चंडीगढ़: खरखौदा के गोदाम से शराब तस्करी के मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. शराब तस्करी के मामले में अब तक 11 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है. वहीं इंस्पेक्टर जसबीर को बर्खास्त किया जा चुका है. शराब तस्करी के मामले में आरोपी पूर्व विधायक सतविंदर सिंह राणा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां से पूर्व विधायक जमानत मिल गई है.
पूर्व विधायक सतविंदर राणा पानीपत में न्यायिक हिरासत में था. जमानत के लिए सतविंदर राणा ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है. बता दें कि, शराब तस्करी मामले में 14 मई को हरियाणा एसटीएफ ने एमएलए हॉस्टल के कैंपस से राणा को गिरफ्तार किया था. वहीं शराब तस्करी मामले में इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने भी हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन कोर्ट ने जसबीर की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
क्या है शराब घोटाला ?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई. शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.
कैसे हुआ खुलासा?
डीएसपी हरेंद्र कुमार, डॉ. रविंद्र कुमार और जितेंद्र सिंह की देखरेख में 4 दिन तक शराब की गिनती की गई. पुलिस को सील की गयी गई, शराब में से 5500 पेटियां गायब मिली. इनको ताले तोड़कर, सील हटाकर और दीवार उखाड़ कर निकाला गया था. सील की गई शराब गायब होने पर खरखौदा थाने में एसएचओ रहे अरुण कुमार और जसबीर सिंह समेत 5 पर मुकदमा दर्ज हुआ.
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