चंडीगढ़: विधान सभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को इनेलो द्वारा दिए गए 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों में से एक को सदन में चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया. 'अवैध जहरीली शराब से हुई मौत' के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Abhay Singh Chautala on poisonous liquor) पर सदन में बोलते हुए ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इसी साल 23 नवंबर को अवैध जहरीली शराब (illegal spurious liquor in haryana) पीने से सोनीपत जिले में चार लोगों की मौत हुई और चार लोगों की हालत बेहद गंभीर हो गई थी. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब बनाने और बेचने वाले कौन लोग हैं? उनके खिलाफ आज तक क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने सरकार से उनके नाम भी उजागर करने की मांग की.
हरियाणा में 2020 के नवंबर महीने में भी जहरीली शराब पीने से सोनीपत, पानीपत और फरीदाबाद जिलों में 47 लोगों की मौत हो गई थी, उस समय भी यह मुद्दा इनेलो ने विधान सभा में उठाया था. जिस पर सरकार ने इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी थी, लेकिन आज तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में 2016 से नवंबर 2022 तक जहरीली शराब के सेवन से 530 मौतें हो चुकी हैं.
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सरकार दावे करती है कि उन्होंने नकली शराब बनाने के धंधे पर नकेल कसी है, लेकिन उसके उलट नकली शराब का धंधा खत्म होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है. नशे की रोकथाम के लिए प्रदेश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बनाया गया है, लेकिन बावजूद इसके यह ब्यूरो प्रदेश में नकली जहरीली शराब बनाने और बेचने वालों को नहीं पकड़ सका है. सदन में अभय सिंह ने कहा कि, 'हमारी जानकारी के अनुसार शराब माफियाओं के तार शराब डिस्टलरी तक भी जुड़े हुए हैं.' उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि सोनीपत में जो चार मौतें हुई हैं, वो पानीपत चीनी मील के एक कैमिकल से तैयार शराब से हुई है.
उन्होंने सरकार पर इसकी खबर तक नहीं होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के अलावा चिट्टे की ओवरडोज से भी लगभग 84 मौतें हो चुकी हैं, जो 18 से 35 साल के युवा थे. नशा तस्करों के मकान तोड़ने पर सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति नशा तस्कर नहीं है, उनके मकानों को क्यों तोड़ा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सिरसा के गंगा गांव के व्यक्ति का सरकार के एक मंत्री के दबाव में मकान तोड़ दिया गया. जबकि उसका नशे की तस्करी से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं था.