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किसानों को आत्मनिर्भर बनाना ही सरकार का मकसद- जेपी दलाल

चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को लेकर विपक्ष पर गुमराह करने का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को सुविधाएं देने के लिए सरकार कई योजनाएं बना रही है.

Agriculture Minister JP Dalal said many things for haryana farmers
Agriculture Minister JP Dalal said many things for haryana farmers
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Published : Aug 11, 2020, 1:06 PM IST

चंडीगढ़: प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है, जिसमें वे नाकाम साबित होंगे. क्योंकि केंद्र में पीएम मोदी और प्रदेश में सीएम मनोहर लाल ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और खुशहाल बनाने का संकल्प लिया है.

'किसान सीएम मनोहर लाल के मित्र'

जेपी दलाल ने कहा कि सीएम मनोहर लाल किसानों को अपना भाई और मित्र मानते हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लगभग 17 लाख किसान परिवारों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए कई नई योजनाएं बनाई गई और उनके लिए आर्थिक विकास के द्वार खोले गए.

जेपी दलाल ने किसानों को लेकर सरकार की बताई उपलब्धि

कृषि मंत्री ने 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल की तारीफ की और कहा कि डिजिटलाइजेशन का ये काम लॉकडाउन में काफी कारगर साबित हुआ. लॉकडाउन होने के बावजूद इस साल रबी फसलों की ई-खरीद के माध्यम से गेहूं और सरसों की रिकॉर्ड खरीद संभव हो पाई.

इसी पोर्टल के जरिए रबी सीजन के दौरान 1,800 मंडियों और खरीद केन्द्रों में 74.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई. उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए उन्हें टोकन दिए गए और उन्हें एसएमएस माध्यम से उन्हें ये बताया कि कब अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी में आना है. इससे खरीद प्रक्रिया का पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक हो गया है.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

जेपी दलाल ने कहा कि सरकार की सोच है कि किसान को आढ़ती और साहूकार के पास कम से कम उधार के लिए जाना पड़े. इसके लिए सरकार किसानों को आपातकालीन स्थिति में आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए एक आपातकालीन फंड तैयार करने पर चर्चा कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खरीफ फसल की खरीद में कमियों को दूर करने के लिए चर्चा की जाएगी, ताकि किसानों को खरीब फसल की बिक्री के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो.

किसानों की आय बढ़ाना मकसद

जेपी दलाल ने कहा कि कृषि के साथ-साथ किसानों की आय सम्बद्ध क्षेत्रों से भी बढ़े, जिसमें पशुपालन एक प्रमुख क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि हरियाणा को प्रति व्यक्ति दूध उत्पादकता में भी देश का एक अग्रणी राज्य बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही बढ़ोतरी होगी तो साल 2022 तक किसानों की आय आसानी से दोगुनी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- विभिन्न योजनाओं के लिए हरियाणा सरकार ने दी 322.27 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि

पशुपालक किसानों की मदद की जाएगी

हरियाणा में अभी 36 लाख दुधारु पशु है और प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1,087 ग्राम है. दूध उत्पादन में पंजाब के बाद हरियाणा देश में पहले स्थान पर है. पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक को पशुओं के रखरखाव के लिए ऋण के रूप में सहायता दी जाएगी और इसकी अधिकतम राशि तीन लाख रुपये होगी. ये सहायता राशि भैंस, गाय, भेड़, बकरी, सुअर, मुर्गी और बॉयलर के लिए दी जाएगी.

किसानों के लिए बनेगी नई योजनाएं

उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 16 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास दुधारु पशु हैं और इनकी टैगिंग की जा रही है. भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली और आसपास की लगभग 5 करोड़ जनसंख्या की रोजमर्रा की फल-फूल, सब्जी, दूध, अण्डे और मांस की जरूरतों को पूरा करने में हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सही है और प्रदेश के किसान की पकड़ इस बाजार पर हो, इस दिशा में हरियाणा ने आगे बढ़ने की पहल की है और किसानों के लिए इस दिशा में नई-नई योजनाएं तैयार की हैं.

चंडीगढ़: प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है, जिसमें वे नाकाम साबित होंगे. क्योंकि केंद्र में पीएम मोदी और प्रदेश में सीएम मनोहर लाल ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और खुशहाल बनाने का संकल्प लिया है.

'किसान सीएम मनोहर लाल के मित्र'

जेपी दलाल ने कहा कि सीएम मनोहर लाल किसानों को अपना भाई और मित्र मानते हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लगभग 17 लाख किसान परिवारों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए कई नई योजनाएं बनाई गई और उनके लिए आर्थिक विकास के द्वार खोले गए.

जेपी दलाल ने किसानों को लेकर सरकार की बताई उपलब्धि

कृषि मंत्री ने 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल की तारीफ की और कहा कि डिजिटलाइजेशन का ये काम लॉकडाउन में काफी कारगर साबित हुआ. लॉकडाउन होने के बावजूद इस साल रबी फसलों की ई-खरीद के माध्यम से गेहूं और सरसों की रिकॉर्ड खरीद संभव हो पाई.

इसी पोर्टल के जरिए रबी सीजन के दौरान 1,800 मंडियों और खरीद केन्द्रों में 74.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई. उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए उन्हें टोकन दिए गए और उन्हें एसएमएस माध्यम से उन्हें ये बताया कि कब अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी में आना है. इससे खरीद प्रक्रिया का पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक हो गया है.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

जेपी दलाल ने कहा कि सरकार की सोच है कि किसान को आढ़ती और साहूकार के पास कम से कम उधार के लिए जाना पड़े. इसके लिए सरकार किसानों को आपातकालीन स्थिति में आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए एक आपातकालीन फंड तैयार करने पर चर्चा कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खरीफ फसल की खरीद में कमियों को दूर करने के लिए चर्चा की जाएगी, ताकि किसानों को खरीब फसल की बिक्री के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो.

किसानों की आय बढ़ाना मकसद

जेपी दलाल ने कहा कि कृषि के साथ-साथ किसानों की आय सम्बद्ध क्षेत्रों से भी बढ़े, जिसमें पशुपालन एक प्रमुख क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि हरियाणा को प्रति व्यक्ति दूध उत्पादकता में भी देश का एक अग्रणी राज्य बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही बढ़ोतरी होगी तो साल 2022 तक किसानों की आय आसानी से दोगुनी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- विभिन्न योजनाओं के लिए हरियाणा सरकार ने दी 322.27 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि

पशुपालक किसानों की मदद की जाएगी

हरियाणा में अभी 36 लाख दुधारु पशु है और प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1,087 ग्राम है. दूध उत्पादन में पंजाब के बाद हरियाणा देश में पहले स्थान पर है. पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक को पशुओं के रखरखाव के लिए ऋण के रूप में सहायता दी जाएगी और इसकी अधिकतम राशि तीन लाख रुपये होगी. ये सहायता राशि भैंस, गाय, भेड़, बकरी, सुअर, मुर्गी और बॉयलर के लिए दी जाएगी.

किसानों के लिए बनेगी नई योजनाएं

उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 16 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास दुधारु पशु हैं और इनकी टैगिंग की जा रही है. भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली और आसपास की लगभग 5 करोड़ जनसंख्या की रोजमर्रा की फल-फूल, सब्जी, दूध, अण्डे और मांस की जरूरतों को पूरा करने में हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सही है और प्रदेश के किसान की पकड़ इस बाजार पर हो, इस दिशा में हरियाणा ने आगे बढ़ने की पहल की है और किसानों के लिए इस दिशा में नई-नई योजनाएं तैयार की हैं.

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