते हुए हालात के हिसाब से सक्रियता दिखानी चाहिए. हुड्डा ने कहा कि आज हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग, मेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाई और सरकारी कर्मचारियों को कम से कम संसाधनों के साथ सेवाएं देनी पड़ रही हैं. मुश्किल हालात में लोगों की जान बचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे ये कोरोना योद्धा बधाई के पात्र हैं.