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सीआईडी विवाद का साइड इफेक्ट ? सीएम मनोहर लाल की मीटिंग में नहीं पहुंचे अनिल विज

मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान के बाद डॉक्टरों की भर्ती सीएम आवास पर रोकने के बाद तल्खी ओर बढ़ रही है. हरियाणा शहरी एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज इस बैठक में नहीं पहुंचे. हालांकि अनिल विज के बैठक में न पहुंचने के बारे में मेयर इसके बारे में जानकरी न होने की बात कहते नजर आए.

mayor commissioner meeting in chandigarh
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच बनीं दूरियां!
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Published : Jan 18, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 8:34 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ निगमों के महापौरों ओर आयुक्तों की करीब 3 घंटे लंबी बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई. इस बैठक में मेयर और कमिश्नर मौजूद थे लेकिन गृह मंत्री अनिल विज इस बैठक से नदारद नजर आए. पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान की खबरें सुर्खियों में थी. इसके अलावा आज स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भर्ती पर रोक का एक और मामला सामने आया है. ऐसे में लग रहा है कि दोनों मंत्रियों के बीच दूरियां पैदा हो गई हैं.

मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान के बाद डॉक्टरों की भर्ती पर रोक के बाद तल्खी और बढ़ रही है. हरियाणा शहरी एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज इस बैठक में नहीं पहुंचे. हालांकि जब अनिल विज के बैठक में न पहुंचने के बारे में मेयर से पूछा गया तो वो इसके बारे में जानकरी न होने की बात कहते नजर आए.

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच बनीं दूरियां!

बैठक में लिए गए अहम फैसले
सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है. बैठक में कहा गया कि मेयर विकास के कार्यों के लिए स्वत: अपने लेवल से वित्त प्रबंधन करेंगे. मेयर अब प्रॉपर्टी टैक्स , बिजली विभाग और अन्य विभागों से अर्जित धन से विकास कराएंगे. बैठक में कहा गया है कि सीएम की घोषणाओं से विकास कार्यों कि राशि नहीं मिलेगी.

गुरुग्राम में हुई बैठक
बैठक के बाद गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद ने कहा कि सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है. इसके अलावा सभी महापौरों ने अपनी शक्तियां बढ़ाने की मांग भी की है. उनका कहना है कि निचले स्तर पर कर्मचारी मनमानी करते हैं उनको काबू करने के लिए शक्तियों की जरूरत है. इसके अलावा महापौरों ने मांग की कि एसीआर लिखने का अधिकार उन्हें होना चाहिए ताकि अधिकारी मनमानी न कर सकें.

पानीपत मेयर का बयान
पानीपत की मेयर अवनीत कौर ने कहा की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने पर चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने निगमों को बेहतर वित्तीय प्रबन्धन करने के लिए कहा है. निगम अपने खर्च और विकास कार्यों के लिए धनराशि अपने आय के स्रोतों से पूरा करे ये कहा है. निगमों में सीएम अनाउंसमेंट के तहत कोई योजना नहीं चलाई जायेगी. सरकार अब वित्तीय रूप से मजबूत निगमों को सरकारी ग्रांट नहीं देगी. जो निगम आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन निगमों को आर्थिक मदद जारी रहेगी.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली चुनाव पर JJP की क्या होगी रणनीति? कोर कमेटी की बैठक में होगा फैसला

क्या हैं इस दूरी के मायने?
अनिल विज का बैठक से दूरी बनाना फिर कई सवाल खड़े करता है. विभाग के मंत्री के ही बैठक में न पहुंचने पर माना जा रहा है कि तल्खी बढ़ती जा रही है जो डॉक्टरों की भर्ती रोकने ओर अब बैठक से दूरी में दिखाई दे रही है. ऐसे में देखना होगा कि ये खींचतान कब जाकर समाप्त होती है. क्या ये तल्खी बड़े टकराव में बदलेगी या भाजपा हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद रुकेगी.

चंडीगढ़ः हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ निगमों के महापौरों ओर आयुक्तों की करीब 3 घंटे लंबी बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई. इस बैठक में मेयर और कमिश्नर मौजूद थे लेकिन गृह मंत्री अनिल विज इस बैठक से नदारद नजर आए. पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान की खबरें सुर्खियों में थी. इसके अलावा आज स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भर्ती पर रोक का एक और मामला सामने आया है. ऐसे में लग रहा है कि दोनों मंत्रियों के बीच दूरियां पैदा हो गई हैं.

मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान के बाद डॉक्टरों की भर्ती पर रोक के बाद तल्खी और बढ़ रही है. हरियाणा शहरी एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज इस बैठक में नहीं पहुंचे. हालांकि जब अनिल विज के बैठक में न पहुंचने के बारे में मेयर से पूछा गया तो वो इसके बारे में जानकरी न होने की बात कहते नजर आए.

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बीच बनीं दूरियां!

बैठक में लिए गए अहम फैसले
सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है. बैठक में कहा गया कि मेयर विकास के कार्यों के लिए स्वत: अपने लेवल से वित्त प्रबंधन करेंगे. मेयर अब प्रॉपर्टी टैक्स , बिजली विभाग और अन्य विभागों से अर्जित धन से विकास कराएंगे. बैठक में कहा गया है कि सीएम की घोषणाओं से विकास कार्यों कि राशि नहीं मिलेगी.

गुरुग्राम में हुई बैठक
बैठक के बाद गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद ने कहा कि सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है. इसके अलावा सभी महापौरों ने अपनी शक्तियां बढ़ाने की मांग भी की है. उनका कहना है कि निचले स्तर पर कर्मचारी मनमानी करते हैं उनको काबू करने के लिए शक्तियों की जरूरत है. इसके अलावा महापौरों ने मांग की कि एसीआर लिखने का अधिकार उन्हें होना चाहिए ताकि अधिकारी मनमानी न कर सकें.

पानीपत मेयर का बयान
पानीपत की मेयर अवनीत कौर ने कहा की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने पर चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री ने निगमों को बेहतर वित्तीय प्रबन्धन करने के लिए कहा है. निगम अपने खर्च और विकास कार्यों के लिए धनराशि अपने आय के स्रोतों से पूरा करे ये कहा है. निगमों में सीएम अनाउंसमेंट के तहत कोई योजना नहीं चलाई जायेगी. सरकार अब वित्तीय रूप से मजबूत निगमों को सरकारी ग्रांट नहीं देगी. जो निगम आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन निगमों को आर्थिक मदद जारी रहेगी.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली चुनाव पर JJP की क्या होगी रणनीति? कोर कमेटी की बैठक में होगा फैसला

क्या हैं इस दूरी के मायने?
अनिल विज का बैठक से दूरी बनाना फिर कई सवाल खड़े करता है. विभाग के मंत्री के ही बैठक में न पहुंचने पर माना जा रहा है कि तल्खी बढ़ती जा रही है जो डॉक्टरों की भर्ती रोकने ओर अब बैठक से दूरी में दिखाई दे रही है. ऐसे में देखना होगा कि ये खींचतान कब जाकर समाप्त होती है. क्या ये तल्खी बड़े टकराव में बदलेगी या भाजपा हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद रुकेगी.

Intro:एंकर -
हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ निगमों के महापौरों ओर आयुक्तों की करीब 3 घंटे लंबी बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई । सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है । बैठक में कहा गया कि विकास के कार्यों के लिए स्वत: अपने लेवल से वित्त प्रबंधन करेंगे
। मेयर अब प्रॉपर्टी टैक्स , बिजली विभाग और अन्य विभागों से अर्जित धन से विकास करांएगे । बैठक में कहा गया है कि सीएम घोषणाओं से विकास कार्यों कि राशि नही मिलेगी । वहीँ मुख्यमंत्री और ग्रह मंत्री के बीच सीआईडी को लेकर खींचतान के बाद डॉक्टरों की भर्ती सीएम आवास पर रोकने के बाद तल्खी ओर बढ़ रही है । हरियाणा शहरी एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज इस बैठक में नही पहुँचें । हालांकि अनिल विज के बैठक में न पहुँचने के बारे में मेयर इसके बारे में जानकरी न होने की बात कहते नजर आए । Body:वीओ -
बैठक के बाद गुरूग्राम की मेयर मधु आज़ाद ने कहा कि सीएम ने सभी निगमों की वित्तीय शक्तियां ढाई करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया है । इसके अलावा सभी महापौरों ने अपनी शक्तियान बढाने की मांग भी की है । निचले स्तर पर कर्मचारी मनमानी करते हैं उनको काबू करने के लिए शक्तियों की जरूरत है । एसीआर लिखने का अधिकार होना चाहिए ताकि मनमानी अधिकारी न कर सकें ।
बाइट - मधु आज़ाद , मेयर , गुरूग्राम
वीओ -
पानीपत की मेयर अवनीत कौर ने कहा की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने पर चर्चा हुई है । मुख्यमंत्री ने निगमों को बेहतर वित्तीय प्रबन्धन करने के लिए कहा है । निगम अपने खर्च और विकास कार्यों के लिए धनराशि अपने आय के स्रोतों से पूरा करे ये कहा है। निगमों में सीएम अनाउंसमेंट के तहत कोई योजना नही चलाई जायेगी । सरकार अब वित्तीय रूप से मजबूत निगमों को सरकारी ग्रांट नहीं देगी । जो निगम आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन निगमो को आर्थिक मदद जारी रहेगी ।
बाइट - अवनीत कौर , मेयर , पानीपत
वीओ -
वहीँ करनाल की मेयर रेणु बाला ने कहा सरकार ने निगमों के विकास कार्यो पर चर्चा की है । हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी नगर निगमों को अधिक स्वायत्त और आर्थिक रूप से मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । निगमों को अपनी आय का दायरा बढ़ाने और खुद ही निगम का खर्च उठाने को कहा गया । बैठक में सबसे अहम चर्चा हुई कि भविष्य में सीएम घोषणा के तहत नियमों में कोई कार्य नहीं करवाए जाएंगे । निगमों को कहा आ गया कि वे विकास कार्यों और अपने खर्च को पूरा करने के लिए अपने आय के साधनों को बढ़ाएं ।
बाइट - मधु आजाद , मेयर, नगर निगम गुरुग्राम Conclusion:वहीँ अनिल विज का बैठक से दूरी बनाना फिर कई सवाल खड़ा करता है । विभाग के मंत्री के ही बैठक में न पहुँचने पर माना जा रहा है कि तल्खी बढ़ती जा रही है जो डॉक्टरों की भर्ती रोकने ओर अब बैठक से दूरी पर कई सवाल खड़े होने लगे है । ऐसे में देखना होगा कि ये खींच तान कब जाकर समाप्त होती है । क्या ये तल्खी बड़े टकराव में जाएगी या भाजपा हाई कमान के हस्तक्षेप के बाद ही ये तल्खी रुकेगी देखना होगा ।
Last Updated : Jan 18, 2020, 8:34 PM IST
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