चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक पार्टियां एक्शन में आ गई हैं. नेताओं के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला जारी है. इनेलो नेता अभय चौटाला ने प्याज और पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद सरकार पर तंज कसा है. अभय ने ट्वीट कर कहा कि 'पेट्रोल भी होगा 75 पर, प्याज़ भी होगी 75 पार, इसलिए तो कहते हैं ये अबकी बार 75 पार'
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पेट्रोल भी होगा 75 पर, प्याज़ भी होगी 75 पार
— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) September 27, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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'प्याज की पॉलिटिक्स'
हमारे देश की राजनीति में प्याज का बड़ा योगदान रहा है. प्याज के रेट ही कई बार सरकार बनाने और गिराने का बजूद रखते हैं. आज प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. यह पहली बार नहीं हुआ है. जब प्याज के दाम बेलगाम हुए हों.
प्याज का राजनीति में तूफान
भारतीय राजनीति में प्याज के दामों ने कई बार तूफान खड़ा किया है. जब भी प्याज के दाम बढ़ते हैं, तब-तब किसी ना किसी नेता की कुर्सी हिल जाती है. इसके लिए सरकार चुनाव से पहले कीमतों को रोकने के तमाम प्रयास करती है. कुछ लोगों को प्याज की गंध नहीं भाती, तो कुछ लोग उससे निकले आंसुओं की वजह से उससे दूर रहना पसंद करते हैं. भले ही इसके पीछे मौसम या फसल-चक्र की वजह हो, लेकिन इसने बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को रुलाया और सरकारें गिराई हैं.
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प्याज ने रुलाया जनता पार्टी सरकार को
आपातकाल के बाद जब देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी. उस समय सरकार अपने ही अंतर्विरोधों से लड़खड़ा रही थी, लेकिन सत्ता से बेदखल हो चुकी इंदिरा गांधी के पास भी कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन प्याज के दाम बढ़ते ही इसे मुद्दा बना दिया था और चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी.
अटल सरकार पर भारी पड़ी प्याज
सन 1998 में केंद्र अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. अटल विहारी के शासन काल में कारगिल का युद्ध हुआ और सेना ने अपने पराक्रम से कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहरा दिया था. साथ ही अटल बिहारी वाजेपयी ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया. इन सब उपलब्धियों के बाद भी चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को चुनाव में प्याज की वजह से हार का सामना करना पड़ा था. अचानक प्याज के रेट बढ़ने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया, जिसका फायदा उठाकर कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई.