चंडीगढ: कर्मचारियों ने कहा कि 20 जुलाई को जो सरकार के साथ सहमति हुई थी. उस पर भी लेटर अब तक जारी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के समान वेतनमान और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने फिर से साफ इंकार किया है. सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गम्भीर नहीं है.
लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी, सरकार उनके पत्र जारी नहीं करती है तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा.
बैठक के बाद सर्वकर्मचारी संघ के नेता सुभाष लाम्बा ने कहा कि हड़ताल के दौरान रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं, उन पर भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. टीचर्स तबादला पॉलिसी में जो एनिवेहर में डाल रखा है उस पर भी कोई आश्वासन नहीं मिला है. रोडवेज की किलोमीटर स्कीम रद्द करने के मामले में भी हम सरकार के फैसले पर सहमत नहीं हैं.
लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी. उनके पत्र जारी नहीं करती तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की 5 साल की कर्मचारियों को लेकर जो नीति रही है. उसको लेकर कर्मचारियों के बीच जाएंगे और कर्मचारी चुनाव में अपने विवेक से फैसला लेंगे.
फिलहाल कर्मचारी नेताओं की मानें तो 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में जिन 24 मांगों पर चर्चा हुई थी उनमें से सरकार ने 12 मांगों पर पहले ही स्पष्ट इनकार कर दिया था. अभी सरकार ने पंजाब के समान वेतनमान और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को स्पष्ट इनकार कर दिया है.