चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 23 अक्टूबर को डीजीपी हरियाणा को पत्र लिखकर पूरे प्रदेश में 372 जांच अधिकारियों (IO) को निलंबित करने के लिए कहा था. इस मामले में डीजीपी की तरफ से कार्रवाई करते हुए अभी तक 100 इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर (IO) को निलंबित कर दिया गया है लेकिन बाकी 272 पर कार्रवाई नहीं की गई. चर्चा है कि इस मामले में बाकी आईओ पर कार्रवाई करने से पुलिस के आला अधिकारी बच रहे हैं.
इस मामले में सोमवार, 30 अक्टूबर को पुलिस विभाग की आलाधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में बाकी बचे जांच अधिकारियों पर कार्रवाई के संबंध में चर्चा हुई. गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि 100 आईओ को निलंबित करने की रिपोर्ट विभाग ने दे दी थी, बाकियों के लिए कहा गया है कि समय लगेगा. इसलिए विभाग ने मंगलवार या बुधवार तक का समय का समय मांगा है. इन अधिकारियों के खिलाफ जांच कहां तक पहुंची है इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए बुधवार तक अल्टीमेटम दिया गया है.
मैंने अधिकारियों से कहा है कि अगर किसी FIR में काम करने में एक साल से ज्यादा डिले हुआ है तो उसकी लिस्ट बनाकर मुझे दें, कितने समय तक ये मामला आईओ के पास पेंडिंग रहा और क्यों एक्शन नहीं लिया गया, साथ ही वर्तमान में उनका स्टेटस क्या है, उस पर डिटेल सौंपें. अन्य जिलों के एसपी को भी निर्देश दिए हैं कि वो भी अपने-अपने जिलों में इसको लेकर स्क्रुटनी करें. अगर कहीं एक साल से ज्यादा कोई मामला लंबित पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें. अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा
क्या है मामला- हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 23 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक से एक साल से अधिक समय से लंबित एफआईआर पर उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए राज्य भर में 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने को कहा था. पुलिस महानिदेशक को लिखे एक पत्र में अनिल विज ने राज्य के विभिन्न जिलों में 372 आईओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं.