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बड़ी राहत: चंडीगढ़ की सेहत में सुधार, सबसे कम 88 रिकॉर्ड किया गया AQI - चंडीगढ़ के एक्यूआई में सुधार

चंडीगढ़ में प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है. तीन नवंबर के बाद दूषित हवा से काफी हद तक राहत मिलने के आसार हैं.

चंडीगढ़ की सेहत में सुधार
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Published : Nov 6, 2019, 5:46 PM IST

चंडीगढ़:द सिटी ब्यूटीफुलके नाम से मशहूर चंडीगढ़ की आबोहवा वैसे तो साल भर ही साफ और स्वच्छ रही है, लेकिन दिवाली के वक्त पटाखों और पराली की वजह से चंडीगढ़ की सेहत भी खराब हो जाती है, लेकिन कई दिनों बाद अब चंडीगढ़ के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार हुआ है.

चंडीगढ़ के AQI में सुधार

चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के मुख्य वन सरंक्षक देवेंद्र दिलाई ने बताया कि दिवाली के बाद अब जाकर शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि पराली और पटाखों की वजह से चंडीगढ़ का AQI 350 तक पहुँच गया था, लेकिन अब AQI कई सेक्टरों में 100 से कम हो चुका है.

सबसे कम 88 रिकॉर्ड किया गया AQI

चंडीगढ़ के एक्यूआई में सुधार

देवेंद्र दिलाई ने बताया कि इस वक्त चंडीगढ़ के सेक्टर 50 की हवा AQI 213 के साथ सबसे ज्यादा खराब है. वहीं दूसरी तरफ दिवाली के वक्त जिस सेक्टर 12 का AQI 300 पार पहुंच गया था अब वो 88 हो गया है.

बारिश से राहत मिलने के आसार

वहीं मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में बारिश होने के आसार है. जिससे एयर क्वालिटी बेहतर होगी. मौसम विभाग ने 6 और 7 नवंबर को बारिश की संभावना जताई है. 7 नवंबर को हरियाणा में हवाएं भी चलेंगी. जिसे AQI में और सुधार हो सकता है.

ये भी पढ़िए: वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, करनाल में 62 किसानों पर केस दर्ज

दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स

गौरतलब है कि दिवाली के बाद से ही देश की राजधानी सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के कई शहर प्रदूषण की चपेट में आ चुके हैं. एयर पोल्यूशन का कारण हरियाणा और पंजाब में जलने वाली परली को माना जा रहा है. वहीं इस बीच दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है. दिल्ली में बुधवार को औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 रिकॉर्ड किया गया है.

चंडीगढ़:द सिटी ब्यूटीफुलके नाम से मशहूर चंडीगढ़ की आबोहवा वैसे तो साल भर ही साफ और स्वच्छ रही है, लेकिन दिवाली के वक्त पटाखों और पराली की वजह से चंडीगढ़ की सेहत भी खराब हो जाती है, लेकिन कई दिनों बाद अब चंडीगढ़ के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार हुआ है.

चंडीगढ़ के AQI में सुधार

चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के मुख्य वन सरंक्षक देवेंद्र दिलाई ने बताया कि दिवाली के बाद अब जाकर शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि पराली और पटाखों की वजह से चंडीगढ़ का AQI 350 तक पहुँच गया था, लेकिन अब AQI कई सेक्टरों में 100 से कम हो चुका है.

सबसे कम 88 रिकॉर्ड किया गया AQI

चंडीगढ़ के एक्यूआई में सुधार

देवेंद्र दिलाई ने बताया कि इस वक्त चंडीगढ़ के सेक्टर 50 की हवा AQI 213 के साथ सबसे ज्यादा खराब है. वहीं दूसरी तरफ दिवाली के वक्त जिस सेक्टर 12 का AQI 300 पार पहुंच गया था अब वो 88 हो गया है.

बारिश से राहत मिलने के आसार

वहीं मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में बारिश होने के आसार है. जिससे एयर क्वालिटी बेहतर होगी. मौसम विभाग ने 6 और 7 नवंबर को बारिश की संभावना जताई है. 7 नवंबर को हरियाणा में हवाएं भी चलेंगी. जिसे AQI में और सुधार हो सकता है.

ये भी पढ़िए: वायु प्रदूषण पर प्रशासन सख्त, करनाल में 62 किसानों पर केस दर्ज

दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स

गौरतलब है कि दिवाली के बाद से ही देश की राजधानी सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के कई शहर प्रदूषण की चपेट में आ चुके हैं. एयर पोल्यूशन का कारण हरियाणा और पंजाब में जलने वाली परली को माना जा रहा है. वहीं इस बीच दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है. दिल्ली में बुधवार को औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 रिकॉर्ड किया गया है.

Intro:
इस वर्ष सर्दियों से पहले ही हवा की गुणवत्ता ख़राब हो गयी आलम यह रहा कि उत्तर भारत में लोगो को साँस लेने में परेशानी होने लगी जिम्मेदार बताया गया किसानो का पराली जलाना खूब राजनीती भी हुई और एयर क्वालिटी इंडेक्स भी उतना ही बढ़ता गया। लेकिन अब एक खुशखबरी है की 6 और 7 नवंबर से मौसम में तब्दीली होगी,तापमान तो गिरावट आएगी ही वहीँ बारिश भी होगी जिसकी वजह से प्रदुषण में भी कमी होगी और एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बेहतर होगा।

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चंडीगढ़ पॉलुशन कण्ट्रोल कमेटी के मुख्य वन सरंक्षक देबेंद्र दिलाई ने बताया कि दिवाली के बाद आज चंडीगढ़ की एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहतर हुईं है जोकि 350 तक पहुँच गया था जिसका एक कारण पटाख़े जलाना तो था ही साथ ही पराली जलाना भी एहम कारण है
क्यूंकि हवाओं की डायेरक्शन की बात करें तो पंजाब में पराली जलने का असर चंडीगढ़ में पडता है ये भी एक कारण है कि चंडीगढ़ की वायू प्रदूषित होती है और क्यूंकि आद्रता की मात्रा काफी ज्यादा बनी हुई थी जिसकी वजह से प्रदूषण ऊपर नहीं जा पाया और वह निचली हवा में ही रह गया। इसलिए आद्रता की वजह से भी वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई।और यही कारण है कि पंजाब और हरियाणा में भी लोगो को साँस लेने में परेशानी हो रही है वहीँ दिल्ली में सब स्मोकी नजर आ रहा है। उन्होंने माना की पराली एहम वजह है लेकिन किसानो के पास कोई विकल्प नहीं है और जो मशीन किसानो के पास है वो पराली की पूरी कटाई नहीं करती और लेबर भी किसानो को नहीं मिलती ऐसे में अगली फसल को बिजने का समय भी रहता है जिस वजह से उन्हें पराली को अपने खेतो में ही जलाना पड़ता है लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर इस हल ढूढ़ना है।

बाइट देबेंद्र दिलाई, मुख्य वन सरंक्षक

वो 2
वहीँ मौसम का भी प्रदुषण कम या ज्यादा होने में एहम योगदान होता है क्यूंकि पिछले एक महीने से मौसम में कोई बदलाव नहीं हुआ। केवल सुबह शाम के तापमान कम हुए लेकिन हुमिडीटी आसमान में उतना ही रहा जिसकी वजह से हवाएं जहरीली हो गयी। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब और हरियाणा में बारिश होगी जिससे एयर क्वालिटी बेहतर होगी और मौसम कैसे पोलूटेंट्स को खत्म करता है । क्यूंकि यदि हवा स्टेबल रहेगी तो प्रदुषण रहेगा और लेकिन अगर कल की बात करे तो हवाएं भी चलेगी। अभी धुंध की कोई जानकारी नहीं है सिर्फ कुछ इलाको में ही दिख रही है और प्रदुषण के कारण कम हुई विजिबिलिटी भी बढ़ेगी।
Conclusion:
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