चंडीगढ़/इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पीएम मोदी को नोटिस दिया है. कोर्ट ने पीएम मोदी से 21 अगस्त तक जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई भी 21 अगस्त को होगी.
कोर्ट ने एबीपी न्यूज चैनल सहित अन्य विपक्षियों को भी पक्षकार से हटाने की याची की मांग स्वीकार कर लिया है. याची अधिवक्ता को इस आशय की अर्जी दाखिल करने का समय दिया है. याची का कहना है कि उसके नामांकन पत्र को गलत जानकारी देने पर निरस्त कर दिया गया. उसे जवाब दाखिल करने का समय नहीं दिया गया.
कानून के मुताबिक उन्हें 24 घण्टे का समय मिलना चाहिए. याचिका में चुनाव अधिकारियों पर राजनितिक दबाव में निर्णय लेने का आरोप लगाया गया है. याची का नामांकन बर्खास्तगी की जानकारी छिपाने के आधार पर निरस्त हुआ. कोर्ट ने याची को अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. कोर्ट ने नोटिस रजिस्टर्ड डाक और समाचार पत्र में प्रकाशित करने का आदेश दिया है, मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.
क्या है मामला?
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की संसद सदस्यता को सीआरपीएफ के पूर्व सिपाही तेज बहादुर यादव ने चुनौती दी है. तेज बहादुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनका नामांकन पत्र नियम विरुद्ध जाकर साजिश के तहत निरस्त कराने का आरोप लगाया है. लोकसभा चुनाव में तेजबहादुर यादव ने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था. जिसको चुनाव आयोग ने ये कहकर रद्द कर दिया था कि आपके डॉक्यूमेंट्स पूरे नहीं हैं.