चंडीगढ़: राज्य सरकार ने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश में शिक्षा, खासकर बेटियों की शिक्षा के लिए काफी काम किया है. पहले लड़कियों के लिए 20 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज बनाने की योजना बनाई थी. जिसे अब 15 किलोमीटर कर दिया गया है. जल्द ही इस सीमा को और कम करके 10 किलोमीटर किया जाएगा. ताकि हमारी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े. उक्त बातें हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भिवानी में नवनिर्मित शैक्षणिक ब्लॉक का उद्घाटन करने के उपरान्त कही.
सीएम ने कहा कि इस शैक्षणिक ब्लॉक नाम महान गणितज्ञ रामानुजन नाम पर रखने से वे स्वयं भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. क्योंकि वे भी गणित के विद्यार्थी रहे हैं. उन्होंने कहा कि रामानुजन कॉलेज के समय से ही मेधावी छात्र थे और वर्ष 1912 में उन्होंने एक ऐसा कैलेंडर बनाया था जिससे किसी भी दिन व तारीख का पता लगाया जा सकता था.
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इस बार उच्च शिक्षा के लिए सुपर-100 के 83 बच्चों का चयन हुआ है और हम अगले सेशन के लिए 2 की जगह 4 केंद्र खोलने जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को और लाभ मिले सके।https://t.co/hqj0Sr7J4T pic.twitter.com/96LkONsVzf
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">इस बार उच्च शिक्षा के लिए सुपर-100 के 83 बच्चों का चयन हुआ है और हम अगले सेशन के लिए 2 की जगह 4 केंद्र खोलने जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को और लाभ मिले सके।https://t.co/hqj0Sr7J4T pic.twitter.com/96LkONsVzf
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 26, 2020इस बार उच्च शिक्षा के लिए सुपर-100 के 83 बच्चों का चयन हुआ है और हम अगले सेशन के लिए 2 की जगह 4 केंद्र खोलने जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को और लाभ मिले सके।https://t.co/hqj0Sr7J4T pic.twitter.com/96LkONsVzf
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नागरिकों की मूलभूत आवश्यक्ताओं के लिए सरकार ने रखी है "5एस" का लक्ष्य
अपने संबोधन के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार ने नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए "5एस" का लक्ष्य रखा है. इसका अर्थ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सुरक्षा और स्वाभिमान है. सीएम ने कहा कि इस बार उच्च शिक्षा के लिए सुपर-100 के 83 बच्चों का चयन हुआ है और हम अगले सेशन के लिए 2 की जगह 4 केंद्र खोलने जा रहे हैं. ताकि विद्यार्थियों को और लाभ मिले सके.
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नई शिक्षा नीति के तहत हम कुछ स्थानों पर Kg to Pg का प्रयोग करने वाले हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता बनी रहे। इससे हमारे साधनों की बचत भी होती है।https://t.co/b1x9upHrgE pic.twitter.com/1oltUqMd8D
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पूर्व शिक्षा नीति क्लर्क पैदा करने की नीति थी: सीएम
सीएम ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अंग्रेजों के समय से चली आ रही ‘क्लर्क पैदा करने की’ शिक्षा पद्धति में आमूल-चूल परिवर्तन करके कौशल विकास और आईटी जैसे आज की जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है. साथ ही, इस शिक्षा नीति में विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य और संस्कार विकसित करने पर भी विशेष बल दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत हम कुछ स्थानों पर केजी टू पीजी का प्रयोग करने वाले हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता बनी रहे. इससे हमारे साधनों की बचत भी होती है.