चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन पूर्व नेता विपक्ष और इनेलो नेता अभय चौटाला ने सदन में कई अहम मुद्दे उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश. वहीं सदन में बोलने के लिए पूरा समय नहीं मिलने का आरोप लगाता हुए अभय चौटाला ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
नाराज अभय ने किया सदन से वॉकआउट
अभय चौटाला ने आरोप लगाए कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रश्नकाल में सवाल था, लेकिय विधानसभा के स्पीकर नहीं सप्लीमेंट्री सवाल नहीं करने दिया. अभय चौटाला ने कहा कि धान घोटाले पर सीएम और डिप्टी सीएम कहते हैं कि घोटाला नहीं हुआ, जबकि विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि घोटाला हुआ है.
दुष्यंत पर साधा निधाना
अभय चौटाला ने दुष्यंत चौटाला का नाम लिए बिना कहा कि आज वो बोल रहे हैं कि हुड्डा कहें तो सीबीआई जांच करवा देंगे, लेकिन ऐसे जो हमें ए और बी टीम कहते थे आज वो बी टीम बने हुए हैं. अभय ने कहा जांच की मांग हम कर रहे हैं तो हुड्डा बीच में कैसे आ गया.
सदन में कम वक्त देने का लगाया आरोप
अभय चौटाला ने कहा कि उन्हें बोलने का समय नहीं दिया गया, जबकि उनकी तरफ से सदन में किलोमीटर स्कीम , छात्रवृत्ति घोटाला , हरियाणा में कूड़ा घोटाला , कर्मचारी आयोग में फर्जीवाड़ा, खनन घोटाला, पंचायत विभाग में इंटरलॉकिंग टाइल लगाने के नाम पर हुए घोटाले सहित कई मुद्दों को ना सिर्फ उठाना था, बल्कि इस पर सरकार से भी जवाब मांगना था.
अभिभाषण में कुछ नहीं था- अभय
अभय चौटाला ने सदन में कहा कि नई सरकार लोगों से जो वादे करके आई है, सरकार बताए कि वो अपने वादों को किस तरीके से अगले 5 साल में पूरा करेगी. राज्यपाल ने भी अभिभाषण के कुछ ही पन्ने पढ़े और बाकी को पढ़ा माना जाए कहकर अभिभाषण खत्म कर दिया. उन्होंने अभिभाषण इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि अभिभाषण में कुछ भी नहीं था.
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अभय चौटाला ने पिछले सीजन में सरसों की खरीद का मसला विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने सरसों खरीद पर 25 क्विंटल खरीद लिमिट निर्धारित कर दी, जबकि 1 एकड़ में 14 क्विंटल तक सरसों पैदा हो जाती है. ऐसे में अगर किसान कई एकड़ में सरसों की पैदावार करते हैं तो उन्हें मजबूरन अपनी उपज सस्ते भाव में बेचनी पड़ती है. इस पर सरकार कोई जवाब नहीं देती.
सदन में उठाया दादूपुर नलवी नहर का मुद्दा
इसके अलावा अभय चौटाला ने कहा की सरकार ने दादूपुर नदी नहर के एनहैंसमेंट का पैसा किसानों को नहीं देने के लिए नहर को डिनोटिफाइड कर दिया, जबकि दादूपुर नलवी नहर के आसपास के कई इलाकों में जल स्तर ऊपर उठाने में मदद मिलती थी.