चंडीगढ़: अब हरियाणा में छात्र बिना किसी कॉपी, किताब और बैग के पढ़ाई कर सकेंगे. प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदाने करने के लिए पूरे हरियाणा में 981 स्मार्ट स्कूल खोले जाएंगे.
हरियाणा में खोले जाएंगे स्मार्ट और मॉडर्न स्कूल
बता दें कि प्रदेश सरकार ने 981 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों की सूची जारी कर दी है. इन स्कूलों में बच्चे बिना किसी कॉपी, किताब और बैग के जा सकेंगे. प्रदेश सरकार का 1000 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल खोलने का लक्ष्य है. इस समय हरियाणा में 23 सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 418 बैग फ्री स्कूल पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं.
इसमें सबसे ज्यादा स्कूल साइबर सिटी गुरुग्राम में खोले जाएंगे. गुरुग्राम में कुल 93 मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल खुलेंगे. उसके बाद सिरसा में 87 स्कूल, फरीदाबाद में 85 और हिसार में ऐसे 84 स्कूल खुलेंगे. ऐसे सबसे कम स्कूल चरखी दादरी में खोले जाएंगे. दादरी में सिर्फ पांच ही स्कूल खुलेंगे.
ये होगी दाखिले की प्रक्रिया
इन स्कूलों में दाखिला पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर किया जाएगा. स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया इसी महीने से शुरू कर दी जाएगी. स्कूली भवनों के निर्माण होने तक नए सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल मौजूदा सरकारी स्कूलों में ही चलाए जाएंगे. स्कूलों के लिए शिक्षकों का एक अलग कॉडर होगा. शिक्षकों का चयन मौजूदा सरकारी स्कूलों के शिक्षण स्टाफ में से ही किया जाएगा.
इतनी होगी स्मार्ट स्कूलोंं की फीस
- पहली से तीसरी तक 200 रुपये
- चौथी से पांचवी तक 250 रुपये
- छठी से आठवीं तक 300 रुपये
- नौवीं और दसवीं तक 400 रुपये
- 11वीं और 12वीं तक 500 रुपये
प्रवेश शुल्क भी लगेगा
इन स्मार्ट स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा के लिए प्रवेश शुल्क 500 रुपये और छठी से 12वीं कक्षा के लिए एक हजार रुपये निर्धारित किया गया है. इतना ही नहीं इन स्कूलों में कला और शिल्प स्टूडियो, रोबोटिक्स, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की आधुनिक प्रयोगशालाओं की व्यवस्था के साथ-साथ लाइब्रेरी या डिजिटल लाइब्रेरी भी इन स्कूलों में बनाई जाएगी.
शिक्षा के स्तर में होगा सुधार
इन स्कूली छात्रों को परिवहन की सुविधा भी मिलेगी. हरियाणा में शिक्षा के गुणवत्ता को ऊपर करने के लिए सरकार का ये फैसला काफी अच्छा है. इससे प्रदेश में शिक्षा के शिक्षा के स्तर में काफी सुधार होगा.