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अब मैदान में बचे सिर्फ 1168 उम्मीदवार, जानिए किस पार्टी के कितने बागी लड़ रहे चुनाव

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Published : Oct 8, 2019, 8:46 PM IST

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुल 1846 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें से 342 उम्मीदवारों का नामांकन कमियों की वजह से रद्द कर दिया गया, तो 336 ने नामांकन वापस ले लिया. अब सिर्फ 1168 प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में रह गए हैं.

अब मैदान में बचे सिर्फ 1168 उम्मीदवार

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन सोमवार को था. इस दिन सूबे की 90 सीटों के लिए आए कुल 1846 नामांकनों में से 336 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेकर चुनावी मैदान छोड़ दिया है. जबकि 342 प्रत्याशियों के पर्चें खामियों की वजह से रद्द कर दिए गए.

चुनावी मैदान में बचे सिर्फ 1168 उम्मीदवार
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कुल 1846 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें से 342 उम्मीदवारों का नामांकन कमियों की वजह से रद्द कर दिया गया. अब सिर्फ 1168 प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में रह गए हैं. बता दें कि साल 2014 में उम्मीदवारों की संख्या 1351 थी.

बीजेपी 2 और कांग्रेस 1 बागी को मनाने में कामयाब हुई
वहीं अगर बात करें बागियों को मनाने की तो बीजेपी अपने सिर्फ 2 बागियों को मनाने में सफल रही. नारायणगढ़ से बीजेपी के बागी राकेश बिंदल और गुरुग्राम में विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी का नामांकन आखिरी दिन वापस लिया गया. अब भी रेवाड़ी विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, नयनपाल रावत सहित 7 नेता अब भी बीजेपी से नाराज हैं और पार्टी के खिलाफ ही चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सिर्फ बहादुरगढ़ में बागी राजेश जून को मना पाई. इसकेअलावा कांग्रेस के अब भी 15 बागी नेता निर्दलीय या दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं.

अंदर ही अंदर हो रही सेटिंग !

  • पृथला में जेजेपी प्रत्याशी ने बीजेपी के बागी नयनपाल रावत को समर्थन दिया, जिससे बीजेपी के वोट कट सकें.
  • अंबाला कैंट से जेजेपी उम्मीदवार ने बीजेपी के समर्थन में नामांकन वापस लिया.
  • कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी को समर्थन देते हुए इनेलो प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया.
  • गढ़ी सांपला-किलोई में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के समर्थन में बीएसपी प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया.

कभी आमने-सामने चुनाव नहीं लड़ते देवीलाल परिवार के सदस्य, लेकिन क्यों ?

उम्मीदवार जिनके नामांकन रद्द हुए

फरीदाबाद से इनेलो उम्मीदवार सुमेश चंदीला, पलवल से बीएसपी के देंवेंद्र और तिगांव से आप के दिलीप कुमार का नामांकन कमियों की वजह से रद्द किया गया.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन सोमवार को था. इस दिन सूबे की 90 सीटों के लिए आए कुल 1846 नामांकनों में से 336 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेकर चुनावी मैदान छोड़ दिया है. जबकि 342 प्रत्याशियों के पर्चें खामियों की वजह से रद्द कर दिए गए.

चुनावी मैदान में बचे सिर्फ 1168 उम्मीदवार
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कुल 1846 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें से 342 उम्मीदवारों का नामांकन कमियों की वजह से रद्द कर दिया गया. अब सिर्फ 1168 प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में रह गए हैं. बता दें कि साल 2014 में उम्मीदवारों की संख्या 1351 थी.

बीजेपी 2 और कांग्रेस 1 बागी को मनाने में कामयाब हुई
वहीं अगर बात करें बागियों को मनाने की तो बीजेपी अपने सिर्फ 2 बागियों को मनाने में सफल रही. नारायणगढ़ से बीजेपी के बागी राकेश बिंदल और गुरुग्राम में विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी का नामांकन आखिरी दिन वापस लिया गया. अब भी रेवाड़ी विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, नयनपाल रावत सहित 7 नेता अब भी बीजेपी से नाराज हैं और पार्टी के खिलाफ ही चुनावी ताल ठोक रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सिर्फ बहादुरगढ़ में बागी राजेश जून को मना पाई. इसकेअलावा कांग्रेस के अब भी 15 बागी नेता निर्दलीय या दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं.

अंदर ही अंदर हो रही सेटिंग !

  • पृथला में जेजेपी प्रत्याशी ने बीजेपी के बागी नयनपाल रावत को समर्थन दिया, जिससे बीजेपी के वोट कट सकें.
  • अंबाला कैंट से जेजेपी उम्मीदवार ने बीजेपी के समर्थन में नामांकन वापस लिया.
  • कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी को समर्थन देते हुए इनेलो प्रत्याशी ने अपना नाम वापस लिया.
  • गढ़ी सांपला-किलोई में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के समर्थन में बीएसपी प्रत्याशी ने नामांकन वापस लिया.

कभी आमने-सामने चुनाव नहीं लड़ते देवीलाल परिवार के सदस्य, लेकिन क्यों ?

उम्मीदवार जिनके नामांकन रद्द हुए

फरीदाबाद से इनेलो उम्मीदवार सुमेश चंदीला, पलवल से बीएसपी के देंवेंद्र और तिगांव से आप के दिलीप कुमार का नामांकन कमियों की वजह से रद्द किया गया.

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी का सोमवार को आखिरी दिन था। प्रदेश की 90 सीटों के लिए आए कुल 1846 नामांकनों में से 336 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेकर चुनावी मैदान छोड़ दिया है। 342 प्रत्याशियों के पर्चें खामियों की वजह से रद्द हुए हैं।



संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अब 1168 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। 2014 में 1351 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। भाजपा नारायणगढ़ में बागी राकेश बिंदल व गुड़गांव में विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी का नामांकन वापस कराने में सफल रही। रेवाड़ी विधायक समेत करीब 7 नेता उसके अब भी निर्दलीय या दूसरी पाटियों से मैदान में हैं।



वहीं, कांग्रेस सिर्फ बहादुरगढ़ में बागी राजेश जून को मना पाई। उसके करीब 15 बागी नेता निर्दलीय या दूसरी पार्टियों से चुनाव में डटे हैं। इसी के साथ मान-मनौव्वल का दौर खत्म हो गया है। अब अंदरखाने ही एक-दूसरे का खेल बिगाड़ने की रणनीति बना सकती हैं।

 



इनको मना लिया



भाजपा: 2 बागी माने




             
  • गुड़गांव से बागी विधायक उमेश अग्रवाल की पत्नी अनीता का नाम वापस।

  •          
  • नारायणगढ़ में बागी राकेश बिंदल व निर्दलीय रजनीश ने नाम वापस लिया।



कांग्रेस: एक बागी ही माना




             
  • बहादुरगढ़ में बागी राजेश जून को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने जाकर मनाया, तब नामांकन वापस लिया।



यहां दूसरों से सेटिंग




             
  • गढ़ी सांपला-किलोई में हुड्‌डा के समर्थन में बसपा प्रत्याशी का पर्चा वापस।

  •          
  • पृथला में जजपा प्रत्याशी ने भाजपा के बागी नयनपाल रावत को समर्थन दिया।

  •          
  • अम्बाला कैंट में जजपा प्रत्याशी का भाजपा के समर्थन में नामांकन वापस।

  •          
  • अम्बाला कैंट में कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी के समर्थन में इनेलो प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया।

              



इनके नामांकन रद्द




             
  • फरीदाबाद से इनेलो के सुमेश चंदीला, तिगांव से अाप के दिलीप कुमार व पलवल से बसपा के देवेंद्र का नामांकन रद्द।



8 चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री संपत सिंह ने कांग्रेस छोड़ी

प्रदेश की राजनीति में 4 दशक से सक्रिय व 8 चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री प्राे. संपत सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। हिसार में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संपत ने भजनलाल परिवार व पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा पर निशाना साधा। उन्होंने टिकटों का सौदा करने का आरोप लगाया। संपत ने कहा कि वे हिसार के अादमपुर, नलवा व फतेहाबाद हलके में कांग्रेस को हरवाने का काम करेंगे।



सीएम ने मंच पर ही मच्छरौली को फोन किया



समालखा में सोमवार को सीएम मनोहरलाल की रैली में टिकट के दावेदार व विधायक रविंद्र मच्छरौली नहीं पहुंचे। इस पर सीएम ने मंच से ही मच्छरौली को फोन किया। फिर शशिकांत से बात कराई। सीएम ने कहा कि जीतने वाले तो बहुत थे, पर किस्मत से शशिकांत को टिकट मिली। कल से मच्छरौली पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।


Conclusion:
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