चंडीगढ़: हरियाणा में 2024 के चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) सभी दलों के लिए कितने अहम है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सभी दलों ने अभी से जमीनी स्तर पर अपनी पूरी ताकत झोंक ना शुरू कर दिया है. सभी दलों में मुकाबला ऐसा है कि कोई भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहता है. इसी को देखते हुए सभी दलों ने आगामी चुनावों से पहले जनता के दरबार तक पहुंचने के लिए सभी ने अपना रोड मैप में बनाया हुआ है.
पिछले 2 चुनाव बीजेपी के लिए रहे हैं शानदार: हरियाणा में बीजेपी पहली बार 2014 में सत्ता में आई. इस चुनाव में बीजेपी ने 90 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में 47 सीटों पर जीत दर्ज की. इससे पहले 1996 में बीजेपी प्रदेश में सबसे ज्यादा 11 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. लेकिन, 2019 के चुनाव में पार्टी फुल मेजोरिटी के साथ सत्ता में वापस नहीं आ पाई. लेकिन, 2019 के चुनाव में पार्टी को 40 सीटें मिली के बावजूद जेजेपी के दस विधायकों के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दस मैं से 7 सीटें जीती थी. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी दस सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था.
तीसरी बार सत्ता पाने के लिए बीजेपी का क्या है प्लान?: ऐसे में बीजेपी के सामने आने वाले चुनावों में सबसे बड़ी चुनौती अपने पिछले रिकॉर्ड को कायम रखने की होगी. इस बात को बीजेपी के तमाम नेता जानते हैं और इसलिए वह किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. वैसे तो पार्टी के पहले से कई कार्यक्रम थे जिनमें से मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जनसंवाद कार्यक्रम एक है. वहीं, जुलाई महीने से पार्टी के मंत्री और विधायक भी मैदान में उतरेंगे और वह भी सीधा जनता से संवाद करेंगे.
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर कई आयोजन: इस सबके बीच पार्टी केंद्र में बीजेपी के 9 साल के शासन को लेकर जून महीने में कई कार्यक्रम करने जा रही है. मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर हरियाणा में लोकसभा स्तर पर होने वाली सभी रैलियों की योजनाएं बना ली गई है. हरियाणा में आठ रैलियां लोकसभा क्षेत्र स्तर की होंगी.जबकि दो लोकसभा क्षेत्रों में प्रदेश स्तर की दो रैलियां होंगी. इनको लेकर केंद्रीय नेताओं की ड्यूटी भी लगाई है और प्रदेश स्तर पर इनके संयोजक नियुक्त किए गए हैं. प्रदेश भर में 10 लोकसभाओं के तीन कलस्टर बनाए गए हैं. ये रैलियां जनसंपर्क अभियान के दौरान जून माह में ही होना तय हुई है. इतना ही नहीं मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हर लोकसभा क्षेत्र में 13 तरह के कार्यक्रम होने वाले हैं. ये कार्यक्रम 1 जून से शुरू होकर 30 जून चलेंगे. हर बूथ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे और मोदी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाया जाएगा. बीजेपी अपना मेगा प्लान तैयार कर रखा है.
10 साल से सत्ता से दूर है कांग्रेस: साल 2014 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. हरियाणा विधानसभा के 2014 के नतीजों में कांग्रेस पार्टी मात्र 15 सीटें जीत पाई थी और वह तीसरे नंबर पर रही थी. वहीं, साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मात्र 31 सीटें मिली. हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से हरियाणा में कांग्रेस साल 2014 में एक ही सीटें जीत पाई थी, जबकि साल 2019 में वह एक भी सीट नहीं जीत सकी.
सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस की भी पूरी तैयारी: पिछले दो चुनाव के बाद से सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी में इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. वैसे तो कांग्रेस पार्टी पिछले काफी लंबे समय से प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम कर रही है जिसमें से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम प्रमुख है जो कि हर लोकसभा क्षेत्र के स्तर पर हो रहा है. इसमें से अभी तक अधिकतर कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं.
आने वाले दिनों में होंगे कांग्रेस के कई कार्यक्रम: वहीं, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही कांग्रेस पार्टी चुनावी मोड में चल रही है. इसके बाद हरियाणा में कांग्रेस पार्टी हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम के तहत ब्लॉक स्तर तक पहुंच कर लोगों को अपने साथ जोड़ने में जुटी है. वहीं, पार्टी है जनसंपर्क अभियान भी चला रखा है. पार्टी का 18 तारीख को पानीपत में जनसंपर्क अभियान हैं. 4 जून को रोहतक में कबीर जयंती मनाने का कार्यक्रम है. भिवानी में होने वाला विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम 25 जून के जगह अब 9 जुलाई को होगा. इसके साथ ही प्रदेश की बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन की सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का भी कांग्रेस पार्टी ने प्लान बना रखा है.
जननायक जनता पार्टी की चुनावी मोड में: हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी ने पहली बार साल 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़ा. इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी इस चुनाव में 10 विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब हुई और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने में अपना सहयोग दिया. अब अगले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है. हालांकि, पार्टी कोई बड़ी यात्रा या रैली नहीं कर रही है, लेकिन पार्टी के तमाम नेता लगातार जमीनी स्तर पर लोगों के बीच जाकर अपना जनसंपर्क अभियान लगातार जारी रखे हुए हैं.
3 जून से विभिन्न जिलों के दौरे पर जेजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला: जननायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला तीन जून से विभिन्न जिलों के दौरे पर रहेंगे. जेजेपी प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह के मुताबिक अजय चौटाला तीन जून को फरीदाबाद में जेजेपी जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे. चार जून को वे भिवानी में कबीर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. पांच जून को डॉ. अजय सिंह चौटाला फतेहाबाद जिले में होंगे. वे यहां जाट धर्मशाला में जिला स्तरीय पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह भी कहते हैं कि जेजेपी लगातार लोगों से जुड़े रहने वाली पार्टी है. वे कहते हैं कि पार्टी के तमाम बड़े नेता लोगों के बीच आने वाले दिनों में लगातार संपर्क में रहेंगे.
पिछले दो चुनावों में आईएनएलडी हुई कमजोर: 2014 के विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल प्रदेश की दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी, और 19 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी दो फाड़ हो गई थी. आईएनएलडी से अलग जननायक जनता पार्टी बनी. जिसके बाद आईएनएलडी के कई नेता जननायक जनता पार्टी के साथ हो लिए. इसी का असर 2019 के चुनावी नतीजों में भी दिखा, आईएनएलडी मात्र एक सीट विधानसभा चुनाव में जीत पाई. हालांकि पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन, 2019 में उसके हाथ भी कांग्रेस की तरह खाली रहे.
आईएनएलडी परिवर्तन पदयात्रा के सहारे सत्ता में आने के लिए कर रही कोशिश: हरियाणा कि प्रदेश स्तर की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल फिर से प्रदेश की एक बड़ी ताकत बनने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. पार्टी के वर्तमान में एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला परिवर्तन पदयात्रा के तहत पूरे प्रदेश की यात्रा पर निकले हैं. कभी प्रदेश की सत्ता में रही इंडियन नेशनल लोकदल आज एकमात्र विधायक के सहारे फिर से अपने पुराने दिन हासिल करने के लिए जनता के दरबार में हाजिरी भर रही है. वहीं, अब फिर से हरियाणा में मजबूत दल बनने के लिए पार्टी के नेता अभय चौटाला लगाता अपनी परिवर्तन पद यात्रा के जरिए लोगों के बीच जाकर प्रदेश में परिवर्तन लाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की भी इस बार होगी एंट्री: हरियाणा के चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी वैसे तो नई नहीं है. 2019 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन, पार्टी का कोई भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर पाया था. वहीं, आदमपुर उपचुनाव में भी पार्टी मैदान में उतरी थी, लेकिन उसके हाथ का हाथ खाली ही रहे. लेकिन, 2024 के चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी पिछले काफी लंबे समय से जनता के मुद्दों के सहारे प्रदेश में खुद को एक बड़ी ताकत बनाने के लिए जुटी हुई है. पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर हरियाणा की जनता से एक मौका मांग रही है. वहीं, 8 जून को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान जींद आ रहे हैं. जहां वे रोड शो करेंगे. यानी आप भी 2024 के चुनावी दंगल में पूरी तरह मैदान में आ चुकी है.
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