चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 का शोर धीरे-धीरे थमता जा रहा है, वहीं बीजेपी के साथ जेजेपी के गठबंधन और निर्दलीय विधायकों के शामिल होने पर इनकी फजीहत शुरू हो गई है.
जेजेपी पर अवसरवाद की राजनीति का आरोप
अखिल भारतीय जाट महासभा ने जेजेपी और पांच जाट निर्दलीय विधायकों का बीजेपी को समर्थन करने को अवसरवाद की राजनीति बताया है. चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कि जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार में जाने वाले इन सभी को बीजेपी सरकार के खिलाफ जनादेश दिया था, लेकिन यह लोग फिर से बीजेपी के साथ जाकर जनादेश का अपमान कर रहे हैं. यदि बीजेपी को ही चुनना होता तो वे खुद उन्हें वोट दे सकते थे.
दुष्यंत ने की निजीवाद की राजनीति
उन्होंने कहा कि उनका समाज पिछले 5 सालों से जेलों में बंद युवाओं की रिहाई को लेकर संघर्ष कर रहा ह, लेकिन सरकार ने उन्हें कई बार धोखा दिया है. वहीं दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम का पद लेकर जनादेश की राजनीति ना कर निजीवाद की राजनीति की है.
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जाट युवाओं की रिहाई की मांग
युद्धवीर सिंह ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को अपने परदादा देवीलाल से सबक लेना चाहिए. जिन्होंने कभी भी सत्ता का लालच नहीं किया था और प्रधानमंत्री जैसे बड़े पद को भी ठोकर मार दी थी. यदि सत्ता में शामिल होने वाली जेजेपी और 5 निर्दलीय विधायकों ने फरवरी तक जेलों में बंद जाट समुदाय के युवाओं को की रिहाई नहीं करवाया तो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और इस आंदोलन की शुरुआत भी उचाना हल्के से की जाएगी. इस दौरान लोगों के बीच जाकर इनकी पोल खोलने का काम करेंगे.