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2014 से CM विंडो पर मिली 6 लाख 80 हजार शिकायतें, 20 हजार शिकायतें पेंडिंग - complaints in haryana cm window

हरियाणा में सीएम विंडो पर 2014 से लेकर 2018 के बीच कुल 6 लाख 80 हजार शिकायतें आई. जिसमें से 20 हजार शिकायतों का निपटान होना अभी बाकी है. सीएम ने खास निर्देश दिए हैं कि 10 जनवरी 2020 तक सभी शिकायतों की निपटान कर लिया जाए.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल
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Published : Dec 21, 2019, 5:53 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए सीएम विंडो जैसी अनोखी पहल देश में सबसे पहले हरियाणा में शुरू की. आज इसके परिणाम स्वरूप लोगों की समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से हो रहा है.

मुख्यमंत्री का आदेश 10 जनवरी तक होगा शिकायतों का निपटारा
इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों सीएम विंडो से संबधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वो साल 2014 से 2018 के बीच की ऐसी सभी शिकायतों का निपटारा 10 जनवरी, 2020 तक अवश्य कर दें और इसके लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा.

2014 से CM विंडो पर मिली 6 लाख 80 हजार शिकायतें, 20 हजार शिकायतें पेंडिंग

मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो, सीपीजीआरएमएस और सोशल मीडिया शिकायत निवारण ट्रेकर की समीक्षा बैठक की.

'व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए होगा सूचनाओं का आदान-प्रदान'
उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए संबधित विभागों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाटस ग्रुप बनाया जाएगा ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके और उन सूचनाओं के आधार पर शिकायतों का निपटान भी जल्द होगा.

'शिकायतकर्ता को होगी सीएम विंडो पर लिखने की आजादी'
सीएम विंडो पर अब शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी होगी और उनके हस्ताक्षर करवाने होंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत का निपटान करते समय शिकायतकर्ता और प्रबुद्व नागरिक दोनों के हस्ताक्षर करवाएं और कार्यवाई की रिपोर्ट के साथ कारणों सहित टिप्पणी भी अवश्य दें.

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के नोडल अधिकारी ने डॉ. गुप्ता को आश्वासन दिया कि 10 जनवरी, 2020 तक ऐसी सभी शिकायतों का निपटान कर दिया जाएगा. इसी तरह, गृह, वित, चैकसी, विकास एंव पंचायत विभाग ने सीएम विंडो की शिकायतों को निपटाने में बेहतर कार्य किया है.

2014 से 18 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायत, 20 हजार पेंडिंग
2014 से 2018 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायतों में सबसे अधिक एक लाख 66 हजार पुलिस विभाग से संबंधित थी. इसके अलावा पंचायत विभाग की 76288, शहरी निकाय विभाग की 36213, स्कूल विभाग की 24319, रेवेन्यू विभाग की 21996, बिजली विभाग की 38494, जन स्वास्थ्य विभाग की 15783, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की 15702 और कृषि विभाग की 10000 शिकायतें आई थी.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए सीएम विंडो जैसी अनोखी पहल देश में सबसे पहले हरियाणा में शुरू की. आज इसके परिणाम स्वरूप लोगों की समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से हो रहा है.

मुख्यमंत्री का आदेश 10 जनवरी तक होगा शिकायतों का निपटारा
इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों सीएम विंडो से संबधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वो साल 2014 से 2018 के बीच की ऐसी सभी शिकायतों का निपटारा 10 जनवरी, 2020 तक अवश्य कर दें और इसके लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा.

2014 से CM विंडो पर मिली 6 लाख 80 हजार शिकायतें, 20 हजार शिकायतें पेंडिंग

मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो, सीपीजीआरएमएस और सोशल मीडिया शिकायत निवारण ट्रेकर की समीक्षा बैठक की.

'व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए होगा सूचनाओं का आदान-प्रदान'
उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए संबधित विभागों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाटस ग्रुप बनाया जाएगा ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके और उन सूचनाओं के आधार पर शिकायतों का निपटान भी जल्द होगा.

'शिकायतकर्ता को होगी सीएम विंडो पर लिखने की आजादी'
सीएम विंडो पर अब शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी होगी और उनके हस्ताक्षर करवाने होंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत का निपटान करते समय शिकायतकर्ता और प्रबुद्व नागरिक दोनों के हस्ताक्षर करवाएं और कार्यवाई की रिपोर्ट के साथ कारणों सहित टिप्पणी भी अवश्य दें.

खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के नोडल अधिकारी ने डॉ. गुप्ता को आश्वासन दिया कि 10 जनवरी, 2020 तक ऐसी सभी शिकायतों का निपटान कर दिया जाएगा. इसी तरह, गृह, वित, चैकसी, विकास एंव पंचायत विभाग ने सीएम विंडो की शिकायतों को निपटाने में बेहतर कार्य किया है.

2014 से 18 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायत, 20 हजार पेंडिंग
2014 से 2018 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायतों में सबसे अधिक एक लाख 66 हजार पुलिस विभाग से संबंधित थी. इसके अलावा पंचायत विभाग की 76288, शहरी निकाय विभाग की 36213, स्कूल विभाग की 24319, रेवेन्यू विभाग की 21996, बिजली विभाग की 38494, जन स्वास्थ्य विभाग की 15783, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की 15702 और कृषि विभाग की 10000 शिकायतें आई थी.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों के जीवन को सुविधाजनक ओर आरामदायक बनाने के मध्येनजर उनकी समस्याओं को त्वरित हल करने के लिए सीएम विण्डों जैसी अनोखी पहल देश में सबसे पहले हरियाणा में शुरू की और आज इसके परिणामस्वरूप लोगों की समस्याओं का समाधान आनलाईन प्रणाली के माध्यम से हो रहा है । इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों सीएम विण्डों से संबधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि वे वर्ष 2014 से 2018 के बीच की ऐसी सभी शिकायतों का निपटारा आगामी 10 जनवरी, 2020 तक अवश्य कर दें और इसके लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा ।
मुुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता ने शुक्रवार को चण्डीगढ में सीएम विण्डों, सीपीजीआरएमएस और सोशल मीडिया शिकायत निवारण ट्रेकर की समीक्षा बैठक के दौरान विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को दी । उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए संबधित विभागों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाटस गु्रप बनाया जाएगा ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके और उन सूचनाओं के आधार पर शिकायतों का निपटान भी त्वरित होगा । डा. गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सीएम-विण्डों की शिकायतों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है और सम्बंधित उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द लम्बित शिकायतों का निपटारा करें ताकि लोगों को राहत प्रदान हो सके । उन्होंने अधिक समय से लम्बित शिकायतों से संबधित विभागों के अधिकारियो को निर्देश दिए कि वे आज ही अपने विभाग के प्रशासनिक सचिव को सीएम-विण्डों से संबधित लम्बित शिकायतों का ब्यौरा देंगें ताकि संबधित प्रशासनिक सचिव इन शिकायतों के निपटान के लिए त्वरित कार्यवाई कर सकें । उन्होंने कहा कि ऐसे सभी विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक आगामी 31 दिसम्बर को बुलाई गई है ताकि वे आपसी समन्वय स्थापित करके शिकायतों का जल्द निपटान कर सकें ।
सीएम विण्डों पर अब शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी होगी और उनके हस्ताक्षर करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि शिकायत का निपटान करते समय शिकायतकर्ता और प्रबुद्व नागरिक दोनों के हस्ताक्षर करवाएं तथा कार्यवाई की रिपोर्ट के साथ कारणों सहित टिप्पणी भी अवश्य दें ।Body:वीओ -
डा. गुप्ता ने बैठक के दौरान आदेश किए कि वे नगर एवं आयोजना विभाग की सचिव रिचा राठी को सीएम विण्डों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीएम-विण्डों पर आने वाली शिकायतों के जल्द निपटान के लिए एक अलग रणनीति अपनाई जाए, यदि कोई अधिकारी इन शिकायतो के निपटाने में आना-कानी करता है या कोताही बरतता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अधिकारियों को निलम्बन करने में देर नहीं की जाएगी । मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी भूपेश्वर दयाल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सीएम विण्डों पर शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी दें, और उनके हस्ताक्षर करवाएं क्योंकि शिकायतकर्ता का संतुष्ट होना उसका हक है ।
उन्होंने विभागानुसार शिकायतों का अवलोकन करते हुए पर्यटन विभाग के अधिकारियों की प्रंशसा की और कहा कि विभाग की कोई भी पुरानी लम्बित शिकायत नहीं है। इसी प्रकार, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के नोडल अधिकारी ने डा. गुप्ता को आश्वासन दिया कि आगामी 10 जनवरी, 2020 तक ऐसी सभी शिकायतों का निपटान कर दिया जाएगा । इसी तरह, गृह, वित, चैकसी, विकास एंव पंचायत विभाग ने सीएम-विण्डों की शिकायतों को निपटाने में बेहतर कार्य किया है । उन्होंने कहा कि विकास एवं पंचयत विभाग ने सराहनीय कार्य किया है इसलिए उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा । बैठक के दौरान उद्योग, औद्योगिक प्रशिक्षण, शहरी स्थानीय निकाय, पर्यावरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस, कृषि एवं किसान कल्याण, उच्च शिक्षा, राजस्व, सहकारिता, वन एवं वन्यजीव, हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग, बिजली, खाद्य एंव आपूर्ति, परिवहन, चिकित्सा शिक्षा, श्रम, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, भूविज्ञान, महिला एवं बाल कल्याण, आवास, लोक निर्माण, तकनीकी शिक्षा, अक्षय ऊर्जा, सूचना एवं जनसम्पर्क, अभिलेख, अभिलेखागार एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने डा. गुप्ता को आश्वस्त किया कि वे निश्चित तिथि तक लम्बित शिकायतों का निपटान कर देंगें । 2014 से 2018 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायतों में सबसे अधिक एक लाख 66 हजार पुलिस विभाग से संबंधित थी । इसके अलावा पंचायत विभाग की 76288, शहरी निकाय विभाग की 36213, स्कूल विभाग की 24319, रिवेन्यू विभाग की 21996, बिजली विभाग की 38494, जन स्वास्थ्य विभाग की 15783, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की 15702, कृषि विभाग की 10000 शिकायतें आई थी ।
Conclusion:वीओ -
गुप्ता ने सांस्कृतिक कार्य विभाग की भ्रष्टाचार से संबधित एक शिकायत के संबध में नोडल अधिकारी को आदेश दिए कि सीएम-विण्डों पर भ्रष्टाचार से संबधित आई हुई शिकायत की पुन: जांच करें और 15 दिन के अन्दर रिपोर्ट सौंपें । उन्होंने गुरूग्राम में अक्षय ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी के विरूद्व गबन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसे बाद में रद्द कर दिया गया लेकिन अब इस मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए गए परन्तु विभागीय कार्यवाई में किसी प्रकार की कोई रिकवरी नहीं दिखाई गई, इस मामले पर संज्ञान लेते हुए डा. गुप्ता ने पुन: संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए किवे इस मामले में सभी 140 लाभार्थियों को सबसिडी देने संबधी जाचं की जाए और रिपोर्ट सौपी जाए । इसी प्रकार, डा. गुप्ता ने बताया कि बिजली विभाग में कलैक्शन एजेंसी द्वारा उपभोक्ताओं के बिलों की राशि एकत्रित कर ली गई लेकिन विभाग में राशि जमा नहीं करवाई गई, इस अनियमितता की जांच के आदेश भी उन्होंने दिए ।
इसी प्रकार, उच्च शिक्षा विभाग की गम्भीर अनियमितताओं से संबधित एक शिकायत का अवलोकन करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबधित एडीसी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कालेज कमेटी, रेवाडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए ।
सीएम-विण्डों पर एक शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग से संबधित थी जिसमें थानेसर की निवासी उषा शर्मा ने शिकायत की थी कि वर्ष 2016 में विभाग में कार्यरत उनके पति की मृत्यु हो गई थी, इस पर सीएम विण्डों पर उनकी शिकायत पर विचार किया गया और उसके पश्चात उन्हें उनके हक को दिलवाया गया अर्थात उन्हें सभी तरह के लाभ दिलवाए गए ।
डा. गुप्ता ने बैठक के दौरान आदेश किए कि वे नगर एवं आयोजना विभाग की सचिव रिचा राठी को सीएम विण्डों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीएम-विण्डों पर आने वाली शिकायतों के जल्द निपटान के लिए एक अलग रणनीति अपनाई जाए, यदि कोई अधिकारी इन शिकायतो के निपटाने में आना-कानी करता है या कोताही बरतता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अधिकारियों को निलम्बन करने में देर नहीं की जाएगी ।
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