चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के बाद उनके खिलाफ जांच करने वाली एसआईटी के अधिकारियों पक भी गाज गिर सकती है. गृहमंत्री अनिल विज ने डीजीपी को पत्र लिख जल्द से जल्द जांच के लिए नई एसआईटी का गठन करने और पुरानी एसआईटी के खिलाफ जांच करने के भी आदेश जारी किए हैं.
चंडीगढ़ में मीडिया से गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्हें जो शिकायत मिली है. उसे सुनने के बाद यही लग रहा है कि सुरजेवाला के खिलाफ जांच कर रही एसआईटी ने सही तरीके से काम नहीं किया, क्योंकि इस दौरान एक भी बार सुरजेवाला को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया.
पुरानी एसआईटी ने नहीं की रणदीप सुरजेवाला से पूछताछ
अनिल विज ने कहा कि रणदीप सुरजेवाला दोषी है या नहीं ये तो जांच के बात ही साफ हो पाता, लेकिन उन्हें जांच प्रक्रिया में ही शामिल नहीं किया गया. पुरानी एसआईटी ने उन्हें एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. जिससे साफ है कि पुरानी एसआईटी ने सही तरीके से काम नहीं किया.
गृहमंत्री अनिल विज ने डीजीपी को पत्र लिखा
गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर ना सिर्फ पुरानी एसआईटी से जांच वापस लेने की बात कही है, बल्कि नई एसआईटी का गठन कर दोबारा जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी कहा गया है कि पुरानी एसआईटी के खिलाफ भी जांच की जाए.
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रणदीप सुरजेवाला पर क्या है आरोप ?
बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ गृहमंत्री अनिल विज के दरबार में शिकायत दाखिल की गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे कि ऊर्जा मंत्री रहते हुए कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया.
शिकायतकर्ता अजय सिंह संधू ने आरोप लगाया कि मंत्री रहते हुए सुरजेवाला ने ना सिर्फ उसे गलत तरीके से टेंडर दिलवाया, बल्कि हरियाणा भर से करीब 4 हजार लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की भर्ती ठेके पर उसे गलत तरीके से दिलवाई. भर्ती के लिए किसी से 5 तो किसी से 50 हजार रुपये तक की रिश्वत ली गई, लेकिन जब मामला खुला तो गाज सिर्फ शिकायतकर्ता पर गिरी और रणदीप सिंह सुरजेवाला बच गए.