चंडीगढ़: अम्बाला में प्रस्तावित आर्यभट्ट विज्ञान केन्द्र अपनी तरह का पहला विज्ञान केन्द्र होगा, जहां विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को आसानी से समझा जा सकेगा. हरियाणा के तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने ये जानकारी दी. तकनीकी शिक्षा मंत्री आज इस संबंध में विभाग द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
विज ने कहा कि आर्यभट्ट एक महान गणितज्ञ थे, जिन्होंने शून्य का अविष्कार किया था. उनके नाम से बनाए जाने वाले इस केन्द्र में आर्यभट्ट व अन्य वैज्ञानिकों के विषय में जानकारी दी जाएगी. विज्ञान केन्द्र भवन को चार मंजिला तैयार किया जाएगा, जिसमें विभिन्न मंजिलों पर विज्ञान की अलग-अलग विधाओं को प्रस्तुत किया जाएगा.
इसके ग्राउंड फ्लोर पर बनने वाले भवन में स्वागत कक्ष, अंतरिक्ष विज्ञान प्रदर्शनी, डिजिटल एडवैचर गैलरी, तारामंडल, 3डी ऑडिटोरियम, आगंतुकों के लिए अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी. इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान प्रदर्शनी में पृथ्वी, रॉकेट, सैटेलाइट के प्रकार, भारतीय सैटेलाइट व स्पेस तकनीकों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी.
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इसके प्रथम तल पर फन विज्ञान गैलरी, वी आर थियेटर, इनोवशन हब, विज्ञान स्फीयर सहित अन्य जानकारी उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही द्वितीय तल पर खेल-कूद से संबंधित गैलरी का निर्माण किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के पर्यावरण, वाइल्ड लाइफ व पारिस्थितिक तंत्र, जंगल, कृषि व प्लांट बॉयोटैक्रोलॉजी, ओपन थियेटर व मानव विकास क्रम का प्रदर्शन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस विज्ञान केन्द्र के तीसरे तल पर मापतोल एवं उपकरण, हिमालय और अरावली संबंधी जानकारी, नैनोटैक्नोलॉजी तथा आसमान को निहारने के लिए खुली छत उपलब्ध रहेगी. नैनोटैक्नोलॉजी में आगंतुकों को नैनो की जानकारी, उसके आकार व वस्तुओं के गुणों, तकनीक, प्रकृति में नैनो की उपयोगिता, प्राचीन प्रथाओं की जानकारी तथा प्रत्येक जगह नैनो तकनीक होने संबंधी जानकारी उपलब्ध रहेगी.
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