चंडीगढ़: बीते साल चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा हीराक्षी की स्कूल परिसर के अंदर 250 साल पुराना हेरिटेज पेड़ गिरने से मौत हो गई थी. ठीक एक साल बाद, उसके मामा अमित कुमार शनिवार को बाल-बाल बच गए. अमित कुमार शनिवार को घर से ऑफिस के लिए निकलने वाले थे. लेकिन, घर से निकलने से कुछ मिनट पहले उनकी कार पर करीब 250 साल पुराना हेरिटेज पेड़ गिर गया.
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कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है. पिछले साल कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल की छात्रा पर जिस तरह पुराना पेड़ गिरा था. उसी तरह से शनिवार को एक पुराना पेड़ मृतक छात्रा के मामा की कार पर गिर गया. गनीमत यह रही कि घटना के वक्त अमित कुमार कार में सवार नहीं थे. हालांकि, इस हादसे में उनकी कार तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. घटना सेक्टर-19 में पेड़ की छंटाई के ठीक एक महीने बाद हुई है.
पिछले साल पेड़ गिरने से मेरी भांजी हीराक्षी की मौत हो गई थी. हीराक्षी मेरी बहन दमन की बेटी थी. हम सब हीराक्षी बरसी मना रहे थे. ठीक एक साल पहले इसी तारीख (8 जुलाई) को हीराक्षी की मौत हुई थी. वैसे ही हादसा शनिवार को हुआ. सुबह लगभग 9 बजे मैं अपनी कार से ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ. मैं अपने घर से निकलने ही वाला था कि एक तेज आवाज सुनाई दी. मैं बाहर भागा तो स्तब्ध रह गया. मैंने अपनी कार एक विशाल पेड़ के नीचे दबा हुआ देखा. किसी अलौकिक शक्ति ने ही मुझे बचा लिया. - अमित कुमार, हीराक्षी के मामा
उन्होंने कहा कि, पिछले महीने चंडीगढ़ नगर निगम की बागवानी शाखा से शिकायत भी की थी. जिसके बाद एक टीम ने आकर पेड़ों की छंटाई भी की. लेकिन, सही तरीके से छंटाई नहीं होने के कारण पेड़ खतरा पैदा कर रहा था. यही वजह है कि शनिवार को पेड़ गिर गया. पेड़ की गिरी हुई शाखा को हटा दिया गया.
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सेक्टर-19 के स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस घटना ने चंडीगढ़ प्रशासन को बेनकाब कर दिया है. इस घटना ने पेड़ों की कुशल तरीके से छंटाई करने के बागवानी विंग के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल कर रख दी है. व्यवसायी पंकज कुमार और दमन की बेटी हीराक्षी की 8 जुलाई, 2022 की मौत हुई थी. इस साल मई में, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जितेंद्र चौहान की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय न्यायिक जांच समिति ने मृतक को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की सिफारिश की थी. हीराक्षी के परिजन और अपना हाथ खोने वाली इशिता को 50 लाख रुपये देने की सिफारिश की गई थी.