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कृषि मंत्री ने चढूनी को बताया रजिस्टर्ड आढ़ती, कांग्रेस से मिलीभगत के लगाए आरोप

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Published : Sep 15, 2020, 3:55 PM IST

Updated : Sep 15, 2020, 11:03 PM IST

कृषि अध्यादेशों के खिलाफ प्रदेश में चल रहे आंदोलन पर सियासी पारा गरमाता जा रहा है. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर कांग्रेस की शह पर काम करने के आरोप लगाए हैं.

agriculture minister jp dalal press conference in delhi after meeting with narender tomar
कृषि मंत्री जेपी दलाल

दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों कृषि आंदोलन तेजी पर है. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो 20 सितंबर को प्रदेशभर के किसान रोड जाम करेंगे. कृषि अध्यादेश के खिलाफ देशभर के किसान में खासा रोष है. वहीं हरियाणा के किसान आंदोलनरत हैं. अध्यादेशों को रद्द किए जाने के मांग को लेकर एक बार तो किसान सरकार के खिलाफ कुरुक्षेत्र के पीपली में प्रदर्शन कर चुके हैं, जिसमें पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया था.

फिलहाल कृषि अध्यादेशों को लेकर किसान और सरकार के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने की हरियाणा बीजेपी की पहल को सिरे से नकार दिया. उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि विधेयक वापस नहीं लिए जाते, तब तक वो कृषि मंत्री से नहीं मिलेंगे.

चढूनी पर कृषि मंत्री का आरोप

वहीं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी किसान मंडी का रजिस्टर्ड आढ़ती है. वो कांग्रेस के साथ मिलकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं. जो आंदोलन हुआ था, वो आढ़तियों की ओर से प्रायोजित आंदोलन था.

कृषि मंत्री ने चढूनी को बताया रजिस्टर्ड आढ़ती, कांग्रेस से मिलीभगत के लगाए आरोप

साथ ही हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की. मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से संबंधित जितने भी केस हैं वो सब एसडीएम कोर्ट में सुने जाएंगे. कृषि अध्यादेश को लेकर किसानों में जो भ्रांतियां फैली हुई हैं. उनको दूर किया जाएगा.

किसानों की सरकार से मांग

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की मांग है कि किसानों का सीधा पैसा उनके खाते में आए. उनका कहना है कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी को लेकर है कि फसलों की एमएसपी रखी जाए और मंडियों को बनाए रखा जाए. साथ ही व्यापार की जिम्मेदारी सरकार की हो. साथ ही किसानों का कहना है कि सभी ई-प्लेटफॉर्म (E-platform) सरकारी हो या सरकार की निगरानी में रखे जाएं और किसानों की फसल का सीधा भुगतान हो.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल किसानों का नाम ले राजनीति कर रहे हैं. दलाल का कहना है कि उन्होंने कुछ किसान संगठनों के साथ मिलकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की. इस मुलाकात में किसानों से जुड़ी कुछ गलतफहमियां थी उनको दूर किया. साथ ही उनको ये भी बताया गया कि फसल की एमएसपी बनी रहेगी और मंडियां ज्यों की त्यों रहेंगी.

ये भी पढ़ें:-बीजेपी सांसदों के साथ भाकियू नेता चढूनी की वार्ता फेल, कृषि मंत्री से नहीं मिलेंगे

साथ ही आढ़तियों के सवाल के जवाब पर कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ किसान संगठन विपक्ष के हाथ खेल रहे हैं और ये लोग फसल खरीद से पहले मंडियों को बंद करने के साजिश रच रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने देगी. हमारी केंद्र और राज्य की सरकार किसान हितेषी फैसले लेती है.

दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों कृषि आंदोलन तेजी पर है. किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो 20 सितंबर को प्रदेशभर के किसान रोड जाम करेंगे. कृषि अध्यादेश के खिलाफ देशभर के किसान में खासा रोष है. वहीं हरियाणा के किसान आंदोलनरत हैं. अध्यादेशों को रद्द किए जाने के मांग को लेकर एक बार तो किसान सरकार के खिलाफ कुरुक्षेत्र के पीपली में प्रदर्शन कर चुके हैं, जिसमें पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया था.

फिलहाल कृषि अध्यादेशों को लेकर किसान और सरकार के बीच बात बनती नहीं दिख रही है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने की हरियाणा बीजेपी की पहल को सिरे से नकार दिया. उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि विधेयक वापस नहीं लिए जाते, तब तक वो कृषि मंत्री से नहीं मिलेंगे.

चढूनी पर कृषि मंत्री का आरोप

वहीं कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी किसान मंडी का रजिस्टर्ड आढ़ती है. वो कांग्रेस के साथ मिलकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं. जो आंदोलन हुआ था, वो आढ़तियों की ओर से प्रायोजित आंदोलन था.

कृषि मंत्री ने चढूनी को बताया रजिस्टर्ड आढ़ती, कांग्रेस से मिलीभगत के लगाए आरोप

साथ ही हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की. मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से संबंधित जितने भी केस हैं वो सब एसडीएम कोर्ट में सुने जाएंगे. कृषि अध्यादेश को लेकर किसानों में जो भ्रांतियां फैली हुई हैं. उनको दूर किया जाएगा.

किसानों की सरकार से मांग

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की मांग है कि किसानों का सीधा पैसा उनके खाते में आए. उनका कहना है कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी को लेकर है कि फसलों की एमएसपी रखी जाए और मंडियों को बनाए रखा जाए. साथ ही व्यापार की जिम्मेदारी सरकार की हो. साथ ही किसानों का कहना है कि सभी ई-प्लेटफॉर्म (E-platform) सरकारी हो या सरकार की निगरानी में रखे जाएं और किसानों की फसल का सीधा भुगतान हो.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल किसानों का नाम ले राजनीति कर रहे हैं. दलाल का कहना है कि उन्होंने कुछ किसान संगठनों के साथ मिलकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की. इस मुलाकात में किसानों से जुड़ी कुछ गलतफहमियां थी उनको दूर किया. साथ ही उनको ये भी बताया गया कि फसल की एमएसपी बनी रहेगी और मंडियां ज्यों की त्यों रहेंगी.

ये भी पढ़ें:-बीजेपी सांसदों के साथ भाकियू नेता चढूनी की वार्ता फेल, कृषि मंत्री से नहीं मिलेंगे

साथ ही आढ़तियों के सवाल के जवाब पर कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ किसान संगठन विपक्ष के हाथ खेल रहे हैं और ये लोग फसल खरीद से पहले मंडियों को बंद करने के साजिश रच रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं होने देगी. हमारी केंद्र और राज्य की सरकार किसान हितेषी फैसले लेती है.

Last Updated : Sep 15, 2020, 11:03 PM IST
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