चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को गन्ना रेट बढ़ाने को लेकर कमेटी ने बैठक की. बैठक के बाद हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि गन्ना रेट बढ़ोतरी को लेकर कमेटी में सहमति बन चुकी है. जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसकी सिफारिश कर दी जाएगी. इसके बाद मुख्यमंत्री ही घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम ने कमेटी बनाने का ऐलान किया था. कमेटी का मकसद गन्ना मिलों की आर्थिक स्थिति जानने के लिए किया गया था. आज की बैठक में सभी सदस्यों ने अपने विचार भी साझा किये. सभी मिलों के पिछले 5 से 7 साल के रिकॉर्ड की समीक्षा की गई है.
एक तरफ किसानों ने सरकार पर गन्ना रेट बढ़ाने का दबाव बनाया हुआ है तो वहीं विपक्ष भी सरकार पर लगातार हमलावर है. चंडीगढ़ में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों की गन्ना लागत को तो बढ़ा दिया है लेकिन किसानों के लिये गन्ना रेट में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है. कांग्रेस के समय में गन्ना रेट में काफी बढ़ोतरी की गई थी लेकिन बीजेपी ने पिछले आठ सालों में केवल 17 फीसदी ही गन्ना रेट में बढ़ोतरी की है. साथ ही विपक्ष ने सरकार को कई अन्य मुद्दों पर भी घेरा और बीजेपी को किसान विरोधी तथा जन विरोधी सरकार बताया.
वहीं, सोमवार को भारतीय किसान यूनियन ने गन्ना बढ़ोतरी की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बैठक के बाद कहा कि, 25 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि चौधरी छोटूराम जयंती पर 25 जनवरी को गन्ना उत्पादक किसान ट्रैक्टर उत्पादक किसान गन्ना मिल वाले क्षेत्रों में रोष मार्च निकालेंगे.
26 जनवरी गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी पर गन्ने की होली जलाएंगे और 27 जनवरी को गन्ना उत्पादक किसान मिलो के आगे स्थित सड़कों पर जाम भी लगाएंगे ये सभी कार्यक्रम पूरे प्रदेश में किये जाएंगे.इसके साथ ही चढूनी ने कहा कि, 29 तारीख को गृह मंत्री अमित शाह की गोहाना रैली में किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचे और जब अमित शाह बोलना शुरू करेंगे तो तुरंत अर्धनग्न हो कर विरोध प्रदर्शन करें.