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CM के प्रधान सचिव से सर्व कर्मचारी संघ की बैठक विफल, मांगों को लटकाने का आरोप

सर्व कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ करीब 3 घंटे तक चली बातचीत विफल रही. सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने बैठक के बाद कहा कि आज की सरकार के साथ बातचीत कर्मचारी संघ की विफल रही है. सर्व कर्मचारी संघ मानता है सरकार मांगों को लटकाने का प्रयास कर रही.

सुभाष लांबा, महासचिव, सर्व कर्मचारी संघ
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Published : Sep 13, 2019, 2:32 AM IST

Updated : Sep 13, 2019, 8:27 AM IST

चंडीगढ: कर्मचारियों ने कहा कि 20 जुलाई को जो सरकार के साथ सहमति हुई थी. उस पर भी लेटर अब तक जारी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के समान वेतनमान और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने फिर से साफ इंकार किया है. सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गम्भीर नहीं है.


लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी, सरकार उनके पत्र जारी नहीं करती है तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा.

क्लिक कर सुनें क्या कह रहे हैं सुभाष लांबा.


बैठक के बाद सर्वकर्मचारी संघ के नेता सुभाष लाम्बा ने कहा कि हड़ताल के दौरान रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं, उन पर भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. टीचर्स तबादला पॉलिसी में जो एनिवेहर में डाल रखा है उस पर भी कोई आश्वासन नहीं मिला है. रोडवेज की किलोमीटर स्कीम रद्द करने के मामले में भी हम सरकार के फैसले पर सहमत नहीं हैं.

लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी. उनके पत्र जारी नहीं करती तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की 5 साल की कर्मचारियों को लेकर जो नीति रही है. उसको लेकर कर्मचारियों के बीच जाएंगे और कर्मचारी चुनाव में अपने विवेक से फैसला लेंगे.

फिलहाल कर्मचारी नेताओं की मानें तो 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में जिन 24 मांगों पर चर्चा हुई थी उनमें से सरकार ने 12 मांगों पर पहले ही स्पष्ट इनकार कर दिया था. अभी सरकार ने पंजाब के समान वेतनमान और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को स्पष्ट इनकार कर दिया है.

चंडीगढ: कर्मचारियों ने कहा कि 20 जुलाई को जो सरकार के साथ सहमति हुई थी. उस पर भी लेटर अब तक जारी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के समान वेतनमान और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने फिर से साफ इंकार किया है. सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गम्भीर नहीं है.


लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी, सरकार उनके पत्र जारी नहीं करती है तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा.

क्लिक कर सुनें क्या कह रहे हैं सुभाष लांबा.


बैठक के बाद सर्वकर्मचारी संघ के नेता सुभाष लाम्बा ने कहा कि हड़ताल के दौरान रोडवेज कर्मचारियों के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं, उन पर भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. टीचर्स तबादला पॉलिसी में जो एनिवेहर में डाल रखा है उस पर भी कोई आश्वासन नहीं मिला है. रोडवेज की किलोमीटर स्कीम रद्द करने के मामले में भी हम सरकार के फैसले पर सहमत नहीं हैं.

लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी. उनके पत्र जारी नहीं करती तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की 5 साल की कर्मचारियों को लेकर जो नीति रही है. उसको लेकर कर्मचारियों के बीच जाएंगे और कर्मचारी चुनाव में अपने विवेक से फैसला लेंगे.

फिलहाल कर्मचारी नेताओं की मानें तो 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में जिन 24 मांगों पर चर्चा हुई थी उनमें से सरकार ने 12 मांगों पर पहले ही स्पष्ट इनकार कर दिया था. अभी सरकार ने पंजाब के समान वेतनमान और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को स्पष्ट इनकार कर दिया है.

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सर्व कर्मचारी संघ की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ करीब 3 घंटे तक चली बातचीत विफल रही । सर्वकर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने बैठक के बाद कहा कि आज की सरकार के साथ बातचीत कर्मचारी संघ की विफल रही है । सर्व कर्मचारी संघ मानता है सरकार मांगों को लटकाने का प्रयास कर रही
है । 20 जुलाई को जो सरकार के साथ सहमति हुई थी उस दौरान की सहमति पर भी लेटर अब तक जारी नही हुए है । उन्होंने कहा कि पंजाब के समान वेतनमान और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने ओर पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार ने फिर से साफ इंकार किया है। सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गम्भीर नही है
। लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी उनके पत्र जारी नहीं करती तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा । Body:बैठक के बाद सर्वकर्मचारी संघ के नेता सुभाष लाम्बा ने कहा कि हड़ताल के दौरान जो रोड़वेज कर्मचारियों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज है उन पर भी सरकार ने कोई कार्रवाई नही की है । टीचर्स तबादला पॉलिसी में जो एनिवेहर में डाल रखा है उस पर भी कोई आश्वासन नही मिला है । रोडवेज की किलोमीटर स्कीम रद्द करने के मामले में भी हम सरकार के फैसले पर सहमत नही है ।
लांबा ने कहा अगर आचार संहिता लगने से पहले जिन मांगों पर सहमति हुई थी उनके पत्र जारी नहीं करती तो सर्व कर्मचारी संघ की कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तैयार करेगा । उन्होंने कहा की सरकार की 5 साल की कर्मचारियों को लेकर जो नीति रही है उसको लेकर कर्मचारियों के बीच जाएंगे और कर्मचारी चुनाव में अपने विवेक से फैसला लेंगे । Conclusion: फिलहाल कर्मचारी नेताओं की मानें तो 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में जिन 24 मांगों पर चर्चा हुई थी उनमें से सरकार ने 12 मांगों पर पहले ही स्पष्ट इनकार कर दिया था । अभी सरकार ने पंजाब के समान वेतनमान और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को स्पष्ट इनकार कर दिया है । उन्होंने कहा कि 12 मांगों पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान सहमति बनी थी उनमें से केवल दो पर सरकार की तरफ से पत्र जारी किए गए हैं । गौरतलब है कि s.k.s. यानी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा में सभी विभागों के कर्मचारियों की आगबाई करने वाली है संजय है संघ की तरफ से सरकार को आचार संहिता लगने से पहले मांगे पूरी करने की चेतावनी दी गई है उसके बाद आगामी फैसला लिया जाएगा हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार के रुख को लेकर कर्मचारीयो के बीच जाएंगे ।
Last Updated : Sep 13, 2019, 8:27 AM IST
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