चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए सीएम विंडो जैसी अनोखी पहल देश में सबसे पहले हरियाणा में शुरू की. आज इसके परिणाम स्वरूप लोगों की समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से हो रहा है.
मुख्यमंत्री का आदेश 10 जनवरी तक होगा शिकायतों का निपटारा
इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों सीएम विंडो से संबधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वो साल 2014 से 2018 के बीच की ऐसी सभी शिकायतों का निपटारा 10 जनवरी, 2020 तक अवश्य कर दें और इसके लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा.
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में सीएम विंडो, सीपीजीआरएमएस और सोशल मीडिया शिकायत निवारण ट्रेकर की समीक्षा बैठक की.
'व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए होगा सूचनाओं का आदान-प्रदान'
उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए संबधित विभागों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाटस ग्रुप बनाया जाएगा ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से हो सके और उन सूचनाओं के आधार पर शिकायतों का निपटान भी जल्द होगा.
'शिकायतकर्ता को होगी सीएम विंडो पर लिखने की आजादी'
सीएम विंडो पर अब शिकायतकर्ता को अपनी बात लिखने की आजादी होगी और उनके हस्ताक्षर करवाने होंगे. उन्होंने कहा कि शिकायत का निपटान करते समय शिकायतकर्ता और प्रबुद्व नागरिक दोनों के हस्ताक्षर करवाएं और कार्यवाई की रिपोर्ट के साथ कारणों सहित टिप्पणी भी अवश्य दें.
खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के नोडल अधिकारी ने डॉ. गुप्ता को आश्वासन दिया कि 10 जनवरी, 2020 तक ऐसी सभी शिकायतों का निपटान कर दिया जाएगा. इसी तरह, गृह, वित, चैकसी, विकास एंव पंचायत विभाग ने सीएम विंडो की शिकायतों को निपटाने में बेहतर कार्य किया है.
2014 से 18 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायत, 20 हजार पेंडिंग
2014 से 2018 के बीच आई 6 लाख 80 हजार शिकायतों में सबसे अधिक एक लाख 66 हजार पुलिस विभाग से संबंधित थी. इसके अलावा पंचायत विभाग की 76288, शहरी निकाय विभाग की 36213, स्कूल विभाग की 24319, रेवेन्यू विभाग की 21996, बिजली विभाग की 38494, जन स्वास्थ्य विभाग की 15783, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की 15702 और कृषि विभाग की 10000 शिकायतें आई थी.