चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में आज राइट टू इन्फॉर्मेशन कमीशन के तीन सदस्यों की नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई. सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा भी मौजूद रहे. बैठक में 3 सदस्यों के नाम को फाइनल कर राज्यपाल की अनुमति के लिए भेज दिया गया है.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राइट टू इन्फॉर्मेशन कमीशन बनाया गया था, जिसके चेयरमैन व कुछ सदस्यों की नियुक्ति होती है. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पहले 5 साल के लिए होती थी, जिसको 3 साल कर दिया गया है. हरियाणा में वर्तमान में राइट टू इनफार्मेशन कमीशन में 3 पोस्ट खाली थी. जिन 3 पोस्ट लिए 150 करीब नाम आये थे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि कमेटी की तरफ से आए हुए नामों की स्क्रूटनी की जाती है. जीतने मेंबर सेलेक्ट करने होते हैं, उसके 3 गुना लोगों को चुना जाता है. 9 सदस्यों में से आज 3 सदस्यों के नाम रिकमेंड करके राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को भेज दिया गया है. अब राज्यपाल इसमें फैसला करेंगे.
बता दें कि हरियाणा सरकार ने 16 दिसंबर 2013 को हरियाणा सेवा का अधिकार अध्यादेश जारी किया था. इसे 19 दिसंबर 2013 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया था. इसके बाद, हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 (एचआरटीएस अधिनियम, 2014) राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया. इसे 26 मार्च 2014 को आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया गया.
हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 को पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा राज्य के तहत विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के समयबद्ध वितरण के लिए एक प्रभावी ढांचा प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ अधिनियमित किया गया था. एचआरटीएस अधिनियम, 2014 की धारा 12 (1) और (2) के अनुसार, हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग (एचआरटीएस) के गठन का प्रावधान है और यह एक वैधानिक निकाय होगा. अधिनियम की धारा 13(1) के अनुसार, इस आयोग में 1 मुख्य आयुक्त और अधिकतम 4 आयुक्त होंगे जो अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे.
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