चंडीगढ़: हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ बनवारी लाल ने शनिवार को अनुसूचित जाति के विभिन्न अधिकारों के संबंध में समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति ( पीएमएस-एससी ) योजना, नागरिक अधिकारों के संरक्षण, ट्रांसजेंडर के अधिकारों और अनुसूचित जाति व जनजाति से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों के संबंध में जानकारी ली.
दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने की. बैठक में डॉ बनवारी लाल ने मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के बारे में अपने सुझाव दिया.
उन्होंने कहा कि जैसा कि प्रस्तावित मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना में साल में अनुसूचित जाति के छात्रों को दो बार भत्ता देने की बजाए साल में एक ही बार भत्ता दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, ऐसे छात्रों को दिया जाने वाले भत्ते के अनुपात में केन्द्र का 80 प्रतिशत हिस्सा होना चाहिए. जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार का होना चाहिए. बैठक में देशभर के सभी राज्यों के सामाजिक न्याय और अनुसूचित जाति से संबंधित मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
होनहार छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ाई जाए वार्षिक आय सीमा: बनवारी लाल
बनवारी लाल ने कान्फ्रेंसिंग के दौरान आयोजित समीक्षा बैठक में ये भी सुझाव दिया कि अनुसूचित जाति के छात्रों के परिवारों की वार्षिंक आय 2 लाख 50 हजार से अधिक की सीमा की होनी चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा होनहार छात्रों को आगे बढ़ाया जा सके.
पीएमएस-एससी योजना के लिए केंद्र ने जारी किया 59 हजार करोड़ का बजट
डॉ बनवारी लाल ने कहा कि मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना को लागू करने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत का आभार व्यक्त करते हैं. बता दें कि, इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत दिनों लगभग 59 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है.
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इस मौके पर वीडियों कान्फ्रेंसिंग द्वारा केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया भी जुड़े और समीक्षा बैठक को संबोधित किया.