चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की. सीएम ने बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ाने का भी ऐलान किया. सीएम ने बताया कि 20 हजार एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा नैनो फर्टिलाइजर और बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए भी योजनाएं चलाई जायेंगी.
- सीएम मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा देश का अकेला राज्य है जो 14 फसलों का एमएसपी देता है. 9598 करोड़ रुपये सिंचाई एवं जल संसाधन के लिए दिये जायेंगे. फरीदाबाद, पानीपत में सह व्यापार केंद्र खोले जायेंगे. इसके साथ ही पशुधन उत्थान मिशन, साझा डेयरी, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस समेत कई योजनाएं किसानों के लिए लाई जायेगी. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि बागवानी के लिए 8316 करोड़ रुपये दिये गये हैं. साथ ही मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा दिया जायेगा.
- आने वाले सीजन में 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र पर ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने के लक्ष्य का प्रस्ताव है. सरकार किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करने का देती है आश्वासन देती है.
- किसान उत्पादक संगठन के जरिए बागवानी के अधीन क्षेत्र को दोगुना किया जायेगा. शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित करने और शहद व्यापार नीति तैयार करने का प्रस्ताव किया गया है. वर्ष 2023-24 में, तीन नए बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है. इनमें से एक पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट पर, दूसरा पिनगवां, नूंह में प्याज के लिए और तीसरा मुनीमपुर, झज्जर में फूलों के लिए स्थापित किया जायेगा.
- सोनीपत जिले के गन्नौर में हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय बागवानी मंडी का निर्माण इस साल शुरू होने की संभावना है. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 175 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 78.33 एकड़ भूमि पर पिंजौर में स्थापित सेब, फल और सब्जी मंडी का 1 अप्रैल से परिचालन शुरू करने की संभावना है.
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वित्त मंत्री मनोहर लाल ने अपने बजट भाषण में बताया कि कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों का हरियाणा की अर्थव्यवस्था में 18.5 फीसदी की हिस्सेदारी है. मनोहर लाल ने बताया कि किसानों को 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला इकलौता राज्य है. भारतीय कृषि और खाद्य परिषद द्वारा हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया था.
किसानों को 48 घंटे में भुगतान- मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर 9 लाख से अधिक किसान नियमित रूप से पंजीकरण कर रहे हैं. सरकार ने खरीद प्रक्रिया को व्यवस्थित किया है जिससे किसानों को 48 घंटे में भुगतान मिलता है. मेरा पानी-मेरी विरासत के तहत धान की ‘बीज से सीधी बिजाई’ के लिए वित्तीय सहायता, तिलहन और दलहनों को बढ़ावा देने और बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर सहायता देने के लिए ‘भावांतर भरपाई’ जैसी कई अनूठी पहल संभव हुई है.ई
मोटे अनाज को प्रोत्साहन- हरियाणा में मोटे अनाज के प्रति किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. भारत सरकार के प्रस्ताव पर यूएन ने साल 2023 को मोटे अनाज वर्ष के रूप में चिन्हित किया है. जिसे देखते हुए हरियाणा में बाजरे की उत्पादकता में सुधार के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भिवानी जिले के गोकलपुरा में एक पोषक-अनाज अनुसंधान केंद्र वर्ष 2023 में चालू हो जाएगा.
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा- पिछले साल प्रदेश में 2238 किसानों की पहचान की गई और 5906 एकड़ में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए सरकारी सहायता दी गई. जबकि 2022-23 के बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 2500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया था. जिसे आगामी वित्त वर्ष के लिए 20 हजार एकड़ कर दिया गया है.
ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे किसान- वित्त मंत्री मनोहर लाल ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है. जिसके तहत सरकार 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का परीक्षण देगी. उर्वरकों, कीटनाशकों के बेहतर इस्तेमाल, सिंचाई तकनीकों का ज्ञान, ड्रोन द्वारा फसल पर निगरानी, मिट्टी की सेहत, कीड़े और बीमारियों से बचाव के साथ-साथ सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से कृषि को बढ़ावा देन के लिए एक परियोजना सिरसा जिले में शुरू की जाएगी. इसके अलावा कुरुक्षेत्र और करनाल में दो प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होंगे. 2023-24 में जींद और सिरसा प्रशिक्षण केंद्र का प्रस्ताव भी इस बजट में रखा गया है.
पशुपालकों के लिए भी हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन की शुरुआत करने की घोषणा इस बजट में हुई है. इसके अलावा 70 नई पशु चिकित्सा इकाइयां शुरू की जाएंगी जबकि अंबाला, फतेहाबाद, पलवल, महेद्रगढ़ जिले में 4 पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक स्थापित किए जाएंगे. गौ सेवा आयोग का बजट भी इस बार 10 गुना बढ़ाया गया है और इसे 40 करोड़ रुपये से 400 करोड़ रूपये कर दिया गया है.
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