चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए बन रहे वैकल्पिक मार्ग के मुद्दे पर गुरुवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नए आदेश जारी किए हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल ने बताया कि चंडीगढ़ के प्रशासक ने इस मामले में सभी अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में वैकल्पिक सड़क मार्ग को लेकर चर्चा हुई थी. बैठक में बताया गया था कि पंजाब सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण को लेकर कोई पेंच फंसा हुआ था.
जो अब सुलझा लिया गया है. हालांकि अभी तक उस बैठक के प्रमुख बिंदु सामने नहीं आए हैं. लेकिन इस बात पर सहमति बन गई है कि जो वैकल्पिक मार्ग होगा. वो चंडीगढ़ सेक्टर 47- 48 के जंक्शन से निकलना है. उसकी लंबाई 3.7 किलोमीटर होगी. उसमें से ज्यादातर जमीन का अधिग्रहण चंडीगढ़ प्रशासन ने करना है, जोकि करीब 48 एकड़ है. जो बाकी 14 से 15 एकड़ जमीन है, वो पंजाब सरकार अधिग्रहित करेगी, जिसकी कीमत पंजाब को उठानी होगी.
इसके बाद ये सारी जमीन चंडीगढ़ प्रशासन को हैंडओवर की जाएगी. जिसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन सड़क का निर्माण करेगा. इससे चंडीगढ़ के लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि पंजाब में कुछ समय के लिए बेस्टेक मॉल के सामने से जीएमडीए के अंडर एक सड़क के निर्माण का प्रपोजल रखा गया है. जो एयरपोर्ट के लिए दूसरा रूट होगा. वो करीब आठ किलोमीटर का होगा. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने मोहाली में बने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर वैकल्पिक मार्ग के लिए जमीन के अधिग्रहण मामले में पंजाब सरकार को नए आदेश जारी किए हैं कि वो लगभग 98 गैर कानूनी बने निर्माण को हटाए.
पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने कहा है कि वो 4 हफ्ते में रिहैबिलिटेशन स्कीम तैयार करेंगे. इस मामले में पंजाब सरकार को 8 सप्ताह का समय मिला है. उन्होंने बताया कि इंडियन एयरफोर्स की जो जमीन वैकल्पिक मार्ग में आ रही थी. उसको लेकर भी एयरफोर्स को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से अप्रूवल मिल गई है. अब वैकल्पिक मार्ग को लेकर स्थिति बिलकुल स्पष्ट हो गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई महीने में होगी.