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जल्द होगा देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का विस्तार, जानें क्या है खासियत - भारतीय वायु सेना

भारतीय वायु सेना (IAF) ने देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का दायरा बढ़ाने और इसका विस्तार करने की योजना बनाई है. इसको लेकर अधिकारी 5 जून को अहम बैठक होगी.

airforce heritage center
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Published : Jun 2, 2023, 12:54 PM IST

चंडीगढ़: देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. जिसको देखते हुए भारतीय वायु सेना (IAF) ने एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का दायरा बढ़ाने और इसका विस्तार करने की योजना बनाई है. तीसरे चरण के तहत सेक्टर 18 में इस सेंटर का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसमें फ्लाइंग स्पेस और टेक्निकल स्पेस बनाने की योजना बनाई गई है. बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को भारत के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का उद्घाटन किया था. इसके उद्घाटन के बाद से अब तक लगभग 6 हजार लोग यहां उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं.

लोगों के इस हुजूम को देखते हुए इस सेंटर को अब विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए 31 मई को बैठक कर विचार विमर्श किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि 6 महीने के भीतर, कमांड मुख्यालय द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. तीसरे चरण को नामकरण के लिए आईएएफ एयरोस्पेस और तकनीकी केंद्र के तहत विकसित किया जाएगा. ये लगभग 13,000 वर्ग फुट के क्षेत्र के साथ सटे हॉल में स्थापित किया जाएगा. इसमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सिमुलेटर और इंजन आदि होंगे. वहीं पहले से ही केंद्र के चरण 1 और 2 को चंडीगढ़ प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है.

एक वयस्क के लिए प्रवेश टिकट की कीमत 50 रुपये रखी गई है, जबकि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है. वहीं सिमुलेटर के साथ लंबे अनुभव के लिए, पूर्व बुकिंग के अधीन, सुबह 10 बजे, दोपहर 12 बजे और दोपहर 3 बजे तक सिर्फ 25 लोगों को ही तीन स्लॉट में बांटा गया हैं. सिम्युलेटर अनुभव की कीमत बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए 295 रुपये है. टिकट चंडीगढ़ टूरिज्म ऐप और काउंटरों पर उपलब्ध हैं. केंद्र सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है. विरासत केंद्र में विमान के मॉडल और हथियारों के प्रदर्शन सहित कुल आठ आकर्षण हैं.

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जल्द होगा देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का विस्तार

हालांकि, सबसे बड़ा आकर्षण इसका अपना फ्लाइट सिम्युलेटर है. इसके अलावा, एयरो इंजन, विमान, कियोस्क और वायु सेना की अन्य कलाकृतियों, मशीनों/जुड़नारों, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों पर फिल्मों सहित सूचनात्मक प्रदर्शन भी स्थापित किए गए हैं. एक स्मारिका दुकान भी संग्रहालय का हिस्सा है. केंद्र में कॉकपिट एक्सपोजर के साथ-साथ पांच पुराने विमान भी हैं. जनता के लिए एक थीम आधारित कैफे भी चालू है. 58 पुराने और सेवानिवृत्त विमानों की तस्वीरों वाली एक दीवार भी स्थापित की गई है. वहीं तीसरे चरण की मंजूरी मिलने के बाद और अधिक सिम्युलेटर और इंजन स्थापित किए जा सकते हैं.

जिसके लिए प्रशासन द्वारा आने वाली 5 जून एयरफोर्स के उच्च अधिकारियों और चंडीगढ़ प्रशासन मिलकर बैठक करेंगे. ऐसे में सांस्कृतिक मामले के निदेशक सौरभ अरोड़ा ने बताया कि 8 मई को इसके उद्घाटन के बाद से लगभग 6,000 लोग केंद्र का दौरा कर चुके हैं. जब स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों ऐलान हो गया है तो उम्मीद जताई जा रही है कि फुटफॉल बढ़ने की संभावना है. ऐसे में एयरफोर्स के अधिकारियों की एक कमेटी द्वारा विभाग से और जगह की मांग की गई थी.

ये भी पढ़ें- PM Modi: 5 जून को सूरत जाएंगे पीएम मोदी, अंत्रोली में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का करेंगे निरीक्षण

जिसके चलते जगह को लेकर उनके द्वारा हमें एक प्रस्ताव भी भेजा गया था. इस प्रस्ताव तीसरे चरण 3 को नामकरण के लिए आईएएफ एयरोस्पेस और तकनीकी केंद्र के तहत विकसित किया जाएगा. ये लगभग 13,000 वर्ग फुट के क्षेत्र के साथ सटे हॉल में स्थापित किया जाएगा. इसमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सिमुलेटर और इंजन आदि और उपकरण लगाए जा सकते हैं. जिस पर चंडीगढ़ के गवर्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों की मोहर लगनी बाकी है.

चंडीगढ़: देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. जिसको देखते हुए भारतीय वायु सेना (IAF) ने एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का दायरा बढ़ाने और इसका विस्तार करने की योजना बनाई है. तीसरे चरण के तहत सेक्टर 18 में इस सेंटर का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसमें फ्लाइंग स्पेस और टेक्निकल स्पेस बनाने की योजना बनाई गई है. बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को भारत के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का उद्घाटन किया था. इसके उद्घाटन के बाद से अब तक लगभग 6 हजार लोग यहां उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं.

लोगों के इस हुजूम को देखते हुए इस सेंटर को अब विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए 31 मई को बैठक कर विचार विमर्श किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि 6 महीने के भीतर, कमांड मुख्यालय द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी. तीसरे चरण को नामकरण के लिए आईएएफ एयरोस्पेस और तकनीकी केंद्र के तहत विकसित किया जाएगा. ये लगभग 13,000 वर्ग फुट के क्षेत्र के साथ सटे हॉल में स्थापित किया जाएगा. इसमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सिमुलेटर और इंजन आदि होंगे. वहीं पहले से ही केंद्र के चरण 1 और 2 को चंडीगढ़ प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है.

एक वयस्क के लिए प्रवेश टिकट की कीमत 50 रुपये रखी गई है, जबकि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है. वहीं सिमुलेटर के साथ लंबे अनुभव के लिए, पूर्व बुकिंग के अधीन, सुबह 10 बजे, दोपहर 12 बजे और दोपहर 3 बजे तक सिर्फ 25 लोगों को ही तीन स्लॉट में बांटा गया हैं. सिम्युलेटर अनुभव की कीमत बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए 295 रुपये है. टिकट चंडीगढ़ टूरिज्म ऐप और काउंटरों पर उपलब्ध हैं. केंद्र सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है. विरासत केंद्र में विमान के मॉडल और हथियारों के प्रदर्शन सहित कुल आठ आकर्षण हैं.

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जल्द होगा देश के पहले एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर का विस्तार

हालांकि, सबसे बड़ा आकर्षण इसका अपना फ्लाइट सिम्युलेटर है. इसके अलावा, एयरो इंजन, विमान, कियोस्क और वायु सेना की अन्य कलाकृतियों, मशीनों/जुड़नारों, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों पर फिल्मों सहित सूचनात्मक प्रदर्शन भी स्थापित किए गए हैं. एक स्मारिका दुकान भी संग्रहालय का हिस्सा है. केंद्र में कॉकपिट एक्सपोजर के साथ-साथ पांच पुराने विमान भी हैं. जनता के लिए एक थीम आधारित कैफे भी चालू है. 58 पुराने और सेवानिवृत्त विमानों की तस्वीरों वाली एक दीवार भी स्थापित की गई है. वहीं तीसरे चरण की मंजूरी मिलने के बाद और अधिक सिम्युलेटर और इंजन स्थापित किए जा सकते हैं.

जिसके लिए प्रशासन द्वारा आने वाली 5 जून एयरफोर्स के उच्च अधिकारियों और चंडीगढ़ प्रशासन मिलकर बैठक करेंगे. ऐसे में सांस्कृतिक मामले के निदेशक सौरभ अरोड़ा ने बताया कि 8 मई को इसके उद्घाटन के बाद से लगभग 6,000 लोग केंद्र का दौरा कर चुके हैं. जब स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों ऐलान हो गया है तो उम्मीद जताई जा रही है कि फुटफॉल बढ़ने की संभावना है. ऐसे में एयरफोर्स के अधिकारियों की एक कमेटी द्वारा विभाग से और जगह की मांग की गई थी.

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जिसके चलते जगह को लेकर उनके द्वारा हमें एक प्रस्ताव भी भेजा गया था. इस प्रस्ताव तीसरे चरण 3 को नामकरण के लिए आईएएफ एयरोस्पेस और तकनीकी केंद्र के तहत विकसित किया जाएगा. ये लगभग 13,000 वर्ग फुट के क्षेत्र के साथ सटे हॉल में स्थापित किया जाएगा. इसमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, सिमुलेटर और इंजन आदि और उपकरण लगाए जा सकते हैं. जिस पर चंडीगढ़ के गवर्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों की मोहर लगनी बाकी है.

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