चंडीगढ़: विदेशी कंपनियां हरियाणा में निवेश करें, इसके लिए हरियाणा सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं. इसी का नतीजा है कि 2019-2020 के दौरान हरियाणा ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 73 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश आकर्षित किया है.
हरियाणा की अर्थव्यवस्था भारत में 5वीं सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है. ये जानकारी हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मंच की पहली बैठक में दी.
बता दें कि विजय वर्धन इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. बैठक की मेजबानी रूस ने की थी. विजय वर्धन ने अपने संबोधन में कहा कि उनके लिए ये गर्व की बात है कि वो आज भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वो एससीओ की ओर से सदस्य देशों के क्षेत्र प्रमुखों के मध्य इस बातचीत का आयोजन करने की पहल का स्वागत करते हैं. ये फोरम सदस्य, देशों और क्षेत्रों के बीच बेहतर सहयोग और समन्वय स्थापित करने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भारत का सिर्फ 2 प्रतिशत है और इसकी जनसंख्या लगभग 2.5 करोड़ है, फिर भी ये कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है. ये तीन तरफ से देश की राजधानी नई दिल्ली को घेरे हुए है और औद्योगिक रूप से विकसित चार शहर गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 70 किलोमीटर के अंदर है.
उन्होंने कहा कि हिसार में तेज गति से एक नया हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा राज्य में 1700 किलोमीटर से ज्यादा का रेल नेटवर्क है और भारत सरकार की ओर से सितंबर 2020 में नए हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य में परिवहन नेटवर्क और सुदृढ़ होगा. प्रदेश में 30 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग, 11 एक्सप्रेस-वे और राज्य राजमार्ग सहित एक बहुत बढ़िया सड़क नेटवर्क है.
विजय वर्धन ने कहा कि हरियाणा भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब में से एक है और देश में दो तिहाई यात्री कारों, 50 प्रतिशत ट्रैक्टर और 60 प्रतिशत मोटरसाइकिलों का निर्माण हरियाणा में होता है. हरियाणा राज्य ऑटो कंपनियों और ऑटो-घटक निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा स्थान है.
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इसके साथ ही, राज्य ने आईटी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है. हरियाणा सॉफ्टवेयर निर्यात करने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और ये आईटी / आईटीईएस सुविधाओं के लिए पसंदीदा स्थान है. मुख्य सचिव ने कहा कि गुरुग्राम उत्तर भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में 400 से अधिक कंपनियों के साथ आईटी उद्योग के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है. हरियाणा शिक्षा का हब भी है. व्यावसायिक शिक्षा के लिए कौशल विकास के नाते से हरियाणा ने भारत में पहले विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है.