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'जेजेपी और निर्दलीय जाट विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देकर की अवसरवाद की राजनीति'

अखिल भारतीय जाट महासभा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने जेजेपी और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही. उन्होंने जेल में बंद जाट युवाओं के छुड़ाने की मांग की.

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Published : Oct 28, 2019, 9:42 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का शोर धीरे-धीरे थमता जा रहा है, वहीं बीजेपी के साथ जेजेपी के गठबंधन और निर्दलीय विधायकों के शामिल होने पर इनकी फजीहत शुरू हो गई है.

जेजेपी पर अवसरवाद की राजनीति का आरोप

अखिल भारतीय जाट महासभा ने जेजेपी और पांच जाट निर्दलीय विधायकों का बीजेपी को समर्थन करने को अवसरवाद की राजनीति बताया है. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कि जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार में जाने वाले इन सभी को बीजेपी सरकार के खिलाफ जनादेश दिया था, लेकिन यह लोग फिर से बीजेपी के साथ जाकर जनादेश का अपमान कर रहे हैं. यदि बीजेपी को ही चुनना होता तो वे खुद उन्हें वोट दे सकते थे.

अखिल भारतीय महा जाट महासभा की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दुष्यंत ने की निजीवाद की राजनीति

उन्होंने कहा कि उनका समाज पिछले 5 सालों से जेलों में बंद युवाओं की रिहाई को लेकर संघर्ष कर रहा ह, लेकिन सरकार ने उन्हें कई बार धोखा दिया है. वहीं दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम का पद लेकर जनादेश की राजनीति ना कर निजीवाद की राजनीति की है.

ये भी पढे़ं:-हम कांग्रेस के विरोध में पैदा हुए, उनसे हाथ नहीं मिला सकते- अजय चौटाला

जाट युवाओं की रिहाई की मांग

युद्धवीर सिंह ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को अपने परदादा देवीलाल से सबक लेना चाहिए. जिन्होंने कभी भी सत्ता का लालच नहीं किया था और प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद को भी ठोकर मार दी थी. यदि सत्ता में शामिल होने वाली जेजेपी और 5 निर्दलीय विधायकों ने फरवरी तक जेलों में बंद जाट समुदाय के युवाओं को की रिहाई नहीं करवाया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और इस आंदोलन की शुरुआत भी उचाना हल्के से की जाएगी. इस दौरान लोगों के बीच जाकर इनकी पोल खोलने का काम करेंगे.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का शोर धीरे-धीरे थमता जा रहा है, वहीं बीजेपी के साथ जेजेपी के गठबंधन और निर्दलीय विधायकों के शामिल होने पर इनकी फजीहत शुरू हो गई है.

जेजेपी पर अवसरवाद की राजनीति का आरोप

अखिल भारतीय जाट महासभा ने जेजेपी और पांच जाट निर्दलीय विधायकों का बीजेपी को समर्थन करने को अवसरवाद की राजनीति बताया है. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कि जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार में जाने वाले इन सभी को बीजेपी सरकार के खिलाफ जनादेश दिया था, लेकिन यह लोग फिर से बीजेपी के साथ जाकर जनादेश का अपमान कर रहे हैं. यदि बीजेपी को ही चुनना होता तो वे खुद उन्हें वोट दे सकते थे.

अखिल भारतीय महा जाट महासभा की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दुष्यंत ने की निजीवाद की राजनीति

उन्होंने कहा कि उनका समाज पिछले 5 सालों से जेलों में बंद युवाओं की रिहाई को लेकर संघर्ष कर रहा ह, लेकिन सरकार ने उन्हें कई बार धोखा दिया है. वहीं दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम का पद लेकर जनादेश की राजनीति ना कर निजीवाद की राजनीति की है.

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जाट युवाओं की रिहाई की मांग

युद्धवीर सिंह ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को अपने परदादा देवीलाल से सबक लेना चाहिए. जिन्होंने कभी भी सत्ता का लालच नहीं किया था और प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद को भी ठोकर मार दी थी. यदि सत्ता में शामिल होने वाली जेजेपी और 5 निर्दलीय विधायकों ने फरवरी तक जेलों में बंद जाट समुदाय के युवाओं को की रिहाई नहीं करवाया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और इस आंदोलन की शुरुआत भी उचाना हल्के से की जाएगी. इस दौरान लोगों के बीच जाकर इनकी पोल खोलने का काम करेंगे.

Intro:अखिल भारतीय महा जाट महासभा ने जेजेपी और पांच जाट निर्दलीय विधायकों का बीजेपी को समर्थन करने को अवसर वाद की राजनीति बताया है। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कि जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार में जाने वाले इन सभी को बीजेपी सरकार के खिलाफ जनादेश दिया था। लेकिन यह लोग फिर से बीजेपी के साथ जाकर जनादेश का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी को ही चुनना होता तो वे खुद ही उन्हें वोट दे देते।


उन्होंने कहा कि उनका समाज पिछले 5 सालों से जेलों में बंद युवाओं की रिहाई को लेकर संघर्ष कर रहा है। लेकिन सरकार ने उन्हें कई बार धोखा दिया है। लेकिन दुष्यंत ने डिप्टी सीएम का पद लेकर जनादेश की राजनीति ना कर निजीवाद की राजनीति की है।


Body:युद्धवीर सिंह ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को अपने परदादा देवीलाल से सबक लेना चाहिए। जिन्होंने कभी भी सत्ता का लालच नहीं किया था और प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद को भी ठोकर मार दी थी। उन्होंने कहा कि यदि सत्ता में शामिल होने वाली जेजेपी और 5 निर्दलीय विधायकों ने फरवरी तक जेलों में बंद जाट समुदाय के युवाओं को की रिहाई नहीं करवाया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और इस आंदोलन की शुरुआत भी उचाना हल्के से की जाएगी। इस दौरान लोगों के बीच जाकर इनकी पोल खोलने का काम करेंगे।Conclusion:
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