चंडीगढ़: आजकल लोगों को हार्ट अटैक आने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस तरह के मामलों में संख्या तेजी से बढ़ रही है. छोटी उम्र में ही हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं. बीते दिनों चंडीगढ़ के डीसी ऑफिस के बाहर अपने काम के लिए आए व्यक्ति को बैठे बैठे ही हार्ट अटैक आ गया. इसके पीछे क्या है बड़ी वजह और हार्ट अटैक के समय किन सावधानियों का इस्तेमाल करना चाहिए इस पर पीजीआई के हार्ट सर्जन डॉ. यशपॉल शर्मा से बातचीत की गई.
हार्ट अटैक पर एक्सपर्ट्स की राय: उन्होंने बताया कि हृदय से जुड़ी पहले भी बीमारियां होती थी, लेकिन ऐसे कम ही केस देखे जाते थे. लेकिन जैसे जैसे समय बदल रहा है, वैसे लोगों को कई तरह की बीमारियां घेर रही है. जिनमें दिल से जुड़ी समस्याएं सबसे आगे है. लोगों को अचानक ही हृदय की धड़कन रुक जाने से मौत हो जा रही है. इस तरह की घटनाएं ज्यादातर सामान्य काम करते हुए भी हो रही हैं.
अचान से हार्ट अटैक आने के बढ़ते मामले: जैसे अगर कोई डांस कर रहा हो, खेल रहा हो, सड़क पर चलते हुए या फिर बैठै हुए भी अचानक लोग हार्ट अटैक का शिकार होते जा रहे हैं. जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है, तब तक उनकी मौत हो चुकी होती है. ऐसे में पीजीआई के डॉक्टरों का मानना भी है कि जहां पहले 50 प्रतिशत लोगों को इस तरह की हालातों में बचा लिया जाता था. लेकिन अब इतना भी समय नहीं मिला पता है.
युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा: अभी 20 से 25 प्रतिशत ही लोग अस्पताल पहुंच पाते हैं. वहीं, देखा गया है छोटी उम्र के लोगों में इस तरह की शिकायतें ज्यादा देखी जा रही हैं. जिनकी उम्र 30 से 40 के बीच है. कोरोना के बाद ऐसे केस अधिक देखने को मिल रहे हैं. क्योंकि देश के कई डॉक्टर और नर्स जिनकी ड्यूटी के दौरान मौत हुई है इसका मुख्य कारण यही था कि लोग कोरोना के समय में हृदय रोग से ज्यादा पीड़ित हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कोरोना काल के बाद इस तरह के मामलों में क्यों तेजी आई? और हर उम्र के लोग क्यों अब हार्ट अटैक के शिकार होने लगे हैं?
कोरोना है अटैक आने का बड़ा कारण: इन सवालों पर पीजीआई के एचओडी सीनियर हार्ट सर्जन डॉक्टर यशपॉल शर्मा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से हम लोगों ने इस बात पर भी ध्यान दिया था, कि लोगों को हार्ट अटैक क्यों अधिक आ रहे हैं. वहीं, दिसंबर 2021 तक हमें पता चल गया था कि इसकी वजह कहीं न कहीं कोरोना से जुड़ी है. जिन लोगों को कोरोना हो चुका है, उन लोगों को डॉक्टर विशेषतर इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं. ऐसे में हार्ट अटैक के पीछे की असली वजह कोरोना को ही माना जा रहा है.
समय पर इलाज जरूरी: एक नई स्टडी से पता चला है कि कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में कई जानलेवा बीमारियों का खतरा हो रहा अधिक हो रहा है. इस अध्ययन के आधार पर करोड़ों लोग खतरे के दायरे में आते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में, अंसक्रमित लोगों की तुलना में, वीनस थ्रोम्बोम्बोलिज़्म विकसित होने की संभावना 27 गुना अधिक है. वीटीई एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें नसों में खून का क्लोड बन जाता हैं. यह क्लोड बड़ा हो जाने पर अगर इलाज ना किया जाए तो ये मौत का भी बड़ा कारण बन सकता है.
हृदय में सूजन से अटैक की संभावना: डॉक्टर यशपॉल शर्मा ने बताया कि जिन लोगों को कोविड संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, उनमें दिल की धड़कनें रुकने की संभावना 21 गुना और स्ट्रोक आने की संभावना 17 गुना ज्यादा होती है. उनमें एट्रियल फाइब्रिलेशन (अनियमित हृदय) और पेरिकार्डिटिस (हृदय की सूजन) और हार्ट अटैक की भी संभावना अधिक होती है. हृदय रोग मौत का सबसे बड़ा जोखिम संक्रमण है जो पहले 30 दिनों के भीतर होता है.
जानिए अटैक के क्या हैं लक्षण: लेकिन बाद में भी कुछ समय के लिए इसका खतरा रहता है. हार्ट अटैक से मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को मुख्य कारण बताया जाता है. यह दिल्ली के और देश के अन्य डॉक्टरों के बीच हुई चर्चा में साबित हुआ है. ऐसे में डॉक्टर यशपॉल शर्मा ने बताया कि जिन लोगों में हार्ट अटैक जैसे समस्या देखी जा रही है. उनमें यह लक्षण पहचाने जा सकते हैं. सांस लेने में समस्या, जल्दी थकान जाना, अचानक बेहोश हो जाना, हार्ट का तेजी से धड़कना और सीने में जलन और दर्द, सिर घूमना, पेट और सीने में एक साथ दर्द आदि पहले लक्षण है.
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समय पर हो जाएं सावधान: जिसे पहचान कर लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है. वहीं इन हालातों में पहुंचने के मुख्य कारण हमारी रोजाना की आदतें ही होती है. जो लोग मोटापे के शिकार होते हैं, उन्हें हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है. ऐसे में वे हर तीन महीने बाद अपना इलाज करवाए. जो लोग अधिक धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन उन्हें भी ऐसी समस्या आ सकती हैं. हाई फैट डाइट, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी आदि भी बड़ी समस्याएं हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
अटैक से ऐसे करें बचाव: ऐसे में लोगों को वजन कंट्रोल रखना चाहिए. इसके साथ ही समय समय पर बीपी और शुगर नियंत्रित रखते हुए डॉक्टर को चेक करना चाहिए. तनाव और परेशानियों को कम हो सके. खाने में तेल और घी का कम इस्तेमाल करना चाहिए सेहत का ध्यान रखा चाहिए. वॉक और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें, खाने में फल, सलाद और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें अपना और अपनों का ख्याल रखें.
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